Dhruv Tara Jal Mein

Dhruv Tara Jal Mein

Author:

Vivek Nirala

Language:

Hindi

Category:

Poetry

0 Reviews

Price: ₹ 200

250

Available

Format:

Quantity

-

1

+
About
Book Details

आज की हिन्दी कविता को जिन लोगों ने सम्भव किया है, उनमें विवेक निराला सर्वाधिक महत्त्व के अधिकारी हैं। सर्वथा नई काव्यभूमि का अर्जन और भाषा की अनूठी भंगिमाओं का सृजन विवेक की कविताओं को एक पृथक् पहचान देते हैं। विवेक अपने काव्य-सन्धान में सुदूर ‘महाभारत’ तक जाते हैं और साथ ही साथ बिलकुल सामने की गली में चल रहे जीवन-व्यापार को भी उसी तन्मयता और कलागत सौष्ठव से चित्त में उतार लेते हैं। इसी प्रशस्त जीवन-चाप के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं 'जूठा-झूठा' जैसे मार्मिक चित्र। बहुत कम कवियों के पास ऐसा विराट कथ्य-वृत्त मिलता है।</p>
<p>विवेक ने बड़े अपनापे के साथ साधारण लोगों का चित्रण किया है। गहरी करुणा और प्रेम से उनके संघर्षों, जिजीविषा और जीवट को उद्घाटित किया है। विवेक की बहुत बड़ी ख़ूबी है उनके स्वर का सन्तुलन। अत्यन्त भावाविष्ट क्षणों में भी उनका स्वर संयत और उद्वेगहीन रहता है यानी तरंगें ताल में नहीं बल्कि पाठक के अन्तस में उठती हैं। ऐसा आत्म-नियंत्रण, वस्तुनिष्ठता और आसक्ति से भरी अनासक्ति दुर्लभ है।</p>
<p>विवेक गहरे और वास्तविक अर्थों में राजनीतिक कवि हैं। कई बार उनकी कविताएँ सपाट और मुँहफट भी लग सकती हैं लेकिन यह भी कवि की रणनीति ही है। वह जो कुछ करते हैं, वह सोची-समझी कला-नीति का परिणाम होता है। 'दिल्ली में एक दिन की राष्ट्रीय समस्या' एक अद्भुत राजनीतिक कविता है। इसका शिल्प भी बेजोड़ है। लेकिन शिल्प की दृष्टि से जो कविता स्वयं विवेक की पिछली सारी कविताओं को पीछे छोड़ देती है वह है ‘नई वर्णमाला’। सम्भवत: ऐसी कविता आज तक लिखी ही नहीं गई। इसी से लगता है कि विवेक कविता की नई वर्णमाला रच रहे हैं और कवि को सभी काव्य-रूपों पर अधिकार प्राप्त है। चाहे वह गद्य कविता हो या छन्दोबद्ध, चाहे लघुकाय हो अथवा लम्बी। ‘स्वर्णयुगों पर शोकगीत’ और ‘विरासत का सवाल’ काफ़ी लम्बी कविताएँ हैं और यहाँ भी कवि ने उसी नियंत्रण और शैल्पिक तथा वास्तु-प्रवीणता का परिचय दिया है।</p>
<p>ऐसा संग्रह कभी-कभी ही बन जाता है। आशा है कि हिन्दी के चारु, सहृदय पाठक इसको अंगीकार करेंगे।</p>
<p>—अरुण कमल

ISBN: 9788126729708

Pages: 127

Avg Reading Time: 4 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

Customer Reviews

0 out of 5

Book

Hurry! Limited-Time Coupon Code

WORDPOWER
* Terms and Conditions applied.

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp