GK QUIZ
Author:
Anish BhasinPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 480
₹
600
Unavailable
"सवाल करना और उनके जवाब पाने की उत्सुकता व्यक्ति में सहज ही खोजी जा सकती है। पृथ्वी कैसे बनी? महासागर कहाँ से आए? महाद्वीप कैसे बने? मनुष्य का क्रमविकास कैसे हुआ? पृथ्वी पर जंतु ज्यादा हैं या मनुष्य? मनुष्य को दहलानेवाले जलजले, सुनामी, ज्वालामुखी कैसे बनते हैं? इस प्रकार के प्रश्नों के प्रति व्यक्ति आरंभ से ही जिज्ञासु रहा है। प्रश्न करने और उनका समुचित समाधान पाने से व्यक्ति की मेधा और तर्क शक्ति को बल मिलता है। इसी ज्ञानार्जन से व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है। आज के युग में हर क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्द्धा है और प्रतियोगी को हर परीक्षा में नएनए प्रकार के प्रश्नों का सामना करना पड़ता है।
प्रस्तुत पुस्तक भी प्रश्नोत्तरी द्वारा ज्ञानवर्द्धन की कड़ी में एक महती प्रयास है। इसके अध्ययन से पाठक लाभान्वित होकर सफलता के नए सोपान चढ़ेंगे। इसका एकएक प्रश्न उत्तर के साथ जुड़कर आपकी जानकारी में श्रीवृद्धि कर सकता है।"
ISBN: 9789351865353
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: "यूनेस्को या संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन विभिन्न देशों, समुदायों, संस्कृतियों और नागरिकों के बीच मानवीय मूल्यों की स्थापना को संभव बनाने के लिए एक सशक्त एवं व्यापक मंच प्रदान करता है। यूनेस्को का प्रमुख उद्देश्य शांति स्थापना, गरीबी उन्मूलन, सतत विकास और शिक्षा के माध्यम से विज्ञान, संस्कृति, संचार और सूचना के क्षेत्र में योगदान करना है। यूनेस्को के लक्ष्यों के केंद्र में अब प्राकृतिक विज्ञान और पृथ्वी के संसाधनों का प्रबंधन भी आ चुके हैं। इसके अंतर्गत विकसित और विकासशील देशों में संसाधन प्रबंधन और आपदा स्थिरता में सतत विकास प्राप्त करने के लिए पानी और पानी की गुणवत्ता, महासागर की रक्षा और विज्ञान तथा इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना शामिल है। भारत में मानव कल्याण संदर्भित चिंतन हजारों वर्ष पुराना है। हमारे वेदों, शास्त्रों एवं अन्य ग्रंथों में शासन करनेवालों को धर्म के आधार पर आचरण करने का परामर्श दिया गया है। इस दृष्टि से देखें तो सामाजिक और मानव विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हुए यूनेस्को भी बुनियादी मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन को न केवल बढ़ावा देता है, बल्कि भेदभाव और नस्लवाद से लड़ने के लिए पूरे विश्व को तैयार करता है। मानव कल्याण के लिए सतत सक्रिय यूनेस्को की भूमिका, उसके कार्य-क्षेत्र, प्रभाव और संभावनाओं के विषय में प्रामाणिक जानकारी देती रोचक एवं पठनीय कृति।
Aadhi Raat Koi Dastak De Raha Hai
- Author Name:
K.R. Malkani
- Book Type:

- Description: जै सा कि लेखक खुद कहते हैं, यह जेल-डायरी नहीं है, न ही यह इमरजेंसी का वृत्तांत है। इसकी बजाय यह आपातकाल पर पार्श्व प्रकाश है। मल्कानी ने एक बंदी के रूप में जेल में जो कुछ भी देखा, सुना और महसूस किया, उन पर अपने अनुभवों को लिखा है। हिसार, रोहतक और तिहाड़—इन तीन जेलों में उन्होंने इक्कीस महीने बिताए, जहाँ उनकी मुलाकात अपराधियों से लेकर आला नेताओं समेत तरह-तरह के लोगों से हुई। यह उनके विषय में एक बेहद मानवीय दस्तावेज है, जो कभी मनोरंजक, कभी मायूस करनेवाला तो कभी-कभी पीड़ादायी हो जाता है। जेल में एकांत में बिताए गए लंबे समय ने लेखक को हिंदू-मुसलिम समस्या पर गहन विश्लेषण का अवसर दिया, जिसके विषय में उन्होंने नई और उम्मीद जगानेवाली बातें लिखी हैं। पूरी संवेदनशीलता के साथ लिखी गई इस पुस्तक में मर्मस्पर्शी छोटी-छोटी कहानियाँ हैं, जिनमें सियासी ज्ञान भी है, और जिनके कारण पढ़ने में यह पुस्तक बेहद रोचक हो जाती है। यह न केवल किसी एक व्यक्ति का दृष्टिकोण सामने रखती है, बल्कि सभी बंदियों के जीवन की झलक भी दिखाती है।
Sanlap
- Author Name:
Bhagwandas Morwal
- Book Type:

- Description: अपनी साफ़गोई, कथा-विषयों की विविधता और अपनी रचनाओं के लिए श्रम-साध्य शोध और उद्यमिता के लिए सुपरिचित कथाकार भगवानदास मोरवाल इस पुस्तक में उन मुद्दों पर बात कर रहे हैं, जिनका ताल्लुक उनके लेखन, उनकी पुस्तकों, और पात्रों के अलावा हमारे समय, समाज और हिन्दी साहित्य के परिदृश्य से भी है। इस पुस्तक में उनके साक्षात्कार संकलित हैं। ये साक्षात्कार न सिर्फ़ उनके बारे में बताते हैं, बल्कि इन प्रश्नोत्तरों के माध्यम से भारतीय समाज के विरोधाभासों, उसकी बेचैनियों और बतौर एक नागरिक लेखक की ज़िम्मेदारियों पर भी रौशनी डालते हैं। ‘काला पहाड़’ जैसे चर्चित उपन्यास से हिन्दी क्षितिज पर उभरे मोरवाल यहाँ इसके अलावा अन्य उपन्यासों की रचना-प्रक्रिया और उनके साथ जुड़े अपने सरोकारों को भी रेखांकित करते हैं। अपने समाज और ख़ासतौर पर, मेवात क्षेत्र की सामाजिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक बनावट से उनका गहरा परिचय रहा है, जो उनके कई उपन्यासों में भी प्रकट हुआ है, यहाँ इस बारे में वे और विस्तार से बात करते हैं; समाज और साहित्य के विभिन्न मुद्दों पर उनकी बेलाग अभिव्यक्ति तो इन साक्षात्कारों का आकर्षण है ही।
Aadivasi : Shaurya Evam Vidroh
- Author Name:
Ramanika Gupta
- Book Type:

- Description: सर्वप्रथम हमें पूर्वोत्तर के इतिहास में जाना ज़रूरी है, जिससे यह पता चलता है कि वे अंग्रेज़ों, ज़ुल्मी राजाओं या किसी भी अन्याय के ख़िलाफ़ लड़े। इस पुस्तक में हमने अलग-अलग भाषा व राज्यों के वीर नायकों व नायिकाओं की कथाओं के अतिरिक्त पूर्वोत्तर के भिन्न राज्यों में हुए विद्रोहों, प्रतिरोधात्मक आन्दोलनों पर शोधपरक गाथाएँ व सामग्री प्रस्तुत की है। ये सभी गाथाएँ—लिजिन्द्रियाँ, लोककथाएँ या लोकगीत व टिप्पणियाँ पूर्वोत्तर के ही लेखकों द्वारा लिखी गई हैं। हमने इनका चयन कर हिन्दी में अनूदित कर प्रस्तुत किया है। इनके चयन और सम्पादन में काफ़ी समय लगा। चूँकि अनूदित सामग्री की भाषा को परिष्कृत भी करना पड़ा। हमने हिन्दी में कुछ गाथाएँ पूर्वोत्तर में उपलब्ध भिन्न ग्रन्थों व दस्तावेज़ों में दर्ज टिप्पणियों के आधार पर तैयार करके भी प्रस्तुत की गई हैं। एक ही नायक पर भिन्न-भिन्न लेखकों ने अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्ध सामग्री (लोकगीत, किंवदंतियों, लोककथाएँ, ऐतिहासिक दस्तावेज आदि) से लेकर अपने-अपने दृष्टिकोण से प्रस्तुत की है। हमने सभी को सम्मानित करने का प्रयास किया है, ताकि पूर्वोत्तर में घटित इस इतिहास को गहराई तक समझा और जाना जा सके और शेष भारत उनसे अपना दर्द का रिश्ता जोड़ कर संवाद क़ायम करे। —‘सम्पादकीय’ से
Aadivasi : Vikas Se Visthapan
- Author Name:
Ramanika Gupta
- Book Type:

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Description:
आदिवासियों का पलायन और विस्थापन सदियों से होता रहा है और ये आज भी जारी है। आदिवासियों के जंगलों, ज़मीनों, गाँवों, संसाधनों पर क़ब्ज़ा कर उन्हें दर-दर भटकने के लिए मजबूर करने के पीछे मुख्य कारण हमारी सरकारी व्यवस्था रही है। वे केवल अपने जंगलों, संसाधनों या गाँवों से ही बेदख़ल नहीं हुए बल्कि मूल्यों, नैतिक अवधारणाओं, जीवन-शैलियों, भाषाओं एवं संस्कृति से भी वे बेदख़ल कर दिए गए हैं।
हमारे मौलिक सिद्धान्तों के अन्तर्गत सभी को विकास का समान अधिकार है। लेकिन आज़ादी के बाद के पहले पाँच वर्षों में लगभग ढाई लाख लोगों में से 25 प्रतिशत आदिवासियों को मजबूरन विस्थापित होना पड़ा। विकास के नाम पर लाखों लोगों को अपनी रोज़ी-रोटी, काम-धंधों तथा ज़मीनों से हाथ धोना पड़ा। उनको मिलनेवाले मूलभूत अधिकार जो उनकी ज़मीनों से जुड़े थे, वे भी उन्हें प्राप्त नहीं हुए।
आदिवासियों के प्रति सरकार तथा तथाकथित मुख्यधारा के समाज के लोगों का नज़रिया कभी संतोषजनक नहीं रहा। आदिवासियों को सरकार द्वारा पुनर्वसित करने का प्रयास भी पूर्ण रूप से सार्थक नहीं हो सका। अन्ततः अपनी ही ज़मीनों व संसाधनों से विलग हुए आदिवासियों का जीवन मरणासन्न अवस्था में पहुँच गया।
21वीं सदी में पहुँचकर भी हमारे देश का आदिवासी समाज जहाँ विकास की बाट जोह रहा है। वहीं दूसरी तरफ़ सरकार की उदासीन नीतियों के कारण उनकी स्थिति ज्यों की त्यों ही है।
विकास के नाम पर छले जा रहे आदिवासियों के पलायन और विस्थापन आदि समस्याओं पर केन्द्रित यह पुस्तक समाज और सरकार के सम्मुख कई सवाल खड़े करती है।
Guntavnuk Darala Mahit Asayalacha Havya Ashya Sharebajarachya Yuktichya Goshti
- Author Name:
Swaminathan Annamalai +1
- Book Type:

- Description: शेअर बाजारात नवोदित आणि अनुभवी असलेल्यांसाठीही हे पुस्तक आहे. भारतीय शेअर बाजाराबद्दल फारशा माहीत नसलेल्या गोष्टी लेखकाने अत्यंत सोप्या, तरीही रोचक पद्धतीने सांगितलेल्या आहेत.’ - फिरोज व्ही. आर. वैश्विक सेवाप्रमुख, उपाध्यक्ष ‘एस.ए.पी.’ आणि इंडिया इन्क्ल्यूजन फाउंडेशनचे संस्थापक हे पुस्तक तुम्ही का वाचायला हवे? हे पुस्तक वाचून झाल्यानंतर तुम्हाला खालील गोष्टींबद्दल समजेल : 1. शेअर बाजार जितका वेळ चालू असतो तितका वेळ संगणकासमोर बसला नाहीत, तरीही पैसे कमावता येतात. 2. भरपूर नफा मिळवून देणारे शेअर्स पटकन ओळखून आपला फायदा करून घेता येतो. 3. शेअर बाजारात ज्या शेअर्सचे व्यवहार आता होत नाहीत अशा अ-सूचीबद्ध शेअर्सची हाताळणी. 4. भीडभाड न बाळगता ऑप्शन्स विकून टाकणे आणि नफ्याची टक्केवारी वाढवणे. 5. आयपीओबद्दल आणि आयपीओकरिता पैसे कसे उभे करावेत याबद्दल माहिती. 6. कागदी शेअर्सचे रूपांतरण इलेक्ट्रॉनिक शेअर्समध्ये (डिमटेरिअलायझेशन) कसे करावे. 7. बीईईएस (इशएड) म्हणजे काय, तो गुंतवणुकीचा जोखीममुक्त पर्याय आहे का? 8. स्टॉक स्क्रीनर्सशी ओळख. 9. शेअर बाजाराला कोणत्या प्रकारच्या घोटाळ्यांमुळे फटका बसू शकतो. 10. हिंदू अविभक्त कुटुंबाची (कणऋ) स्थापना करून आयकर वाचवता येऊ शकतो. Guntavnuk Darala Mahit Asayalacha Havya Ashya Sharebajarachya Yuktichya Goshti - Swaminathan Annamalai गुंतवणूकदाराला माहित असायलाच हव्या अश्या शेअरबाजारच्या युक्तीच्या गोष्टी - स्वामिनाथन अन्नामलाई
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