Pida, Neend Aur Ek Ladki

Pida, Neend Aur Ek Ladki

Author:

Prerana Sarwan

Language:

Hindi

Category:

Poetry

0 Reviews

Price: ₹ 160

200

Available

Format:

Quantity

-

1

+
About
Book Details

डायरी से :</p>
<p>दु:ख का गर्भपात नहीं होता है। दु:ख सतमासे भी नहीं होते हैं। दु:ख तो सम्पूर्ण रूप से जन्मते हैं जीवन की कोख से, इस विचार मात्र से मेरे भीतर दु:खों की ज्वालामुखी उमड़ पड़ती है। उसी बहते हुए लावे में हैं हज़ारों दु:खों के भ्रूण, जो एक क्षण में पूर्ण रूप से जन्म लेते हैं। जो मेरे पतन के कारण हैं या उन्नति के, मैं नहीं जानती। मैंने स्वयं से बाहर निकलकर कभी कुछ देखने का साहस या प्रयास नहीं किया। मैं भीतर ही भीतर जीवन की खाई को गहरा करने में लगी रहती हूँ। मुझे याद है, मुझे चाँद ने कभी नहीं छुआ लेकिन बन्द कमरों में आकर सूरज की आग मेरी कोमल देह को झुलसाती रही, पीड़ा देती रही।</p>
<p>11 जुलाई, 1999</p>
<p>मेरी प्रत्येक कविता जीवन की प्रत्येक साँस का ऋण चुकाती है। मेरे जाने पर जीवन मुझ पर एहसान या दया की दुहाई न दे। मैं नहीं कहूँगी अपनी व्यथा, पर मेरी कविता जीवन के मुझ पर किए हुए अन्याय की कथा कहेगी। मृत्यु के बाद भी मेरी कविता ख़ामोश नहीं होगी। मेरी कविता की सत्यता से यह जीवन मृत्यु के बाद भी नहीं बच पाएगा।</p>
<p>25 जनवरी, 1999</p>
<p>कितना बचाया पर आज आख़िरकार गिन्नी चिड़िया के एक बच्चे को खा गई। हम क्या कर सकते हैं! ईश्वर ने जीवों की यही नियति निर्धारित की है। उसकी लीला वो ही जाने, चिड़िया जैसी कितनी इच्छाएँ मेरी रोज़ मरती हैं और आँसुओं में बहा दी जाती हैं।</p>
<p>20 मई, 2011

ISBN: 9788126724192

Pages: 124

Avg Reading Time: 4 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

Customer Reviews

0 out of 5

Book

Hurry! Limited-Time Coupon Code

WORDPOWER
* Terms and Conditions applied.

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp