He Ram

He Ram

Language:

Hindi

Pages:

128

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

256 mins

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Book Description

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' का साहित्य के विभिन्न विधाओं में अपना एक महत्त्वपूर्ण योगदान है। रेडियो-रूपकों का यह संग्रह 'हे राम' उन्हीं में से एक है। दिनकर जी की इस पुस्तक में स्वामी विवेकानन्द, महर्षि रमण एवं महात्मा गाँधी जैसे महापुरुषों के जीवन को आधार बनाकर रूपक लिखे गए हैं। गाँधी जी पर जो रूपक दिया गया है, वह उनके जीवन के अन्तिम चार वर्षों की झाँकी प्रस्तुत करता है। वहीं स्वामी विवेकानन्द और महर्षि रमण वाले रूपक दोनों महात्माओं के सम्पूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हैं। इस तरह पुस्तक में इन तीनों महापुरुषों के प्रेरक जीवन की झलकियाँ तो मिलती ही हैं, उनके जीवन-दर्शन से भी हम गहरे परिचित होते हैं।</p> <p>रेडियो-रूपक अँधेरे में मंचित कला का ही एक अदृश्य रूप होता है जिसे भाषा, संवाद, ध्वनि, संगीत आदि उपकरणों के ज़रिए ही सुना-समझा जा सकता है और उनके उद्देश्यों से जुड़ा जा सकता है। ऐसे में ये रेडियो-रूपक श्रवणीय तो हैं ही, अपनी पठनीयता में भी एक मिसाल हैं।</p> <p>सामान्य पाठक के अतिरिक्त दिनकर-साहित्य के शोधार्थियों के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण कृति है 'हे राम'।

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