Har Subah Taza Gulab

Har Subah Taza Gulab

Authors(s):

Gulab Khandelwal

Language:

Hindi

Pages:

62

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

124 mins

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Book Description

ग़ज़ल एक छन्‍द मात्र नहीं है। यह अभिव्यक्ति की एक अत्यन्‍त नाजुक विधा है जिसमें सपाटबयानी नहीं चलती। गुलाब खंडेलवाल का यह ग़ज़ल संग्रह ग़ज़ल की इस क्षमता को नए और पुराने के बीच सन्‍तुलन क़ायम रखते हुए नए सिरे से सिद्ध करता है।</p> <p>गुलाब जी ने ग़ज़ल की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने की कोशिश की है और उनकी ग़ज़लों ने भी कवि और सहृदय<strong>, </strong>साहित्य और संगीत तथा हिन्‍दी और उर्दू के बीच की दूरी को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है।</p> <p>प्रस्तुत ग़ज़लों में उर्दू की अभिव्यक्ति-भंगिमा के साथ हिन्‍दी कविता की रसदृष्टि और बिम्‍ब विधायकता का दुर्लभ संयोग देखने को मिलता है। उर्दू कविता के ठेठ पुराने माहौल और उसके अधिकांश रूढ़ प्रतीकों को छोड़कर परम्‍परित ग़ज़ल को उसके कृत्रिम परिवेश से निकालकर जीवन की सहज भावभूमि पर खड़ा करने का प्रयास इन ग़ज़लों में सहज ही दिखता है।</p> <p>मन की मार्मिक अनुभूतियों के साथ-साथ अपने समय-समाज की तीखी चुनौतियों को स्वर देनेवाली ये ग़ज़लें अपनी गेयता और उद्धरणशीलता के कारण भी ध्यान खींचती हैं। जो पाठक इन्हें कवि के भावाकुल क्षणों की वाणी मानकर पढ़ेगा<strong>,</strong> उसे अपने हृदय की निगूढ़ झंकार इनमें सुनाई पड़ेगी।

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