Pratinidhi Kahaniyan : Omprakash Valmiki
Author:
Omprakash ValmikiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
ओमप्रकाश वाल्मीकि को हिन्दी दलित साहित्यकारों की अग्रणी पंक्ति में गिना जाता है। उनकी आत्मकथा ‘जूठन’ ने दलित-वृत्तान्तों में एक क्लासिक का दर्जा हासिल किया और कई कहानियों और कविताओं को मानक रूप में स्वीकृत किया गया। उन्होंने दलित-साहित्य के सौन्दर्यशास्त्र पर व्यवस्थित चिंतन किया जो वैचारिक उत्तेजना का कारण बना। उनकी कहानियों के इस प्रतिनिधि संकलन में उन कथा-रचनाओं को रखा गया है जिन्हें न सिर्फ दलित-चेतना बल्कि भाषा और शिल्प के स्तर पर भी जाति-आधारित समाज की सत्ता-संरचना को चुनौती देने वाला माना गया। जो जीवन उन्होंने जिया, और एक संवेदनशील लेखक के रूप में उसे जिस तरह समझा, वही इन कहानियों का आधार है। समाज को जाति-उत्पीड़न की भयावहताओं से अवगत कराने के साथ-साथ दलित-दमित जन को अपने सम्मान के प्रति सजग करना और प्रतिरोध का रास्ता दिखाना इन कहानियों की मूल प्रेरणा है। इन कहानियों को पढ़कर हम अपने समाज को भी समझ सकते हैं और ओमप्रकाश वाल्मीकि की कथा-सामर्थ्य को भी।
ISBN: 9788119028511
Pages: 144
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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