Lockdown Mein Fansi Jindagi
Author:
Dilip KumarPublisher:
Antika Prakashan Pvt. Ltd.Language:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 114.8
₹
140
Available
Collection of Hindi Poem
ISBN: 9789391925604
Pages: 104
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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यह संस्करण उसी परिमार्जित एवं शुद्धतम पाठ की प्रस्तुति है जिसका आरम्भ उनकी एक सुदीर्घ भूमिका से होता है। इस भूमिका में प्रो. अग्रवाल ने पाठ-परिमार्जन की इस पूरी श्रम-साध्य प्रक्रिया पर तो प्रकाश डाला ही है, कबीर पर अपने अब तक के अध्ययन से प्राप्त अद्यतन धारणाओं को भी सूत्र रूप में दे दिया है।
पाठकों को ज्ञात ही है कि ‘अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय’ (2009) में उन्होंने कबीर के बहाने उस मध्यकाल में भारत की आधुनिकता की पहचान की थी, जो औपनिवेशिक आधुनिकता से पहले ही भारत के लोकवृत्त में प्रकट हो चुकी थी।
‘कबीर-ग्रंथावली’ की इस प्रस्तुति में वे न सिर्फ़ कबीर की वाणी को शुद्धतम रूप में हमें दे रहे हैं, बल्कि कबीर-अध्ययन के इतिहास की गुत्थियों को सुलझाते हुए उन्हें ठीक से पढ़ने-जानने की समझ भी हमें प्रदान कर रहे हैं।
Apna Sa Koi Naam
- Author Name:
Vinod Kumar Chaudhary
- Book Type:

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Description:
साम्प्रदायिक सद्भाव, अध्यात्म, प्रकृति, धर्म, दर्शन के विभिन्न रूपों-रंगों को बिखेरती ये कविताएँ एक इन्द्रधनुष बनाती हैं।
सामान्य-सी दिखनेवाली ये कविताएँ गहन, गूढ़ अर्थ रखती हैं और पाठक को संवेदना, चिन्तन का दोहरा आस्वाद देती हैं।
कवि विनोद कुमार चौधरी ने इन कविताओं को लोकभाषा का सौन्दर्य प्रदान कर उस गौरवशाली परम्परा और काव्य-शैली को प्रतिष्ठापित किया है। जिसमें हर शब्द के बहुआयामी अर्थ होते हैं और जो लोगों के साथ वस्तुओं और वनस्पतियों को भी गरिमा, गौरव और सम्मान प्रदान करती है।
कवि नदी की ‘आत्मा’ के प्रति समर्पण भावना प्रदर्शित करते हुए प्रार्थना कर उसका अभिवादन करता है। उसकी श्रेष्ठता हमारे मानस में जगाता है और जन्म-भूमि की स्मृतियों को आभा-दीप्त करते हुए बताता है कि स्मृतियाँ हमारी धरोहर हैं, जो मन-आत्मा को सन्तोष प्रदान कर जीवन को प्रवहमान बनाती हैं।
अतीत और वर्तमान के बीच गहन रिश्ता बनाती ये कविताएँ हर वर्ग, हर आयु के पाठकों का ध्यान आकर्षित करने में सक्षम हैं।
Jogiya Rang ki Bahar
- Author Name:
Shah Turab Ali Qalandar
- Book Type:

- Description: शाह तुराब अली क़लन्दर के फ़ारसी और उर्दू कलाम के साथ साथ उनकी ठुमरियों का पहली बार हिन्दी में प्रकाशन हो रहा है. किताब के संपादक सुमन मिश्र हैं..
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