Pakistani Urdu Shayari Vol. 4
Author:
Narendra NathPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
‘पाकिस्तानी उर्दू शायरी’ के इस खंड में बारह शायरों की रचनाएँ शामिल हैं। नज़्मों, ग़ज़लों और फुटकर शे’रों के अलावा कुछ रचनाकारों के गीत और क़तआत भी आपको इसमें मिलेंगे।</p>
<p>इस पुस्तक शृंखला में शायरों का परिचय, जिसे सम्पादकों ने काफ़ी खोजबीन के बाद तैयार किया, अपने आप में संग्रहणीय सामग्री है। इसे पढ़ते हुए हमें पाकिस्तान में उर्दू काव्य-संसार का भी परिचय मिलता चलता है। उससे हमें मालूम होता है कि जिस तरह भारत में, उसी तरह पाकिस्तान में भी अकसर शायरों-लेखकों का जीवन चुनौतीपूर्ण रहा है। वहाँ के लोगों का और भी ज़्यादा क्योंकि पाकिस्तानी क़लम के ऊपर कठमुल्लापन और शासन की भी तीख़ी निगाह टिकी रही।</p>
<p>इस शृंखला में अब तक शामिल शायरों में अनेक ऐसे हैं जिन्होंने इसके बावजूद कभी अपने स्वर को मद्धम नहीं होने दिया। इसी खंड में प्रकाशित हमीद जालंधरी का यह क़तआ इसका प्रमाण है : ‘कितने ठाठ-बाट से आए आख़िर को बदनाम गए / नाज़ी बनकर आनेवाले गए तो नाफ़रजाम गए / हिटलर, मुसोलिनी और नासिर, इसकंदर, यह्या, अय्यूब / बोल रही है दुनिया, आमिर सबके सब नाकाम गए।’</p>
<p>इसी तेवर और साफ़गोई से अपनी बात कहनेवाली अनेक नज़्में-ग़ज़लें इस ग्रन्थ-शृंखला को एक दस्तावेज़ बनाती हैं, हमारी नज़र से ओझल पाकिस्तान के शायरों को सामने लाने का काम तो ये पुस्तकें करती ही हैं।
ISBN: 9788119989331
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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