Dalit-Vimarsh Aur Hindi Sahitya
Author:
Deepak Kumar PandeyPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 220
₹
275
Available
हिन्दी में दलित रचनाकारों की रचनाएँ लगभग तभी से मिलती हैं, जब से हिन्दी साहित्य का आरम्भ होता है।
सिद्धों-नाथों की बानियों से लेकर सन्त साहित्य तक दलित रचनाकारों द्वारा रचित विपुल साहित्य हिन्दी की अमूल्य सम्पदा है।
आधुनिक युग में समता, न्याय और सामाजिक सम्मान के लिए अम्बेडकरवादी वैचारिक प्रेरणा से लिखे गए सामाजिक बदलाव के साहित्य को ‘दलित साहित्य’ की संज्ञा प्राप्त हुई। सचेत अम्बेडकरवादी प्रेरणा का साहित्य हिन्दी से पहले ही मराठी आदि अन्य भारतीय भाषाओं में लिखा गया। पिछली सदी में 1980 के दशक से हिन्दी का दलित लेखन परिमाण और गुणवता, दोनों ही स्तरों पर अपनी सुस्पष्ट स्वतंत्र पहचान बनाता है।
दलित साहित्य अखिल भारतीय परिघटना है। हिन्दी में पिछले चार दशक से सक्रिय दलित रचनाकारों की अनेक पीढ़ियों के प्रतिनिधि स्वरों से रचा गया यह संकलन वक़्त की माँग है।
ISBN: 9789386863355
Pages: 196
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Aidu Paise VaradakshiNe
- Author Name:
Vasudhendra
- Book Type:

- Description: ಕತೆಗಾರರೂ, ಬರಹಗಾರರೂ ಆದ ವಸುಧೇಂದ್ರ ಬರೆದಿರುವ ಸುಲಲಿತ ಪ್ರಬಂಧಗಳ ಸಂಕಲನ ಕೃತಿ ’5 ಪೈಸೆ ವರದಕ್ಷಿಣೆ’. ಲೇಖಕರ ಬಾಲ್ಯ, ಮತ್ತು ಅವರ ವೃತ್ತಿ ಬದುಕಿನ ಬಗ್ಗೆಯೂ ಇಲ್ಲಿರುವ ಪ್ರಬಂಧಗಳಲ್ಲಿ ಪ್ರಸ್ತಾಪವಿದೆ. ಚುಕ್ಕಿ ಬಾಳೆಯ ಹಣ್ಣನ್ನು ಕಂಡಾಗಲೆಲ್ಲ ಲೇಖಕರನ್ನು ಕಾಡುವ ನೆನವರಿಕೆ, ವಾರಣಾಸಿಯಲ್ಲಿನ ಪ್ರವಾಸಾನುಭವ, ಚಾರಣಕ್ಕೆ ಹೊರಡುವವರ ಪೀಕಲಾಟ ಹೀಗೆ, ಎಲ್ಲ ನಮೂನೆಯ ವಿಷಯಗಳ ಕುರಿತಾದ ಬರಹಗಳಿವೆ. ಮಹಾಭಾರತದಲ್ಲಿನ ಒಳಸುಳಿಗಳನ್ನು ಬಿಚ್ಚಿಡುವ ಪ್ರಯತ್ನವೂ ಕೆಲ ಪ್ರಬಂಧ ಬರಹಗಳಲ್ಲಿ ನವಿರಾಗಿ ಸಾಗಿದೆ.
Shubh Vivah
- Author Name:
Rajni Borar
- Book Type:

- Description: Indian weddings are known for their celebration of tradition, rituals and ceremonies. The book with its distinctive narrative style outlines, compiles, streamlines and simplifies the explanation of rituals and their significance in a memorable way to turn the wedding into an unforgettable event for you, your family and your guests. The book with its well written reader friendly step by step planning guide, is detailing every aspect of wedding from selecting a hall to a mehndi design. In addition, the readers will find a special section on Parotna, the hindi word for assimilation of the new bride/groom into the family fold. There is even a practical section on Jewellery, registration of marriage and other events. This book effectively translates old traditions into modern day in a chronological order, all the while taking a refreshingly scathing look at the ostentatiousness of Indian weddings. The usefulness and immense practicality of the book becomes self evident as the wedding moves forward and culminates into a memorable saga for all.
Arctic : Madhya Ratri Ke Surya Ka Kshetra
- Author Name:
Neloy Khare +1
- Book Type:

- Description: आर्कटिक ः मध्य रात्रि के सूर्य का क्षेत्र—निलय खरे, श्यामसुंदर शर्मा पृथ्वी के सुदूर उत्तरी भाग में स्थित आर्कटिक क्षेत्र अपने में एक पूरे महासागर को समेटे हुए है और वर्ष में अधिकांश समय बर्फ से ढका रहता है। यद्यपि यह इतना निर्जन प्रदेश तो नहीं है, जैसा कि एकदम दक्षिण में स्थित अंटार्कटिक, परंतु संसार के सबसे विरल आबादीवाले क्षेत्रों में से एक अवश्य है। भारत के लिए आर्कटिक महासागर का विशेष महत्त्व है। यह महासागर न सिर्फ हमारी जलवायु बल्कि मानसून पवनों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से प्रभावित करता है, इसलिए आर्कटिक का गहन अध्ययन हमारे वैज्ञानिकों के लिए समय-संगत है। प्रस्तुत पुस्तक आर्कटिक क्षेत्र की भौतिक रचना, इसकी खोज का इतिहास, जलवायु, बर्फ, खनिज, यहाँ के निवासी, यहाँ पाई जानेवाली वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं और भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों इत्यादि का रोचक वर्णन सरल भाषा में करने का प्रयास किया गया है। पुस्तक के लेखक डॉ. निलय खरे स्वयं तीन बार आर्कटिक जा चुके हैं। उनके स्वयं के अनुभवों और व्यावहारिक ज्ञान से परिपूर्ण यह पुस्तक अत्यंत प्रामाणिक और जानकारीपरक बन गई है।
Chetna Hero English
- Author Name:
Mission Chetna
- Book Type:

- Description: Chetna is a movement to recognise, appreciate and support goodness in the world. Living up to its mission of ‘Spreading Goodness’ and with the aim of inspiring many to follow goodness in life, the Chetna honours men and women across India, who are brave enough to go against the flow and reach out to help other individuals and families in need. These men and women are recognised as Chetna Heroes. Chetna Heroes are those people who have chosen to speak up through their deeds. None of them began their activities for social good as a broad-based, well-planned and well-funded programme. They simply responded to silent cries for help of people they came into contact with and they did not stop after answering the first cry. These Chetna Heroes continued to ask themselves—“What more can I do?”, “Who else needs this type of assistance?” The answers to these questions shaped their lives into the stories of inspiration that they are today. Chetna is presenting this Coffee Table Book—CHETNA HEROES—To appreciate applaud the dedication and selfless service of these great human beings. We believe that the stories of ‘Chetna Heroes’ will inspire many to follow suit, in embracing and supporting goodness. This very thought is the basis of publishing this Coffee Table Book.
Ardhanareeshwar
- Author Name:
Ramdhari Singh Dinkar
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक के निबन्ध अपने समय के दस्तावेज हैं जिनको पढ़ते दिनकर के वैचारिक-स्रोतों और सन्दर्भों से हम अवगत हो सकते हैं; और जान सकते हैं कि एक युगद्रष्टा साहित्यकार अपने जीवन में अपनी कलम के साथ किस द्वन्द्व-अन्तर्द्वन्द्व के साथ जीता रहा। ‘अर्धनारीश्वर’ दिनकर का वह निबन्ध-संग्रह हैं जिसमें समाज, साहित्य, राजनीति, स्वतंत्रता, राष्ट्रीयता, अन्तरराष्ट्रीयता, धर्म, विज्ञान के साथ-साथ लेखकों, चिन्तकों, मनीषियों, राजनेताओं के कृतित्व और व्यक्तित्व से जुड़े अनेक पहलुओं का व्यापक परिप्रेक्ष्य में गम्भीरता से आकलन किया गया है और तर्क-सम्मत निष्कर्ष निकाले गए हैं। इस संग्रह का नाम ‘अर्धनारीश्वर’ क्यों रखा गया, इसके बारे में स्वयं लेखक का कहना है कि, '“इसमें ऐसे भी निबन्ध हैं जो मन-बहलाव में लिखे जाने के कारण कविता की चौहद्दी के पास पड़ते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जिनमें बौद्धिक चिन्तन या विश्लेषण प्रधान है। इसीलिए मैंने इस संग्रह का नाम ‘अर्धनारीश्वर’ रखा है, यद्यपि इसमें अनुपातत: नरत्व अधिक और नारीत्व कम है।” अतएव स्पष्ट है कि राष्ट्रकवि दिनकर की कविताएँ जिन्हें पसन्द हैं, उन्हें ये निबन्ध भी उनकी सोच-संवेदना के बेहद करीब लगेंगे।
The Great Derangement
- Author Name:
Amitav Ghosh
- Book Type:

- Description: One of India's greatest writers, Amitav Ghosh, argues that future generations may well think so. How else can we explain our imaginative failure in the face of global warming? In this groundbreaking return to non-fiction, Ghosh examines our inability-at the level of literature, history and politics-to grasp the scale and violence of climate change. The climate crisis asks us to imagine other forms of human existence-a task to which fiction, Ghosh argues, is the best suited of all forms. The Great Derangement serves as a brilliant writer's summons to confront the most urgent task of our time.
Hatya Aur Atamhatya Ke Beech Mariya
- Author Name:
Veriar Elwin
- Book Type:

-
Description:
इस किताब का आधारभूत उद्देश्य हिंसा अपराधों के पीछे छिपे मनोविज्ञान को समझना है जो सबसे कम बिगड़े तथा भारतीय आदिवासियों में श्रेष्ठ प्रजाति के लोगों द्वारा किए जाते हैं, तथा वे परिस्थितियाँ जो यहाँ के आदमी, औरतों को आत्महत्या करने के लिए उकसाती हैं।
ऐसी कृति तथा शोधकार्य उन आदिवासियों को, जो जजों तथा मजिस्ट्रेटों द्वारा अपराधी करार दिए जाते हैं, सावधानी तथा बुद्धिमत्तापूर्ण ढंग से समझने तथा उनके साथ सलूक करने के लिए मार्गदर्शन दे सकते हैं। यह कृति निश्चित रूप से दंडित करने तथा आदिवासी कैदियों के साथ जेल में किए जानेवाले व्यवहार पर भी प्रश्न उठाती है। इस किताब के शुरुआती पृष्ठों में मारिया जीवन की विविधता को सारांश में बतलाया गया है। इस संक्षिप्तता में ही उनके अनेक विविध पक्षों को उजागर किया गया है। यह किताब अपराधों के अध्ययन की अपेक्षा सामाजिक नृतत्त्व विज्ञान के लिए एक अमूल्य योगदान है।
Rakesh Aur Parivesh : Patron Mein
- Author Name:
Jaidev Taneja
- Book Type:

-
Description:
कोई व्यक्ति और विशेषत: रचनाकार अपने बारे में क्या कहता है—इससे अधिक महत्त्वपूर्ण और बड़ा सच यह है कि दूसरे उसके बारे में क्या कहते हैं? यह पत्र-संग्रह दूसरों के आईने में राकेश के व्यक्तित्व, कृतित्व और परिवेश की एक प्रामाणिक तस्वीर पेश करता है। यहाँ केन्द्र में राकेश हैं और परिधि पर उनके समकालीन।
लेखकीय आत्म-सम्मान और अपने अधिकारों के लिए हर किसी से कभी भी और कहीं भी त्याग-पत्र देने, वॉक आउट करने और लड़ने-झगड़ने को सदैव तत्पर, निश्छल आत्मीयता की तलाश में दर-दर भटकते सैलानी, भीतर से असुरक्षित, अकेले और बेचैन लेकिन बाहर से छतफाड़ ठहाके लगानेवाले हरदिल अज़ीज़ अनूठे दोस्त, एक साथ ज़बरदस्त बौद्धिक एवं अहंकारी तथा अत्यधिक संवेदनशील और भावुक अपने सिद्धान्तों के लिए अडिग और अटूट तथा अपने लेखन के लिए अत्यन्त अस्थिर, बेसब्र और बेचैन मोहन राकेश के अन्तर्विरोधों की कोई सीमा नहीं है। इस पुस्तक में संकलित राकेश और उनके सहयात्रियों के 721 पत्र उनके जटिल व्यक्तित्व को, पाठकों के लिए, बड़े प्रामाणिक एवं विश्वसनीय रूप में एकदम पारदर्शी बना देते हैं। इनमें उनके चेतन-अवचेतन के अँधेरे-गुह्य कोनों और परिवेश के नेपथ्य की जीवन्त छवियों एवं धड़कनों को साफ़-साफ़ पहचाना और सुना जा सकता है।
नि:सन्देह, यह पुस्तक राकेश के पाठकों, अध्येताओं और शोधार्थियों को राकेश के संघर्षमय जीवन और वैविध्यपूर्ण रचनाकर्म के मर्म को गहराई से जानने-समझने में न केवल रोचक, दुर्लभ एवं महत्त्वपूर्ण सामग्री ही उपलब्ध कराती है, बल्कि हिन्दी के पत्र-साहित्य में एक उल्लेखनीय भूमिका भी निभाती है।
1000 Jeev Jantu Prashnottari
- Author Name:
Menaka Gandhi
- Book Type:

- Description: 1000 जीव-जंतु प्रश्नोत्तरी ' में संसार भर के समस्त जीवों-चाहे वे जल में वास करनेवाले हैं या जमीन पर रहनेवाले हैं अथवा गगन में स्वच्छंद विचरण करनेवाले; जमीन पर रेंगनेवाले, पानी में तैरनेवाले या जमीन पर जीवन के लिए संघर्ष करनेवाले हैं-उनकी आदतों, वातावरण, रहन-सहन, शिकार एवं भोजन प्राप्ति, उनकी संतति तथा उनकी जीवन- रक्षा की पद्धति से संबंधित रहस्यपूर्ण व जानकारीपरक वर्णन है । जीव-जगत् का समग्र दिग्दर्शन करानेवाले जंतु विज्ञान का विशद् ज्ञान कराने के उद्देश्य से एक हजार प्रश्नों का संकलन बड़ी सूझ-बूझ और सुबोध एवं सरल भाषा में किया गया है । प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर पाठकगण जीव-जंतुओं के अनोखे संसार की रोचक जानकारी प्राप्त कर इस क्षेत्र में अपने ज्ञान का विस्तार सहज ही कर पाएँगे ।
Investonomy
- Author Name:
Pranjal Kamra +1
- Book Type:

- Description: गुंतवणुक गुरू आणि शेअर बाजारावर प्रभाव टाकणारे भारताचे लाडके लेखक प्रांजल कामरा हे त्यांचे सर्वोत्तम खपाचे पुस्तक ‘ इन्व्हेस्टोनॉमी’ याची नवीन आवृत्ती घेऊन आले आहेत. तुम्हाला शेअर बाजारात पैसे गुंतवायला भीती वाटते का? गुंतवणूक सुरू करण्याआधी आपण त्यात तज्ज्ञ असले पाहिजे असे तुम्हाला वाटते का? हा सगळा प्रकार म्हणजे बेटींग, जुगार आणि नशीब यांचा आहे असे वाटते का? असे प्रश्न तुम्हाला पडत असतील तर हे पुस्तक तुमच्यासाठीच आहे म्हणून समजा आधुनिक मूल्यात्मक तत्वे काय आहेत एवढेच इन्व्हेस्टॉनॉमी समजावून सांगत नाही तर ते शेअर बाजारातील बरीच गुपितेही आपल्यासमोर उघड करते. पीके म्हणतात की, ‘एखादा मॅट्रीक पास झालेला माणूसही शेअर मार्केटमध्ये जोरदार गुंतवणूक करत असतो.’या सगळ्याला तशी मानसिकता लागते. तशी मानसिकता जोपासण्यासाठीच तर या पुस्तकाचा घाट घालण्यात आला आहे. जेवढे जेवढे तुम्ही जास्त शिकाल तेवढे तेवढे तुम्ही त्यात चक्रवाढ व्याजाने तरबेज बनाल हे सांगणे नलगे. Investonomy / Pranjal Kamara, Transleted by – Savita Damale इन्व्हेस्टॉनॉमी । प्रांजल कामरा, अनुवाद – सविता दामले
Perspective
- Author Name:
Rajesh Aggarwal
- Book Type:

- Description: Only an awakened person can be a true leader. He will share his experiences rather than imposing them on others. A leader should have clarity and capacity to explain any situation before the others and give them freedom to choose according to their own understanding. That knowledge is a true knowledge which is able to eradicate completely the venomous diseases, like unrealistic desires, anger, laziness, greed, pride, tension and depression from its root. When the source of the problem has been identified and salvaged, the solution comes automatically because alertness is the only key and the final solution to any problem. A person can truly love only when from the core of his heart, he eradicates all negativities, jealousy, hatred, inferiority complex, false hopes and fills himself with immense love. If a person really desires to become strong, there should be a balance and synchronisation of all the three qualities — traditions, thoughts and behavior. —from this book These gems of thoughts will inspire you and transform your life, thus giving contentment, satisfaction, happiness and all the good virtues.
Bandhavarachi Zade
- Author Name:
Dr. V. N. Shinde
- Book Type:

- Description: बोर, हादगा, जांभूळ, शेवगा, चिंच, आंबा, आवळा, कडुलिंब, बाभूळ, साग या झाडांविषयीच्या ज्ञानललित माहितीचा लेखसंग्रह म्हणजे ‘बांधावरची झाडे' हे पुस्तक.डॉ. व्ही. एन. शिंदे यांनी जाणीवपूर्वक घडविलेला हा विज्ञानललित बंध आहे. झाडांच्या शास्त्रीय माहितीबरोबर त्यांचा व्याप्ती-पसारा, भूगोल, भाषिक संज्ञेचा वर्णपट त्यामध्ये निवेदिला आहे. त्यामुळे त्यास वस्तुनिष्ठ वैज्ञानिक माहितीचे स्वरूप प्राप्त झाले आहे. त्यासाठी त्यांनी विविध ज्ञानशाखांमधील माहितीचा भरगच्च आधार घेतला आहे. झाडांचा अधिवास व परिसर विज्ञानाविषयीचे हे कथन आहे. त्यात शेतीज्ञानाबरोबर वनस्पतिविज्ञान आहे. त्या त्या झाडांची व्यावहारिक उपयोगिता सांगितली आहे. शिंदे यांच्या लेखनाचा महत्त्वपूर्ण विशेष म्हणजे झाडसृष्टीच्या मानवनिर्मित बांधकामाचे कथन. माणूस आपल्या कल्पनानिरीक्षणाने सृष्टिवाचन करत त्यास मानवी रंगरूप देत आला आहे. डॉ. शिंदे यांच्या लेखनात मानवाने आदिकाळापासून झाडांविषयीचे रचलेले विहंगदर्शन आहे. लोककथा, गाणी, दंतकथा, मिथके व आधुनिक साहित्यातील ही झाडदर्शने आहेत. लोक व लिखित परंपरेच्या झाडवाचनाचा त्यात धांडोळा आहे. एका अर्थाने मराठी संस्कृतीत उमटलेले झाडांचे हे बिलोरी रंगछायादर्शन आहे. डॉ. शिंदे यांच्या या झाडवाचनाला लेखकाच्या आत्मपरतेचे गहिरे रंग प्राप्त झाले आहेत. त्यामुळे बांधावरील हे झाडमायादर्शन मनोहारी ठरेल. - डॉ. रणधीर शिंदे
Sagar Vigyan
- Author Name:
Shyam Sunder Sharma
- Book Type:

- Description: पढ़ने या सुनने में यह बात भले ही अटपटी लगे, पर यह सत्य है कि अब वह समय आ गया है जब हमें खाद्य, आवास, ऊर्जा, प्रदूषण आदि की बढ़ती हुई समस्याओं के समाधान के लिए थल के सीमित संसाधनों से हटकर सागर की ओर उन्मुख होना चाहिए। सागर पृथ्वी के केवल 71% भाग को ही घेरे हुए नहीं है, उसमें कुल जल का 97% भाग ही नहीं हैं, वरन् उसमें अपार खनिज संपदा, असंख्य जीव-जंतु और ऊर्जा का असीम भंडार भी है।
Bhartiya Darshan
- Author Name:
Vachaspati Gairola
- Book Type:

-
Description:
दर्शनशास्त्र समस्त शास्त्रों का सार, मूल, तत्त्व या संग्राहक है। उसमें ब्रह्मविद्या, आत्मविद्या या पराविद्या, अध्यात्मविद्या, चित्तविद्या या अन्त:करणशास्त्र, तर्क या न्याय आचारशास्त्र या धर्म-मीमांसा, सौन्दर्यशास्त्र या कलाशास्त्र आदि सभी विषयों का परिपूर्ण शिक्षण-परीक्षण प्रस्तुत किया गया है।
दर्शनशास्त्र आत्मविद्या, अध्यात्मविद्या, आन्वीक्षिकी, सब शास्त्रों का शास्त्र, सब विद्याओं का प्रदीप, सब व्यावहारिक सत्कर्मों का उपाय, दुष्कर्मों का उपाय और नैष्कर्म्य, अर्थात् अफलप्रेप्सु कर्म का साधक और इसी कारण से सब सद्-धर्मों का आश्रय और अन्तत: समूल दु:ख से मोक्ष देनेवाला है; क्योंकि सब पदार्थों के मूल हेतु को, आत्मा के स्वभाव को, पुरुष की प्रकृति को बताता है; और आत्मा, जीवात्मा तथा दोनों की एकता का, तौहीद का दर्शन कराता है।
दर्शनशास्त्र का जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। ‘जीवन’ और ‘दर्शन’ एक ही उद्देश्य के दो परिणाम हैं। दोनों का चरम लक्ष्य एक ही है; परम श्रेय (नि:श्रेयस) की खोज करना। उसी का सैद्धान्तिक रूप दर्शन है और व्यावहारिक रूप जीवन। जीवन की सर्वांगीणता के निर्माणक जो सूत्र, तन्तु या तत्त्व हैं, उन्हीं की व्याख्या करना दर्शन का अभिप्रेय है। दार्शनिक दृष्टि से जीवन पर विचार करने की एक निजी पद्धति है, अपने विशेष नियम हैं। इन नियमों और पद्धतियों के माध्यम से जीवन का वैज्ञानिक अध्ययन प्रस्तुत करना ही दर्शन का ध्येय है।
सम्प्रति मुख्यत: छह आस्तिक दर्शनों—न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त तथा तीन नास्तिक दर्शनों—चार्वाक, बौद्ध और जैन को ही लिया जाता है। भारतीय दर्शन का जिन विभिन्न शाखाओं या सम्प्रदायों में विकास हुआ, यदि उनके आधार पर यह निश्चित किया जाए कि वे संख्या में कितने हैं तो इसका एक निश्चित उत्तर नहीं मिलेगा। प्राय: खंड दर्शन के आधार पर दर्शनों की संख्या छह मानी जाती है। भारतीय दर्शन की विभिन्न ज्ञान धाराओं का एक ही उद्गम और एक ही पर्यवसन है। उनकी अनेकता में एकता और उनकी विभिन्न दृष्टियाँ एक ही लक्ष्य का अनुसन्धान करती हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में वेद दर्शन, उपनिषद दर्शन, गीता दर्शन, चार्वाक दर्शन, जैन दर्शन, बौद्ध दर्शन, न्याय दर्शन, वैशेषिक दर्शन, सांख्य दर्शन, योग दर्शन, मीमांसा दर्शन, अद्वैत दर्शन तथा रामानुज दर्शन का विस्तृत विवेचन किया गया है।
आशा है, पुस्तक दर्शनशास्त्र के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और पाठकों का मार्गदर्शन करने में सहायक सिद्ध होगी।
Chunautiyon Ko Avasaron Mein Badalata Bharat
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों, अध्यापकों, शोधार्थियों व शैक्षिक नेतृत्व की सोच में व्यापक बदलाव होगा। समकालीन विषय, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन थिंकिंग, होलिस्टिक हेल्थ, ऑर्गेनिक लिविंग, इनवायरनमेंटल एजुकेशन, ग्लोबल सिटिजनशिप एजुकेशन आदि शामिल करने से शिक्षा के स्तर में काफी बढ़ोतरी होगी। नई शिक्षा नीति में हमारा पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि हमारी बालिकाएँ कहीं भी पीछे नहीं रहें। केवल भारत ही एक ऐसा देश है, जहाँ पर अल्पसंख्यकों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ। जहाँ एक ओर हमने हमेशा विदेशी भूमि से लोगों का स्वागत किया है और उन्हें गले लगाया है, उनके मूल्यों और परंपराओं को समाहित करती हमारी संस्कृति अत्यंत विविधताओं को समेटे हुए एक खूबसूरत जीवंतता के दर्शन कराती है। आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, क्योंकि विषम परिस्थितियों में भी अद्भुत जिजीविषा का परिचय देकर भारतीयों ने हर क्षेत्र—शिक्षा, उद्योग, विज्ञान, पर्यावरण, अनुसंधान में मुँह बाए खड़ी चुनौतियों को अवसर में बदलकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। प्रस्तुत पुस्तक भारतीय कर्मशीलता और कर्तव्यबोध का दिग्दर्शन कराती सकारात्मकता जाग्रत् करनेवाली कृति है।
Memories Are Forever
- Author Name:
Sarika Giria
- Book Type:

- Description: This diary is a compilation of my feelings, emotions and experiences. It is a saga of the highs and lows which I have undergone in the roller coaster called life. A bouquet of the joyous moments, when I have laughed so hard that tears have rolled down my cheeks. A bucket of tears that I have shed till there were no more to spare
Main Aur Tum
- Author Name:
Martin Buber
- Book Type:

-
Description:
अस्तित्ववादी चिन्तन-सरणी में सामान्यत: सार्त्र-कामू की ही बात की जाती है और आजकल हाइडेग्गर की भी; लेकिन एक कवि-कथाकार के लिए ही नहीं समाज के एकत्व का सपना देखनेवालों के लिए भी मार्टिन बूबर का दर्शन शायद अधिक प्रासंगिक है क्योंकि वह मानवीय जीवन के लिए दो बातें अनिवार्य मानते हैं : सहभागिता और पारस्परिकता।
अस्तित्ववादी दर्शन में अकेलापन मानव-जाति की यंत्रणा का मूल स्रोत है। लेकिन बूबर जैसे आस्थावादी अस्तित्ववादी इस अकेलेपन को अनुल्लंघनीय नहीं मानते, क्योंकि सहभागिता या संवादात्मकता में उसके अकेलेपन को सम्पन्नता मिलती है। इसे बूबर ‘मैं-तुम’ की सहभागिता, पारस्परिकता या ‘कम्यूनियन’ मानते हैं। यह ‘मैं-तुम’ अन्योन्याश्रित है। सार्त्र जैसे अस्तित्ववादियों के विपरीत बूबर ‘मैं’ का ‘अन्य’ के साथ सम्बन्ध अनिवार्यतया विरोध या तनाव का नहीं मानते, बल्कि ‘तुम’ के माध्यम से ‘मैं’ को सत्य की अनुभूति सम्भव होती है, अन्यथा वह ‘तुम’ नहीं रहता, ‘वह’ हो जाता है। यह ‘तुम’ या ‘ममेतर’ व्यक्ति भी है, प्रकृति भी और परम आध्यात्मिक सत्ता भी। 'मम’ और 'ममेतर’ का सम्बन्ध एक-दूसरे में विलीन हो जाने का नहीं, बल्कि ‘मैत्री’ का सम्बन्ध है। इसलिए बूबर की आध्यात्मिकता भी समाज-निरपेक्ष नहीं रहती बल्कि इस संसार में ही परम सत्ता या ईश्वर के वास्तविकीकरण के अनुभव में निहित होती है; लौकिक में आध्यात्मिक की यह पहचान कुछ-कुछ शुद्धाद्वैत जैसी लगती है।
विश्वास है कि ‘आई एंड दाऊ’ का यह अनुवाद हिन्दी पाठकों को इस महत्त्वपूर्ण दार्शनिक के चिन्तन को समझने की ओर आकर्षित कर सकेगा।
—प्राक्कथन से
Yah Jivan Arpit Bachchon Ko
- Author Name:
Asharani Vohara
- Book Type:

- Description: आज के जागरूक बच्चों को ज्ञान-विज्ञान की हर दिशा से परिचित कराया जा रहा है। विषय कोई भी हो, यदि वह बाल-सुलभ जिज्ञासा उत्पन्न कर सरल ढंग से उसका समाधान करता चलता है, बालक का मनोरंजन कर उसके ज्ञान में आनन्ददायक वृद्धि करता है तो वह बच्चों के लिए ग्राह्य है। यह पुस्तक इन्हीं विशिष्टताओं का केन्द्र है। नेता और समाजसुधारक बहुत हुए पर वे नाम बहुत कम हैं जो मुख्यतः बच्चों के हितों को ही समर्पित रहे। क्या इन नामों से स्वयं बच्चों को परिचित नहीं कराना चाहिए? इसी विचार और प्रयत्न का परिणाम है यह छोटी-सी पुस्तक। इस पुस्तक में बच्चों के रुझान और उत्थान को समर्पित विश्व-भर से चुने हुए केवल सात नाम हैं, जिन्हें पढ़ते समय बच्चों को लगेगा, वे तो उनके अपने हैं—कितने निकट अौर परिचित।
Will For Children
- Author Name:
Kailash Satyarthi
- Book Type:

- Description: Before I began working for children's rights, I constantly found myself struggling with a ‘why’. Why are some children born to work at the cost of their freedom and childhood? Why do the economic conditions of parents determine a child’s education and future? Why are we employing children of the poor to make clothes and toys for children of the better-off? My articles published in the 1980s helped raise critical questions on child labour, trafficking of children, sexual exploitation, the lack of education, and more. This compilation of articles has contributed towards laying The theoretical foundation catalysed a mass movement for children's rights. Over the past 36 years, this movement has led to the establishment of institutions of governance, national and transnational policies for the protection of children, and the mainstreaming of child rights on the global development agenda. As you have picked up this book, I sincerely hope you will exercise your right to ask questions and your willingness to help the children of the world. —Kailash Satyarthi “Once, a fire broke out in the forest. All the birds and beasts, including the lion, the King of the Jungle, started running for their lives. In the midst of the chaos, the lion caught sight of a hummingbird flying towards the fire. Shocked, the lion asked, “What are you trying to do?” The hummingbird, indicating its beak, said, “I am carrying a drop of water to extinguish the fire.” The lion was amused. It said, "How can you douse a fire with just a drop? But the hummingbird was unshaken. It said: “I am doing my bit.” During my Nobel acceptance speech, when I lost some papers, I was reminded of a story I then recounted to the audience. Join me in my movement for children and do your bit, like the little, brave hummingbird. —Kailash Satyarthi
Jeevan Beema : Kyun Aur Kaise?
- Author Name:
Gyansundaram Krishnamurthy
- Book Type:

- Description: हममें से हरेक ने अपने जीवन में या तो स्वतः या दूसरों के अनुभवों से अपने चहेतों की अचानक मृत्यु और सदमे की इस घबराहट का अनुभव किया है। वह हमारे मित्रों, संबंधियों और अपरिचितों में से कोई भी हो सकता है। एक खुशहाल परिवार में रोजी कमानेवाला व्यक्ति पत्नी के अच्छे जीवन, बच्चों की शिक्षा, विवाह, जीवन की शुरुआत और परिवार का यदि कोई ऋण हो तो उसके लिए एक आशा और सुनिश्चितता होती है। उसकी अनुपस्थिति में ये आशाएँ एक बड़ा प्रश्नचिह्न बन जाती हैं। जीवन बीमा एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जो आवश्यकता के समय परिवार की आर्थिक सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है। इस पुस्तक का एकमात्र उद्देश्य जीवन बीमा को इसके बीमांकन या वित्तीय रूप में देखना नहीं है, बल्कि इसके कानूनी पहलुओं को सामने लाना है, ताकि यह लाखों पॉलिसीधारकों को उनकी आवश्यकता के समय बिना किसी परेशानी के इसके लाभ को प्राप्त करने और जिस उद्देश्य के साथ बीमा लिया गया है, उसको पूरा करने की सुनिश्चितता के लिए एक पथ-प्रदर्शक के रूप में सेवा प्रदान करे। बीमा संबंधी समस्त जानकारी से परिपूर्ण एक उपयोगी पुस्तक। अंतिम आवरण पृष्ठ जीवन बीमा एक आवश्यकता है, जो कि जरूरत है समय वित्तीय सुरक्षा की सुनिश्चितता प्रदान करती है; परंतु यदि इसके नियम व शर्तों को नहीं समझा जाता या उनका पालन नहीं होता है तो यह भले के बजाय बुरा अधिक कर सकती है। लेखक ज्ञानसुंदरम कृष्णमूर्ति, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय जीवन बीमा निगम ने जीवन बीमा और इसके दावों से जुड़े कानूनी पहलुओं का मुकदमों के अध्ययन द्वारा सोदाहरण विवेचना की है। पुस्तक पथ-प्रदर्शक के रूप में— पॉलिसीधारकों के लिए • पॉलिसी खरीदने के पहले और बाद में उनके अधिकारों और दायित्व की विवेचना हेतु। • दावों के अमान्य होने पर शिकायत सुधार प्रक्रिया के अनुसरण हेतु। बीमाकर्ताओं के लिए • बीमा की जानकारी एवं इसके कानूनी पहलुओं की आधुनिकता की समझ हेतु। • मुआवजे और बिक्री के लिए अपने ग्राहकों को बेहतर मार्गदर्शन का प्रस्ताव देने के लिए। • पॉलिसी लेने से पूर्व अपने ग्राहकों को विवेचित करना कि उन्हें ‘क्या’ जानना जरूरी है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...