Upnishdon Ke Samvad
Author:
Shobha NigamPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Religion-spirituality0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
उपनिषद् भारत के गौरव-ग्रंथ हैं। ये वेदों के अंतिम भाग हैं। वैसे तो ये विश्वप्रसिद्ध ग्रंथ हैं, किंतु दुःख की बात है कि इनसे हम भारतीय ही बहुत कम परिचित हैं। अत्यंत सरल किंतु ओजस्वी भाषा में ये ग्रंथ दार्शनिक समस्याओं पर विचार करते हैं, ऐसी दार्शनिक समस्याओं पर जो मानवजीवन से जुड़ी हुई हैं। ये भारत को श्रेष्ठ मार्ग तो दिखाते ही हैं...प्रेरित करते हैं...चेतावनी भी देते हैं कि यदि हमने इसे नहीं अपनाया तो जीवन में महान हानि निश्चित है। </p>
<p>इस तरह उपनिषदों की शिक्षा सदियों से मानव पर उपकार करती आई है। उपनिषदों ने न केवल भारतीयों को अथवा हिंदुओं को प्रभावित किया है वरन् इन्होंने अन्य देश एवं धर्म के लोगों को भी प्रभावित किया है। अनेक विदेशी विद्वान भी इनके मुरीद हुये हैं। इनसे न केवल परवर्ती आस्तिक दर्शन सिंचित हुये हैं वरन् नास्तिक दर्शन भी सिंचित हुये हैं।</p>
<p>उपनिषदों की एक बड़ी विशेषता यह भी रही है कि वेदों के कर्मकांड की ओर बढ़ते कदमों को रोककर यहां के तेजस्वी ऋषियों ने ज्ञानकांड की गंगा बहाकर भारतीय दर्शन, भारतीय समाज और भारतीय धर्म को एक नई दिशा की ओर मोड़ा है। भगवत्गीता पर उपनिषदों का अत्यंत प्रभाव पड़ा है। गीता को इसीलिये उपनिषदों का सार कहा जाता है।</p>
<p>उपनिषदों के विचार मुख्यतः गुरु और शिष्य के मध्य संवाद रुप में प्रस्तुत हुये हैं। वैसे तो उपनिषदों की संख्या 108 मानी जाती है किंतु इस ग्रंथ में हमने 11 प्रमुख उपनिषदों में आये संवादों को 31 अध्यायों में प्रस्तुत किया है। बृहदारण्यक एवं छांदोग्य उपनिषद् से सर्वाधिक संवाद लिये गये हैं जो इन उपनिषदों का बृहत् आकार देखते हुये स्वाभाविक है।
ISBN: 9789390625888
Pages: 190
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: A marvellous amalgam of mythology and metaphysics, the Markandeya Purana unfolds as a series of conversations, in which the sage Markandeya is asked to answer some deeper questions raised by events in the Mahabharata. These illuminating exchanges evolve into a multi-faceted exploration of the core concepts of Hindu philosophy-from an excellent exposition of yoga and its unique attributes to a profound treatise on the worship of the goddess, the Devi Mahatmya, which also includes the popular devotional texts known as 'Chandi' or 'Durga Saptashati'. Brimming with insight and told with clarity, this luminous text is also a celebration of a complex mythological universe populated with gods and mortals, and contains within its depths many nested tales like that of Queen Madalasa and her famous song. Bibek Debroy's masterful translation draws out the subtleties of the Markandeya Purana, enabling a new generation of readers to savour its timeless riches.
Bhagwatigita
- Author Name:
Ashok Kumar Sharma
- Book Type:

- Description: Bhagwati gita
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