
Bees Rupaye
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
99
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
198 mins
Book Description
मराठी कहानी का अपना संस्कार और वैशिष्ट्य है। दया पवार की मराठी से अनूदित इन कहानियों में समाज के दलित, पिछड़े और बुनियादी मानव-अधिकारों से वंचित तबके के लोगों के जिए और भोगे हुए यथार्थ का चित्रण है जो पाठक के मानस को उद्वेलित करने की क्षमता रखता है।</p> <p>‘फिदेल’ जहाँ व्यवस्था के ख़िलाफ़ आवाज़ उठानेवाले युवक के चारित्रिक पतन की कहानी कहता है, वहीं ‘अकालग्रस्त’ भूखे-नंगे और विवश लोगों के दयनीय और शोषित जीवन की मार्मिक कहानी है। ‘रजस्वला’, ‘विधायक साहब’, ‘कठफोड़वे’, शीर्षक कथा ‘बीस रुपए’ इस संग्रह की उल्लेखनीय एवं चर्चित कहानियाँ हैं। इन कहानियों में दलित जीवन की व्यथा, पीड़ा, घृणा, प्रेम, विद्रूपताओं एवं विडम्बनाओं की तीक्ष्ण और मार्मिक अभव्यक्ति हुई है।</p> <p>निश्चय ही इस संग्रह का भाषायी प्रवाह और अन्तर्वस्तु की तीक्ष्णता पाठकों को सर्जनात्मक आनन्द की अनुभूति कराएगी और दलित जीवन की व्यथा-कथा एवं मराठी साहित्य के नए क्षितिज से परिचय भी।