Atak Gayi Nind
Author:
Rakesh MishraPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 316
₹
395
Available
समकालीन हिन्दी कविता में भी प्रचुर मात्रा में प्रेम कविताएँ लिखी जा रही हैं। प्रेम अपने समूचे भाव-वैभव तथा वैविध्य के साथ उसमें रूपायित हो रहा है। ऐसे आपाधापी वाले परिवेश में ‘अटक गई नींद’ शीर्षक से कवि राकेश मिश्र की प्रेम कविताएँ प्रकाशित हो रही हैं। ये कविताएँ प्रेम जैसे अत्यन्त कोमल और एकान्तिक मनोभाव को एक नए तेवर और मुहावरे के साथ प्रस्तुत करती हैं—</p>
<p>कहीं मुझमें ही हो तुम</p>
<p>शारदीय नदी के जल में</p>
<p>उगते सूरज की तरह</p>
<p>किताबों के पन्नों में</p>
<p>छिपी सार्थक बातों की तरह</p>
<p>कहीं मुझमें ही हो तुम।</p>
<p>सूने कैनवास पर</p>
<p>उभरने वाले रंगों की तरह</p>
<p>कहीं मुझमें ही हो तुम।</p>
<p> </p>
<p>इस तरह कवि अपने काव्य-कौशल के सहारे बड़ी सटीक और सूक्ष्म अन्तर्वृत्तियों का चित्रांकन करता है। प्रस्तुत संकलन का महत्त्व इस दृष्टि से भी है कि इसके द्वारा पाठक को भावनात्मक पोषण प्राप्त होता है। वह बुद्धि तथा भावना के सन्तुलन को साधता है। इस संकलन की भाषा अपनी अभिव्यंजना में बेहद सटीक और परिपक्व है। इसमें किसी तरह का छद्म नहीं है। वह अपनी सहजता से भी पाठक को मुग्ध करती है। —पुरोवाक् से
ISBN: 9788183619103
Pages: 134
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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