Pahad Katha 2
Author:
Dinesh PathakPublisher:
Antika Prakashan Pvt. Ltd.Language:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 385.4
₹
470
Available
Collection of Short Stories
ISBN: 9788196779306
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Pratinidhi Kahaniyan : Jaishankar Prasad
- Author Name:
Jaishankar Prasad
- Book Type:

- Description: महाकवि के रूप में सुविख्यात जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य-जगत और कथा-साहित्य में भी एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। ‘स्कंदगुप्त‘, ‘चन्द्रगुप्त’ और ‘ध्रुवस्वामिनी’ सरीखे नाटक और ‘तितली’, ‘कंकाल’ और ‘इरावती’—जैसे उपन्यास तथा ‘आकाशदीप’, ‘मधुआ’ और ‘पुरस्कार’ जैसी कहानियाँ उनके गद्य लेखन की अनुलंघ्य ऊँचाइयाँ हैं। यहाँ प्रसाद की प्रायः सभी चुनिन्दा कहानियाँ संकलित हैं, जिनसे गुज़रते हुए हमें न सिर्फ़ भारतीय दर्शन की सुखवादी मूल्य-मान्यताओं की अनुगूँजें सुनाई पड़ती हैं, बल्कि सामाजिक यथार्थ के अनेक अप्रिय स्तरों तक भी जाना पड़ता है। वास्तव में प्रसाद के लिए साहित्य की रचना एक सांस्कृतिक-कर्म है और भारतीय परम्परा के प्राचीन अथवा उसके सनातन मूल्यों में गहन आस्था के बावजूद वे मनुष्य की वैयक्तिक मुक्ति के आकांक्षी नहीं हैं। व्यक्ति हो या समाज, वे उसे स्वाधीन और रूढ़िमुक्त देखना चाहते हैं। यही कारण है कि इन कहानियों में ऐसे अविस्मरणीय चरित्रों का बाहुल्य है, जो स्वाधीनता और मानव-गरिमा को सर्वोपरि मानते हैं। इतिहास और संस्कृति के ऐसे अनेक मनोरम दृश्यचित्र इन कहानियों में उकेरे गए हैं, जो हमें न केवल मुग्ध कर देते हैं, बल्कि कुछ सोचने पर भी विवश करते हैं।
Kathavaachak
- Author Name:
Susmita Pathak
- Book Type:

- Description: स्त्रियाँ परिवार और समाज की धुरी होती हैं लेकिन उन स्त्रियों का जीवन कितना कठिन, विपत्तियों से भरा और त्रासद होता है, कितनी अपमानजनक और विकट स्थितियों-परिस्थितियों से वे जूझती और संघर्ष करती हैं, उसका सटीक और सम्यक चित्रण सुस्मिता पाठक की कहानियों में गुम्फित है। अपनी कहानियों में वह स्त्री की दारुण गाथा मात्र नहीं कहती अपितु स्त्री के सपने और संघर्ष को मजबूत स्वर भी देती हैं। इक्कीसवीं सदी में स्त्री-संघर्ष और विमर्श की एक सुपरिचित व्याख्याकार के रूप में मैथिली साहित्य में इनका स्थान सुरक्षित है। अपनी कहानियों में व्यापक जीवनानुभव, नव्यतर कथ्य, उपस्थापन शैली, स्त्री जीवन की विडम्बनाओं को महीनी से उकेरती, उद्घाटित-उद्भेदित करती सुस्मिता अपने पाठकों को कहानियों से विलग नहीं होने देती हैं। इनकी कहानियों से गुजरते हुए मिथिला के सामाजिक जीवन, रीति-रिवाज, सुख-दुख, राग-विराग और नेह-छोह का विरल अनुभव मिलता है।
Ticket-Sangrah
- Author Name:
Karel Čapek
- Book Type:

- Description: ‘टिकट-संग्रह’ में एक जगह कारेल चापेक कहते हैं, ‘किसी चीज़ को खोजना और पाना, मेरे ख़याल में ज़िन्दगी में इससे बड़ा सुख और रोमांच कोई दूसरा नहीं। हर आदमी को कोई-न-कोई चीज़ खोजनी चाहिए। अगर टिकट नहीं तो सत्य या पंख या नुकीले विलक्षण पत्थर।’ वस्तुत: वे अपनी तमाम कहानियों में व्यक्ति के ‘निजी सत्य’ को खोजने के लिए संघर्षरत नज़र आते हैं—एक भेद, एक रहस्य, एक मर्म जो ज़िन्दगी की औसत और क्षुद्र घटनाओं के नीचे दबा रहता है।
Karja Ke Khatir
- Author Name:
Rana Pratap Singh
- Book Type:

- Description: Stories
Palayan
- Author Name:
Alice Munro
- Book Type:

-
Description:
मानव-मन की बहुस्तरीय जटिलताओं को सरल, पठनीय कथानकों के माध्यम से पाठक तक पहुँचाना एलिस मनरो की कहानियों की विशेषता रही है।
छोटे क़स्बाई परिदृश्य में बुनी गई उनकी ज़्यादातर कहानियाँ ऐसी होती हैं जो अपने छोटे कलेवर में गहरी और व्यापक औपन्यासिक सम्भावनाओं का निर्वाह सफलतापूर्वक करती हैं। रिश्तों की पेचीदगी, नैतिक अन्तर्संघर्ष और स्मृति तथा यथार्थ के तनाव उनकी कहानियों में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
‘पलायन’ में उनके मूल कहानी-संग्रह ‘रनअवे’ की कुछ कहानियों का अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 2004 में प्रकाशित इस पुस्तक को कनाडा के शीर्षस्थ साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। आठ कहानियों के इस संग्रह में दाम्पत्य के अन्तर्विरोधों, प्रेम की आकांक्षा, पारिवारिक सम्बन्धों की टूटन और अकेलेपन की विभिन्न छवियों को अंकित किया गया है।
अपनी बौद्धिक क्षमता, आत्मसम्मान और स्वातंत्र्य को लेकर सचेत स्त्रियों का अपने ही क़रीबी लोगों के बीच अकेले पड़ जाना एक आधुनिक घटना है, और इस पुस्तक से गुज़रने के बाद लगता है कि दुनिया के इस सिरे से उस सिरे तक वह एक ही तरह की पीड़ा के साथ घटित होती है।
हिन्दी पाठकों को ये कहानियाँ निश्चय ही अपने बहुत नज़दीक महसूस होंगी!
Adab Mein Baaeen Pasli : Bhartiya Urdu Kahaniyan : Vol. 5
- Author Name:
Nasera Sharma
- Book Type:

-
Description:
साहित्य की दुनिया में उत्कृष्ट रचनाओं की कमी नहीं है। उसमें से अनुवाद के लिए कुछ भी उठाना जितना सरल है, उतना ही कठिन भी! ख़ासकर तब जब योजना किसी एक देश तक सीमित न होकर कई देशों के बीच फैली हो।
उपन्यास 'आधी रात का मुक़दमा’ का अनुवाद मैंने अंग्रेज़ी से किया। कहानी कहने का अन्दाज़ जटिल था। कुछ शब्द मैंने जानबूझकर उस परिवेश के रहने दिए ताकि वहाँ की हल्की महक पाठ में बसी रहे।
उर्दू में उपन्यास का चयन करना मुश्किल था। अपनी पसंद के सारे महत्त्वपूर्ण उपन्यास हिन्दी में आ चुके थे। तब मेरी नज़र से 'निसाई आवाज़’ [ज़नानी आवाज़] गुज़री तो मैं असमंजस में पड़ गई। मेरी इस योजना में यह तय था कि देश तो बार बार दोहराए जाएँगे मगर लेखक नहीं। इसलिए ख़ुद से एक लम्बे संवाद के बाद आग़ा बाबर की कहानी 'गुलाबदीन चिट्ठीरसाँ’ को खंड तीन से हटाकर उनका उपन्यास ले लिया।
मेरा अनुवाद किया उपन्यास 'बुफ़-ए-कूर’ [अंधा उल्लू] है, जो सादिक़ हिदायत की महत्त्वपूर्ण रचना है।
यह तीनों उपन्यास लगभग साढ़े तीन वर्षों में, मैंने अनुवाद किए। लगातार तो काम नहीं किया, क्योंकि एक साथ मैं कई पुस्तकों पर काम कर रही थी। एक में अटकती तो दूसरे पर अपना ध्यान केन्द्रित कर देती। मुझे नहीं पता मेरे पाठकों को यह तीनों उपन्यास पसंद आते हैं या नहीं! मगर मुझे सिर्फ़ इतना पता है कि ये तीनों लेखक और तीनों उपन्यास अपने समय के चर्चित, महत्त्वपूर्ण उपन्यास हैं जिनकी गूँज उनके देश और विदेश में आज भी साहित्य-प्रेमियों के बीच में सुनाई पड़ती है।
Thakazhiyude Cherukathakal
- Author Name:
Thakazhi Sivasankara Pillai +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: discriptation awaited
Pratinidhi Kahaniyan : Yashpal
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

- Description: प्रेमचन्द की कथा-परम्परा को विकसित करनेवाले सुविख्यात कथाकार यशपाल के लिए साहित्य एक ऐसा शास्त्र था, जिससे उन्हें संस्कृति का पूरा युद्ध जितना था। और उन्होंने जीता। प्रत्येक स्तर पर वे सजग थे। विचार, तर्क, व्यंग्य, कलात्मक सौन्दर्य, मर्म-ग्राह्यता—हर स्तर पर उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया। समाज में जहाँ कहीं भी शोषण और उत्पीड़न था, जहाँ कहीं भी रूढ़ियों, परम्पराओं, नैतिकताओं, धर्म और संस्कारों की जकड़ में जीवन कसमसा रहा था, यशपाल की दृष्टि वहीं पड़ी और उन्होंने पूरी शक्ति से वहीं प्रहार किया। इसी दृष्टि को लेकर उन्होंने उस इतिहास-क्षेत्र में प्रवेश किया जहाँ के भीषण अनुभवों को भव्य और दिव्य कहा गया था। उन्होंने उस मानव-विरोधी इतिहास की धज्जियाँ उड़ा दीं। व्यंग्य उनकी रचना में तलवार की तरह रहा है और वे रहे हैं नए समाज की पुनर्रचना के लिए समर्पित एक योद्धा। मर्मभेदी दृष्टि, प्रौढ़ विचार और क्रन्तिकारी दर्शन ने उन्हें विश्व के महानतम रचनाकारों की श्रेणी में ला बिठाया है। ये कहानियाँ उनकी इसी तेजोमय यात्रा का प्रमाण जुटाती हैं।
Sarla Madam Ke Missed Call
- Author Name:
Dr. Kamal Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Book
Thoda Sa Pragatisheel
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

-
Description:
ममता कालिया की नवीन कहानियों का संग्रह ‘थोड़ा सा प्रगतिशील’ उनके रचनात्मक विकास का महत्त्वपूर्ण बिन्दु है। इन कहानियों में एक ओर प्रेम तो दूसरी ओर बदलते हुए समाज की जीवन्त तस्वीर है। इन कहानियों को महज़ स्त्री-लेखन के कोष्ठक में सीमित नहीं किया जा सकता क्योंकि इनमें समूचे समाज की संघर्षधर्मिता विभिन्न पात्रों और स्थितियों द्वारा व्यक्त हुई है।
प्रस्तुत कहानियों का शिल्प मौलिक और सहज है तथा भाषा-शैली जानदार। वरिष्ठ कथाकार उपेन्द्रनाथ अश्क के शब्दों में, “ममता कालिया की कहानियों में हमेशा अपूर्व पठनीयता रही है। पहले वाक्य से उनकी रचना मन को बाँध लेती है और अपने साथ अन्तिम पंक्ति तक बहाए लिए जाती है।” इन कहानियों में स्त्री-विमर्श समानता का स्वप्न लेकर उपस्थित है।
Pachees Saal Ki Ladki
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी कथाकारों में ममता कालिया अपनी पैनी दृष्टि, जीवन्तता और साफगोई के लिए, अलग से पहचानी जाती हैं। उनकी रचनाओं की विशेषता है कि वे अपने लेखन में रोजमर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व बड़ी संवेदना से उभारती हैं, साथ ही जीवन की जटिलताओं के बीच जी रही हाड़-मांस की स्त्री के जीवन के उन पहलुओं पर पाठकों की दृष्टि आकर्षित करती हैं, जिन्हें लोग प्रायः नजरअन्दाज करते रहे हैं।
यों तो लड़कियों के जीवन में उम्र का सोलहवाँ साल बहुत नाजुक होता है पर पचीस साल की उम्र भी खास मायने रखती है। आधुनिक युग की देन है- लड़कियों की उम्र का पचीसवाँ साल, जिसे ममता जी ने इस संग्रह की कहानियों में रेखांकित किया है। इन कहानियों में उस उम्र की युवतियों की मानसिकता, उनके जीवन-संघर्ष, राग-विराग को कहीं चटक तो कहीं उदास रंगों में प्रस्तुत किया गया है। अलग तेवर लिये इन कहानियों को पढ़ने का आनन्द ही कुछ और है।
Pratinidhi Kahaniyan : Shivmurti
- Author Name:
Shivmurti
- Book Type:

- Description: शिवमूर्ति आम जन-मन को जीनेवाले, उनके बीच रचने-बसनेवाले, उन्हीं की दुनिया के एक ऐसे नागरिक हैं जो अपने समाज के लोगों की दशा-दुर्दशा की वास्तविक स्थितियों-परिस्थितियों को, बगैर किसी पर्दे या झालर-झूमर के सामने लाता है। उनकी कहानियों के पात्र पूरी ताकत के साथ सामाजिक अन्याय, पीड़ा, प्रताड़ना को जीते हुए भी, चुपचाप उसे सहन नहीं कर जाते। बल्कि उस यंत्रणा को भोगते हुए, उनसे लड़ते, पछाड़ खाते पर अन्ततः उन्हें पछाड़ते देखे जा सकते हैं। यही शिवमूर्ति की कहानियों की ताकत है। चित्रण में वही गँवई धूसरपन, विट, लोकोक्तियों से रची-पगी भाषा का सौन्दर्य। उनकी भाषा में किसी तरह की कोई चिकनाहट नहीं, कृत्रिमता नहीं, ठेठ सहज खुरदुरापन है। अगर शिवमूर्ति का कोई ‘शिवमूर्तियाना’ अन्दाज है तो इसी ‘कथाभाषा’ में है, जिसे उन्होंने अर्जित नहीं किया है, जिया है और कमाया है।
O Bhairvi
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘ओ भैरवी!’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘ओ भैरवी!’, ‘वर्दी’, ‘नकारा’, ‘सामन्ती कृपा’, ‘देवी की लीला’, ‘गौ माता’, ‘महाराजा का इलाज’, ‘मूर्ख क्रोध’, ‘सब की इज़्ज़त’, ‘न्याय और दंड’, ‘मन की पुकार’ और ‘देखा-सुना आदमी’।
The Sentient God
- Author Name:
Santanu Kumar Acharya
- Rating:
- Book Type:

- Description: "The Sentient God" is a collection of award-winning Odia short stories written by Santanu Kumar Acharya. The book includes 11 stories that are rooted in folklore and myth and cover a range of genres, including fantasy, humor, horror, crime, and romance. The stories are set in villages, small towns, and cities, and will entertain and lighten the mood while also prompting readers to reflect on deep questions about life. In this book, Acharya experiments with the occult and theoretical postulations in stories like "The Sentient God," "The Witness Tree," "The Dream" and "A Moonlit Night on the College Campus." He was an idealist in his life and never compromised with the establishment, and this is reflected in other stories like "Glasnost," "A Telephone Call," and "August 15," which intend to expose the flaws of the political and bureaucratic system of the present time. Overall, "The Sentient God" cements Acharya's reputation as one of the decade's most inventive and successful Odia short story writers. As all great stories do, these stories have the power to make readers see the world differently.
Indian Short Stories 1900-2000
- Author Name:
E. V. Ramakrishnan
- Rating:
- Book Type:

- Description: The 43 stories collected from 21 languages in this anthology showcase the rich diversity and intricacies of life in India. They range from the turmoil and mass hysteria of partition to the suppressed anger and self-pity of those ensnared in fractured homes. These narratives reveal both the external and internal experiences of Indian society. The sacred and the profane, as well as the elite and the subaltern, feature prominently in these complex narratives, serving as metaphors for self-reflection. Collectively, these stories chart a transformative century in which our country emerged as a unified nation. The evocative imagery from the troubled depths of the 20th century is both unsettling and enlightening.
Savant Aunty Ki Ladkiyan
- Author Name:
Geet Chaturvedi
- Book Type:

-
Description:
मिथकों और दंतकथाओं का आविष्कार गीत चतुर्वेदी की कहानियों की विशेषता है। हमारी इतिहास चेतना को तथ्यों के घटाटोप में मूँदकर तबाह करने के षड्यंत्र की मुख़ालफ़त करते हुए गीत की कहानियाँ व्यष्टि के बहाने समष्टि का भावात्मक इतिहास बनकर पाठकों के कलात्मक आस्वाद का विस्तार करती हैं। चाहे 'सौ किलो का साँप' हो, 'सावंत आंटी की लड़कियाँ' या फिर 'साहिब है रंगरेज' जैसी कहानी, गीत हमारे समाज के अवचेतन में दबी पड़ी उत्कंठाओं, आशाओं व दुराशाओं को एक गहन अन्तर्दृष्टि के साथ रचनात्मक लहज़े में ढालते हैं।...(उनकी कहानियों के) संसारों की बहुलता के मूल में है भाषा की बहुध्वन्यात्मकता। गीत भाषा के साथ बहुत सजग और रचनात्मक खिलवाड़ करते हैं।
—प्रियम अंकित; प्रगतिशील वसुधा।
इक्कीसवीं सदी के पहले दशक के मेरे प्रिय कवि व कथाकार हैं गीत चतुर्वेदी।
—नामवर सिंह
‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ जीवन को गहरी उथलपुथल में डालती हैं। कठोर इलाकों में प्रवेश करती हुई वे लगभग बेक़ाबू हैं, उनका जोखिम ज़बर्दस्त है, शास्त्रीयता का मुखौटा तोड़नेवाला। यह कहानी फ़तह नहीं, त्रासदी है।
—ज्ञानरंजन
गीत चतुर्वेदी ने अपने गल्प व कविताओं में अवां-गार्द भाव दिखाया है। उनका अध्ययन बेहद विस्तृत है जो कि उनकी पीढ़ी के लिए एक दुर्लभ बात है। यह पढ़ाई उनकी रचनाओं में अनायास व सहज रूप से गुँथी दिखती है। उनकी भाषा व शैली अभिनव है। उनके पास सुलझी हुई दृष्टि है जिसमें क्लीशे नहीं और जो कि वर्तमान विचारधारात्मक खेमों के शिकंजे में भी फँसी हुई नहीं है।
—अशोक वाजपेयी
गीत चतुर्वेदी समकालीन रचनाशीलता के विरल उदाहरण हैं। कविता, कहानी व अनुवाद में उन्होंने कई यादगार काम किए हैं। ‘साहिब है रंगरेज़’ उनके कथाकार की उपलब्धि है।
—अखिलेश
गीत चतुर्वेदी विरल रचनाकारों में से एक हैं। ‘साहिब है रंगरेज़’ निश्चित ही एक बेहतरीन रचना है। हमारे समय की जीवित मन:स्थितियों का एक पाठ।
—जीतेन्द्र गुप्ता
Khushkismat
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत कहानी-संग्रह ‘ख़ुशक़िस्मत’ में सामाजिक विसंगतियों का बोध और उनसे उबरने की बेचैनी तथा मनोविज्ञान का समावेश किया गया है। इस कहानी-संग्रह में ‘एक अकेली तस्वीर ख़ुशक़िस्मत’, ‘कौवे और कोलकाता’, ‘चोरी’, ‘सूनी’, ‘बगिया’, ‘छोटे गुरु’, ‘परदेशी’, ‘पंडिताइन’, ‘लड़के’, ‘राएवाली’, ‘बसन्त-सिर्फ़ एक तारीख़’, ‘तस्कीं को हम न रोए’, ‘ख़ाली होता हुआ घर’, ‘एक अदद औरत’ आदि कहानियाँ संगृहीत हैं। नई साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत यह अनुपम कहानी-संग्रह निस्सन्देह पठनीय और संग्रहणीय है।
Amreeka Meri Jaan And Other Stories
- Author Name:
Hari Om
- Book Type:

- Description: Stories have a way of shaping the world we live in. They weave together our beliefs, emotions and the truths we hold dear, often blending reality with imagination. This book is a collection of such stories deeply rooted in the fabric of communal dynamics, yet echoing universal human experiences. Each story sheds light on the innocence, complexities and conflicts that emerge when communities, cultures and individuals collide. The tales in this book are set against the backdrop of day-to-day life in villages and towns. They feature vibrant characters, each with their own quirks and stories to tell. From Rahmat, the oil presser, whose quiet resilience and legendary past make him a figure of endless fascination, to the youthful debates and riddles that animate village temples, these stories explore the deep connections-and divides that define us. While these stories are fictional, they reflect the reality of the world around us. They are not just about individuals or communities; they are about humanity as a whole its flaws, its beauty and its unrelenting pursuit of harmony
Mansarovar Vol. 4 : Laag - Daat Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Premchand
- Rating:
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Anugoonj Zindagi Ki
- Author Name:
Kusum Khemani
- Book Type:

- Description: कुसुम खेमानी अपने कथा-साहित्य के लिए मनुष्य के परिष्कार से समाज-संस्कृति का परिष्कार और समाज-संस्कृति के परिष्कार से मनुष्य के परिष्कार का विधान और वितान जिस कलात्मकता से रचती हैं, वह अद्भुत ही नहीं, विलक्षण है। विलक्षण है एक पुरुष के भीतर एक स्त्री और एक स्त्री के भीतर एक पुरुष का अपने समय की विघटन-प्रक्रिया में द्वन्द्वात्मक अन्वेषण और उसका रचा जाना। घर-परिवार से अछूता संसार कोई संसार नहीं होता, अगर होता है तो वह कुसुम खेमानी का नहीं है। उनका यह कथा-संग्रह 'अनुगूँज जि़न्दगी की’ घर-परिवार और उससे जुड़े तमाम रिश्तों का ऐसा कथा-संसार है जो अपनी ज़मीन पर अपनी जड़ों के साथ है। इसके बावजूद अपनी हज़ारों क़िस्म की विसंगतियों और विडम्बनाओं से तो घिरा ही है, ऊपर से बदलते युग में न तो पूरी तरह आधुनिक हो पा रहा, न उत्तर-आधुनिक। कुसुम खेमानी इन्हीं जटिलताओं से कथा में टकराती हैं और टकराते हुए कई बार जोखिम भी उठाती हैं। निस्सन्देह, इस संग्रह की उपस्थिति एक ऐसी उपस्थिति है जिससे हिन्दी कथा-साहित्य में जीवन, प्रेम और उसके मूल्य; संघर्ष, सम्पूर्णता और उसकी चेतना जिस संवेदन-सघनता की सृष्टि रचते हैं, वह सृष्टि अपने संश्लिष्ट यथार्थ की ज़मीन पर अपने लोक और उसकी स्मृतियों की उम्मीद के साथ दर्ज होती है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.