Rahbari Ke Sawal
Author:
ChandrashekharPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 399.2
₹
499
Available
‘रहबरी के सवाल’ में चन्द्रशेखर के ही शब्दों में उनके जीवन के कुछ प्रमुख पड़ावों और विचार-बिदुओं को नए सन्दर्भों में नए सिरे से प्रस्तुत किया गया है। चन्द्रशेखर का जीवन मूलत: एक भारतीय किसान का जीवन था जिसमें कोई दुराव-छिपाव नहीं। राजनीति के शिखर व्यक्तित्व होते हुए भी वे किसी भी विषय पर बिना लाग-लपेट के और दो टूक बोलते थे। यह भी भारतीय किसान का ही स्वभाव है। चन्द्रशेखर के व्यक्तित्व को समझने में यह अवधारणा बहुत मदद देती है। वे जिस विषय पर बोलते थे, उनके विचारों के केन्द्र में भारतीय समाज की परिस्थितियाँ और समाजवादी लोकतांत्रिक मूल्य प्रमुख रूप से दिखाई देते थे। अपनी वैचारिक दृढ़ता के कारण ही वे उथल-पुथल भरे राजनैतिक झंझावातों के बीच आज भी एक जलती मशाल की तरह दृष्टिगत होते हैं।</p>
<p>इस पुस्तक के छह खंडों के नाम हैं : ‘राजनीति के सोपान’, ‘चौदहवीं लोकसभा और संसदीय प्रणाली’, ‘यक्ष प्रश्न’, ‘नज़रिया’, ‘अन्तरंग’ तथा ‘अनुलग्नक’। इन अध्यायों में उन प्रसंगों पर विस्तृत बातचीत की गई है जो आज के सन्दर्भ में भी जीवन्त हैं। चन्द्रशेखर का जीवन एक कभी न रुकनेवाला यायावर का जीवन था। इसमें कहीं ठहराव नहीं। यही वजह है कि उनका व्यक्तित्व उनके किसी भी समकालीन राजनैतिक व्यक्तित्व की तुलना में अधिक गतिशील दिखता है। इस पुस्तक में सार्थक और जीवन्त प्रश्नों के सहारे चन्द्रशेखर के अद्यतन वैचारिक चिन्तन और निष्कर्षों को दर्ज करने का ऐतिहासिक प्रयास किया गया है। ये विचार हमें आत्ममंथन के लिए तो प्रेरित करते ही हैं, भूमंडलीकरण के शोर में अपनी खोती हुई अस्मिता को बचाने के लिए नई शक्ति से भरते भी हैं। यही वजह है कि यह पुस्तक निराशा के राष्ट्रव्यापी माहौल में नई व्यवस्था बनाने के लिए एक सार्थक हस्तक्षेप की तरह है।
ISBN: 9789388183468
Pages: 350
Avg Reading Time: 12 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: हमारी नियति कई आयामों में विचरने के बाद अपने सत्त्व पर वापसी करती है, क्योंकि अंततः जन्मस्थान और पैदायशी खंडकाल ही उसके निर्धारक हैं एवं जो पल हमारे जीवन को दिशा देते हैं, अधिकतर असाधारण न होकर सामान्य और व्यक्तिगत होते हैं। इस जीवन-गाथा की क्रमबद्ध प्रस्तुति में एक अपवाद जरूर है—मस्कट (ओमान राज्य की राजधानी), जिसका जिक्र बार-बार किया गया है और जिसका मुख्य आकर्षण है, मेरे ज्येष्ठ पुत्र संजीव का वहाँ व्यवसाय संबंधित अस्थायी आवास। इसके अलावा संयोगवश ओमानी सुलतान का चाचा फाहर और मैं मेयो कॉलेज में स्कूली पढ़ाई के दौरान सहवर्ती शिक्षार्थी थे एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक अध्ययन काल का एक घनिष्ठ मित्र यशपाल भारद्वाज मस्कट में इंडियन स्कूल का प्रधानाध्यापक था और मैंने उसके साथ कई अंतरंग लम्हे बिताए। एक हादसे के कारण मेरे दुर्घटनाग्रस्त होने पर यशपाल का संकटमोचक सिद्ध होना मस्कट के दौर का मुख्य बिंदु साबित हुआ। संस्मरण में पाठक से निजी तौर पर संप्रेषण स्थापित करने के प्रयास में ‘संवाद’ और ‘चरित्र चित्रण’ का सहारा लिया है, क्योंकि ये दोनों तत्त्व मार्मिक संपर्क के सशक्त माध्यम हैं। चरित्र-चित्रण में सामान्य अथवा विशेष हस्तियों के सशक्त और दुर्बल पहलुओं को वर्णित करने का प्रयास किया गया है एवं घटनाओं में व्यक्तिगत और व्यवसाय संबंधी रोचक अथवा पेचीदे मामले उद्धृत किए गए हैं।
DHARMADVANDVA
- Author Name:
Shabnam Gupta
- Book Type:

- Description: धर्मद्वद्वं एक रोचक काल्पनिक कथानक है। जिस समय में भारतवर्ष पांडवों और कौरवों के दो पालों में बँटता दिख रहा था, उस समय में एक ऐसा आचार्य था जो किसी राजवंश के नहीं, देश के सर्वोपरि होने की बात करता था। जब धर्म अपने नियत खूटे में बँधा हुआ था, तब वो उसकी सीमा रेखा के आगे जाकर, एक नई परिभाषा लिखता था जहाँ धर्म और विवेक का संगम होता है । जिस परिवेश में स्त्री को वस्तु की तरह पाँच भाइयों में बाँट दिया गया था, उसी परिवेश में वह स्त्री शिक्षा और सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाता था। जब समाज, वर्ण और वर्ग में बँटा हुआ था, तब वो जन्म नहीं, कर्म से मनुष्य की पहचान बनाने में क्रियार्थ था। ये उस काल्पनिक आचार्य की कहानी है, जिसका नाम वासू था। भारतीय पौराणिक आख्यान पर केंद्रित मर्मस्पर्शी तथा पठनीय कृति, जो आपको जीवन के आदर्श और मानवमूल्यों से परिचय कराएगी
Meri Unesco Yatra
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "यूनेस्को या संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन विभिन्न देशों, समुदायों, संस्कृतियों और नागरिकों के बीच मानवीय मूल्यों की स्थापना को संभव बनाने के लिए एक सशक्त एवं व्यापक मंच प्रदान करता है। यूनेस्को का प्रमुख उद्देश्य शांति स्थापना, गरीबी उन्मूलन, सतत विकास और शिक्षा के माध्यम से विज्ञान, संस्कृति, संचार और सूचना के क्षेत्र में योगदान करना है। यूनेस्को के लक्ष्यों के केंद्र में अब प्राकृतिक विज्ञान और पृथ्वी के संसाधनों का प्रबंधन भी आ चुके हैं। इसके अंतर्गत विकसित और विकासशील देशों में संसाधन प्रबंधन और आपदा स्थिरता में सतत विकास प्राप्त करने के लिए पानी और पानी की गुणवत्ता, महासागर की रक्षा और विज्ञान तथा इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना शामिल है। भारत में मानव कल्याण संदर्भित चिंतन हजारों वर्ष पुराना है। हमारे वेदों, शास्त्रों एवं अन्य ग्रंथों में शासन करनेवालों को धर्म के आधार पर आचरण करने का परामर्श दिया गया है। इस दृष्टि से देखें तो सामाजिक और मानव विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हुए यूनेस्को भी बुनियादी मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन को न केवल बढ़ावा देता है, बल्कि भेदभाव और नस्लवाद से लड़ने के लिए पूरे विश्व को तैयार करता है। मानव कल्याण के लिए सतत सक्रिय यूनेस्को की भूमिका, उसके कार्य-क्षेत्र, प्रभाव और संभावनाओं के विषय में प्रामाणिक जानकारी देती रोचक एवं पठनीय कृति।
Bhawaniprasad Mishra Sanchayita
- Author Name:
Prabhat Tripathi
- Book Type:

- Description: Bhawaniprasad Mishra Sanchayita
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