Mere Rashk-E-Qamar
Publisher:
Mandrake PublicationsLanguage:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 143.2
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179
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फ़ना बुलन्दशहरी का मूल नाम हनीफ़ मोहम्मद था। आपका बुनियादी ताल्लुक़ उत्तर प्रदेश सूबे के बुलन्दशहर से था। आपकी पैदाइश का वक़्त मुस्तनद तौर बता पाना मुमकिन है, न ही बुलन्दशहर में आपकी पैदाइश की जगह और शिजरा। इसकी वाहिद वजह यही है कि फ़ना साहब एक सूफ़ी शायर थे। और सूफ़ी शायर अपना कलाम सिर्फ़ अपने महबूब के लिए लिखते हैं और ख़ुद को दुनिया से छुपा कर गुमनाम कर लेना उनका तरीक़ा रहा है। आपकी पैदाइश के कुछ बरस बाद ही आप हिजरत करके पाकिस्तान चले गए। शायरी का शौक़ बचपन से था। उस दौर के मशहूर शायर क़मर जलालवी के शागिर्द हो गए। आपका सूफ़ियाना ताल्लुक़ मोहम्मद शरीफ़ मियाँ क़ादरी नक़्शबंदी पीलीभीत से था और आपका आख़िरी वक़्त गुजराँवाला और लाहौर की ख़ानक़ाहों में गुज़रा। यहीं 1 नवम्बर 1986 को आपका इन्तिक़ाल हो गया।
ISBN: 9789390540389
Pages: 127
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: ‘सारे स़ुखन हमारे’ के रूप में समकालीन उर्दू शाइरी के अजीमुश्शान शाइर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की तमाम ग़ज़लों, नज़्मों, गीतों और क़तआ’त को हिन्दी में पहली बार एक साथ प्रस्तुत किया गया है। इसमें उनका आख़िरी कलाम तक शामिल है। उर्दू शाइरी में फ़ैज़ को ग़ालिब और इक़बाल के पाये का शाइर माना गया है, लेकिन उनकी प्रतिबद्ध प्रगतिशील जीवन-दृष्टि सम्पूर्ण उर्दू शाइरी में उन्हें एक नई बुलन्दी सौंप जाती है। फूलों की रंगो-बू से सराबोर शाइरी से अगर आँच भी आ रही हो तो मान लेना चाहिए कि फ़ैज़ वहाँ पूरी तरह मौजूद हैं। यही उनकी शाइरी की ख़ास पहचान है, यानी रोमानी तेवर में ख़ालिस इन्क़लाबी बात। उनकी तमाम रचनाओं में जैसे एक अर्थपूर्ण उदासी, दर्द और कराह छुपी हुई है, इसके बावजूद वह हमें अद्भुत रूप से अपनी पस्तहिम्मती के ख़िलाफ़ खड़ा करने में समर्थ हैं। कारण, रचनात्मकता के साथ चलनेवाले उनके जीवन-संघर्ष। उन्हीं में उनकी शाइरी का जन्म हुआ और उन्हीं के चलते वह पली-बढ़ी। वे उसे अपने लहू की आग में तपाकर अवाम के दिलो-दिमाग़ तक ले गए और कुछ इस अन्दाज़ में कि वह दुनिया के तमाम मजलूमों की आवाज़ बन गई। वस्तुत: फ़ैज़ की शाइरी हमारे समय की गहन मानवी, समाजी और सियासी सच्चाइयों का पर्याय है। वह हर पल असलियत के साथ है और भाषाई दीवारों को लाँघकर बोलती है। कहना न होगा कि उर्दू के इस महान शाइर की सम्पूर्ण कविताओं का यह एकज़िल्द मज्मूआ हिन्दी में चाव के साथ पढ़ा और सहेजा जाएगा।
Main Ruk Jaoon To Tum Chalna
- Author Name:
Dr. Sushil Siddharth
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- Description: Book
Padmavaat : Mool Evam Sanjeev Vyakhya
- Author Name:
Malik Mohd. Jayasi
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- Description: भारत के प्रसिद्ध विद्वान और इतिहासकार डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल की यह केवल संजीवनी व्याख्या टीका ही नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति के विकास का इतिहास भी है। अनेक शब्दों की इतनी मार्मिक व्याख्या की गई है कि उनके द्वारा नए सांस्कृतिक सन्दर्भ और प्रसंग व्याख्यायित होते हैं। किसी भी मध्यकालीन ग्रन्थ की ऐसी टीका हिन्दी में नहीं है। इस पुस्तक के द्वारा न केवल जायसी को बल्कि पूरे मध्यकालीन सूफ़ी काव्य को गहराई से समझा जा सकता है।
Pinjar Prem Prakasiya : Kabir Par AAdharit Prabandh Kavya
- Author Name:
Ramanand Tiwari
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- Description: Awating description for this book
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