
Hanoosh
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
140
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
280 mins
Book Description
‘हानूश’ भीष्म साहनी का एक ऐसा नाटक है जिसमें कलाकार की सृजन की अदम्य अकुलाहट और उसकी निरीहता को रूपायित किया गया है। धर्म और सत्ता के गठबन्धन के साथ सामाजिक शक्तियों के संघर्ष की मार्मिक अभिव्यक्ति भी है यह अनमोल नाटक ‘हानूश’। कलाकार के पारिवारिक तनावों का अनूठा अंकन हुआ है ‘हानूश’ में। इस नाटक में एक ऐसे कलकार को केन्द्रीय भूमिका मिली है जो शुरू में ताला बनानेवाला एक सामान्य मिस्त्री है, बाद में उसके दिमाग़ में घड़ी बनाने का विचार उत्पन्न होता है और वह घड़ी बनाने में लग जाता है। विषम परिस्थितियों से जूझता हुआ वह घड़ी बनाने के काम में लगातार सत्रह साल गुज़ार देता है और अन्ततः इस लगन और कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप वह चेकोस्लोवाकिया की पहली घड़ी बनाने में कामयाब होता है। उसकी बनाई गई घड़ी नगरपालिका की मीनार पर लगाई जाती है, लेकिन इतनी बड़ी सफलता के बाद कलाकार को क्या मिलता है? बादशाह कलाकार की आँखें निकलवा लेता है, ताकि वह उस तरह की दूसरी घड़ी नहीं बना सके। चेक-इतिहास की इस छोटी-सी घटना से भीष्म साहनी ने हिन्दी को यह यादगार नाटक सौंपा है जो आज छह दशक बाद भी रंग-प्रेमियों के लिए यथार्थ और आश्चर्य का एक सामंजस्य-सा प्रतीत होता है।