
Panchhi Aise Aate Hai
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
112
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
224 mins
Book Description
विजय तेंडुलकर की मूल मराठी नाट्य कृति ‘अशी पाखरे यती’ का यह हिन्दी अनुवाद अब पूरे देश की नाट्य सम्पदा का महत्त्वपूर्ण अंश है। जहाँ भी रंगमंच जीवन्त है, वहाँ यह नाटक लगातार खेला जा रहा है। कितने ही नगरों में दर्शकों की माँग पर इस नाटक के अनेकानेक प्रदर्शन हुए हैं जो कृति के समग्र प्रभाव का आकलन तो करते ही हैं—लोकरुचि के स्वस्थ परिवार की भी सूचना देते हैं। नाटक में तमाम शिल्पगत विशेषताएँ भरी हुई हैं। सबसे अचरज की बात यह है कि यह नाटक साधारण दर्शक से लेकर सुरुचि सम्पन्न आभिजात्य बौद्धिक वर्ग को भी तीन घंटे तक अपने अन्दर बाँधे रहता है। इस अर्थ में यह कृति सचमुच नाट्य जगत की अभूतपूर्व घटना है—जैसा कि भारतीय पत्र-पत्रिकाओं ने इसके बारे में एक स्वर से घोषणा की है। इस नाटक ने हर स्तर के दर्शकों को बरबस आकर्षित और अभिभूत किया है। अपने भीतर प्रवाहित करुणा की धारा को संपुंजित किए हुए दर्शकों को यह नाटक हँसाता चलता है। यह इस नाटककार की अपनी विशेषता है।