Perspective
Author:
Rajesh AggarwalPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 560
₹
700
Unavailable
Only an awakened person can be a true leader. He will share his experiences rather than imposing them on others. A leader should have clarity and capacity to explain any situation before the others and give them freedom to choose according to their own understanding.
That knowledge is a true knowledge which is able to eradicate completely the venomous diseases, like unrealistic desires, anger, laziness, greed, pride, tension and depression from its root.
When the source of the problem has been identified and salvaged, the solution comes automatically because alertness is the only key and the final solution to any problem.
A person can truly love only when from the core of his heart, he eradicates all negativities, jealousy, hatred, inferiority complex, false hopes and fills himself with immense love. If a person really desires to become strong, there should be a balance and synchronisation of all the three qualities — traditions, thoughts and behavior. —from this book
These gems of thoughts will inspire you and transform your life, thus giving contentment, satisfaction, happiness and all the good virtues.
ISBN: 9789394534278
Pages: 80
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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‘‘क़ायदे से अनुपम मिश्र न लेखक थे, न पत्रकार। वे साफ़ माथे के एक आदमी थे जो हर हालत में माथा ऊँचा और साफ़ रखना चाहते थे। उनकी निराकांक्षा उनकी बुनियादी बेचैनियों को ढाँप नहीं पाती थी। ये बेचैनियाँ ही उन्हें कई बार ऐसे प्रसंगों, व्यक्तियों, घटनाओं, वृत्तियों को खुली नज़र देखने-समझने की ओर ले जाती थीं। उनकी संवेदना में ऐसी ऐन्द्रियता थी कि वे विचार का कपड़ा भी पहचान लेती थीं। कुल मिलाकर अनुपम मिश्र की अकाल मृत्यु के बाद शेष रह गई सामग्री में से किया गया यह संचयन हिन्दी में सहज, निर्मल और पारदर्शी, मानवीय गरमाहट से भरे गद्य का विरल उपहार है। हमें मरणोत्तर अनुपम मिश्र को उनकी भरी-पूरी जीवन्तता में प्रस्तुत करने में प्रसन्नता है।”
—अशोक वाजपेयी
Rajendra Yadav Ke Upanyason Mein Madhyavargiya Jeewan
- Author Name:
Arjun Chavhan
- Book Type:

- Description: प्रेमचंदोत्तर हिंदी कथा-साहित्य अनेक प्रकार के वाद-विवादों के बावजूद विकास करता रहा है। प्रेमचंद के बाद उसका रिश्ता ग्रामीण जीवन से तो प्रायः विच्छिन्न हुआ ही, अपने शहरी मध्यवर्गीय चरित्र में भी वह सहज विश्वसनीय नहीं हो पाया। ऐसे में उसे फिर से सप्राण और विश्वसनीय बनाने का कार्य जिन लेखकों ने किया, राजेंद्र यादव उनमें प्रमुख हैं। अर्जुन चव्हाण का यह शोध प्रबंध राजेंद्र यादव के उपन्यासों में मध्यवर्गीय जीवन का अनुशीलन करते हुए उनके इसी महत्त्व को रेखांकित करता है। समूची शोधकृति दस अध्यायों में विभक्त है। पहले में राजेंद्र यादव का विस्तृत परिचय दिया गया है; दूसरे में उनके उपन्यासों के रचना-परिवेश की चर्चा है; तीसरे में भारतीय मध्यवर्ग और राजेंद्र यादव के कथा साहित्य में चित्रित मध्यवर्ग का विवेचन हुआ है। चौथे अध्याय में मध्यवर्गीय जीवन की सामाजिकता का विवेचन है। छठा अध्याय मध्यवर्गीय जीवन के राजनैतिक पक्ष पर केंद्रित है; सातवें में विवेच्य उपन्यासों में चित्रित मध्यवर्ग के धार्मिक जीवन को रूपायित किया गया है। आठवाँ अध्याय मध्यवर्ग के मनोविज्ञान का विवेचन करता है तो नौवाँ उसके सांस्कृतिक जीवन की विवेचना। दसवाँ अध्याय हिंदी उपन्यासों में मध्यवर्गीय जीवन चित्रण परम्परा को प्रस्तुत करते हुए उसमें राजेंद्र यादव के रचनात्मक अवदान को व्याख्यायित करता है| कहना न होगा कि एक शोध-प्रबंध की शर्तों का निर्वाह करते हुए भी यह ग्रंथ राजेंद्र यादव के कथा-साहित्य के बहाने समूचे हिंदी उपन्यास में आये मध्यवर्गीय जीवन का मूल्यवान अध्ययन है।
Jag Badalnare - Granth
- Author Name:
Deepa Deshmukh
- Book Type:

- Description: जग बदलणारे ग्रंथ माणसाची प्रगती होण्यासाठी अनेक गोष्टी कारणीभूत ठरल्या. चाकाचा शोध लागला आणि त्याच्या जगण्याला गती मिळाली. विज्ञान आणि शोधांनी माणसाला डोळस बनवलं. कलेनं त्याचं आयुष्य सुंदर केलं. औद्योगिक क्रांती झाली आणि त्याच्या आयुष्यानं वेगळी वाट पकडली. तंत्रज्ञानानं त्याच्या आयुष्यात खूप मोठी जागा व्यापली आणि त्याचं आयुष्य सुखकर केलं. माणसाच्या वाटचालीत स्त्रीवर लादलेलं दुय्यमत्व झुगारण्यासाठी तिनं संघर्ष केला आणि आपल्या स्वतंत्र अस्तित्वासाठी ठाम भूमिका घेतली. सृष्टीच्या या अफाट पसाऱ्यात माणसाची मग एक एक गोष्ट नीट समजून घेण्याची धडपड सुरू झाली, कधी त्यानं विज्ञानाची साथ घेतली, तर कधी तंत्रज्ञानाची मदत घेतली. कधी त्यानं स्वत:ला समजून घेण्यासाठी मानसशास्त्राची शाखा निर्माण केली. कधी त्यानं व्यवहार सुरळीत चालण्यासाठी अर्थशास्त्राची सोबत घेतली. कधी त्यानं आपली मूल्यं विकसित करताना त्यांना तत्त्वज्ञानाची जोड दिली. या सगळ्या गोष्टींचा दस्तावेज 'ग्रंथ' रुपात जतन करण्याची प्रक्रिया त्यानं सुरू ठेवली. त्यामुळेच जगभरात आज धर्म, कला, विज्ञान, तंत्रज्ञान, मानसशास्त्र अनुवंशशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राज्यशास्त्र, चरित्र अशा अनेक शाखांमधलं लिखाण ग्रंथांच्या रुपानं निर्माण झालं. यातल्या अनेक ग्रंथांनी जगावर प्रभाव टाकला. यातले निवडक ५0 ग्रंथ घेऊन त्यांची ओळख करून देण्याचा प्रयत्न 'ग्रंथ' मध्ये करण्यात आला आहे. कुतूहल, ज्ञानाची आस असणाऱ्या प्रत्येकानं आपलं जगणं अर्थपूर्ण आणि समृद्ध करण्यासाठी दीपा देशमुख लिखित 'ग्रंथ' वाचायलाच हवा. Jag Badalnare - Granth -Deepa Deshmukh जग बदलणारे ग्रंथ - दीपा देशमुख
Utho! Jago! Aage Barho
- Author Name:
Sandip Kumar Salunkhe
- Book Type:

- Description: हमारी आत्मा में ऐसी कई सूक्ष्म आवाजें बसती हैं जो अमूर्त हैं और जिन्हें शब्दों में अभिव्यक्त कर पाना असंभव सा है। उन्हें हम स्वयं अनुभूत करते हैं। ये अनमोल किताबें 'उस’ आवाज को सुनने की क्षमता रखती हैं। जिस प्रकार से प्रकृति में समाई एक अनजान शक्ति ही बीज को अंकुरित होने में, पेड़ बनने में, फलने-फूलने में सदैव प्रेरित करती है, ठीक उसी तरह हमारी अंतरात्मा में भी एक अनजान प्रेरणा बसती है, जो हमारे 'स्व’ रूप के सम्यक् ज्ञान की प्राप्ति की ओर, जीवन के सही अर्थ को खोजने की दिशा में प्रेरित करती है। जीवन सफर के पहले दौर में हम बाहरी जगत् में आदर्श को खोजने में लग जाते हैं। हम संघर्ष करते हैं। बार-बार गिरते हैं और क्षत भी होते रहते हैं। फिर साहस से उठते हैं और संघर्ष के साथ-साथ आगे बढ़ते हैं। हमारे अंदर समाई क्रांति के सफर में यह संघर्ष महत्त्वपूर्ण है। अनिवार्य भी है। अंत में इच्छित क्रांतिकारी पल हमारे जीवन में अवश्य आता है। जीवन को पूर्णतया बदल डालने की ताकत शब्दों में होती है। सारी निराशा को, आलस्य को दूर करने की क्षमता उनमें होती है। तमाम अवगुणों को जलाकर, भस्म कर, अंतर्मन की शक्ति को जाग्रत् करने की शक्ति, क्षमता शब्दों में होती है। अत: 'उठो, जागो और ध्येयसिद्धी की राह पर अविरत चलते रहो। जब तक ध्येय प्राप्त न हो, रुको मत।’
The Phoenix and The Carpet
- Author Name:
Edith Nesbit
- Book Type:

- Description: इस बार चारों बच्चों सिरिल, एंथिया, रॉबर्ट, जेन के हाथ अनजाने में लगता है एक जादुई कालीन जो उन्हें हर रोज़ तीन बार पूरे विश्व के किसी भी कोने की सैर करवा सकता है। उस जादुई कालीन के साथ ही उन्हें मिलता है एक विचित्र सुनहरा अंडा भी, जिसमें से निकलता है एक विलक्षण मायावी पंछी। चारों बच्चे उस जादुई कालीन पर चमत्कारी मायावी पंछी के साथ विलुप्त ख़ज़ाने की खोज से लेकर जंगली आदिवासियों के अनजान टापू की यात्रा जैसे ढेरों रोमांचक सफर पर निकल पड़ते हैं। लेकिन जादुई कालीन की एक छोटी सी गड़बड़ी के कारण उनके घर पर धावा बोलते हैं सैकड़ों बिन बुलाए ऐसे मेहमान, जिनके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा। कैसे उनके नए दोस्त मायापंछी को बंधक बना लिया जाता है... कैसे उनका नन्हा सा भाई जादुई कालीन की वजह से अकेला ही ऐसी अनजान जगह पहुँच जाता है, जहाँ से उसे कोई भी वापस नहीं ला सकता... कैसे एक बार फिर से उनके ये नए रोमांच ही उनके लिए बन जाते है बड़ी मुसीबतें... जानने के लिए पढ़ें 'फाइव चिल्ड्रेन एंड इट’ के बाद एडिथ नेस्बिट द्वारा रचित ‘सैमिएड’ उपन्यास शृंखला का दूसरा भाग 'फीनिक्स एंड द कार्पेट'
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