Mizoram Ki Lokkathayen
Author:
Prof. Yashwant SinghPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
पूर्वोत्तर भारत में सैकड़ों जनजातियाँ अपनी सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधताओं के साथ लंबे समय से निवास करती आ रही हैं। इन जातियों के रहन-सहन, तौर-तरीके, विश्वासों में उतना ही भेद है, जितना पूर्वोत्तर भारत एवं शेष भारत में। यहाँ की जनजातियों का कोई प्राचीन लिखित साहित्य, लिखित इतिहास एवं लिखित साक्ष्य प्राप्त नहीं होता है।
प्राचीन काल से इन जनजातियों के पास लोक-साहित्य सृजन की एक समृद्ध परंपरा रही है। प्राचीन काल से ये लोक-साहित्य सृजित, विकसित, हस्तांतरित होते हुए मौखिक परंपरा में आज तक चले आ रहे हैं। इन जनजातियों के प्राचीन सामाजिक जीवन, सांस्कृतिक तौर-तरीके, रहन-सहन, खान-पान, पहनावा-ओढ़ावा, धार्मिक विश्वासों आदि के बारे में जानने के आज ये एक सशक्त माध्यम हैं।
मिजो जनजातियों के पास भी प्राचीन लोक-साहित्य और लोककथाओं का एक बहुमूल्य खजाना है, जो उनके प्राचीन सामाजिक जीवन, सांस्कृतिक तौर-तरीके, रहन-सहन, खान-पान, पहनावा-ओढ़ावा, धार्मिक विश्वासों आदि के बारे में जानने का आज एक सशक्त माध्यम हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर इन मिजो लोककथाओं का संकलन प्रस्तुत है, ताकि पाठक वहाँ की लोक-संस्कृति, परंपराओं और मान्यताओं को जान सकें।
ISBN: 9789355210470
Pages: 176
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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‘टेढ़े-मेढ़े रास्ते’ न केवल भगवतीचरण वर्मा के, बल्कि समग्र हिन्दी-कथा साहित्य के गिने-चुने श्रेष्ठतम उपन्यासों में एक है। इसमें सन् 1920 के बाद के वर्षों में भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम में सक्रिय राजनीतिक विचारधाराओं और शक्तियों का बेहद सटीक और संश्लिष्ट चित्रांकन किया गया है। एक सामन्ती परिवार के भीतर प्रवेश करनेवाले तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभावों को और उनके फलस्वरूप पैदा होनेवाली स्थितियों को उनकी पूरी जटिलता में एक विशाल कैनवास पर उतारने में कथाकार सफल हुआ है।
उपन्यास में पंडित उमानाथ तिवारी और उनके तीन पुत्रों की कथा के माध्यम से पूरे देश की उथल-पुथल का खाका खींच दिया गया है। कथानक के तमाम मोड़ों पर मार्मिक प्रसंगों की अवतारणा करके तथा विभिन्न पात्रों के वैचारिक संघर्षों के माध्यम से गांधीवाद, साम्यवाद, समाजवाद और परम्परागत भारतीय मूल्यों की कशमकश को प्रभावी तरीके से चित्रित किया गया है। चरित्रों के निर्माण और कथारस में अद्वितीय यह उपन्यास हिन्दी कथा-यात्रा का एक मील-पत्थर है।
Kasch Ka Vinash
- Author Name:
Roberto Calasso
- Book Type:

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इस शानदार पुस्तक में, ‘द मैरिज ऑफ़ कैडमस एंड हारमनी’ के ख्यात लेखक, रॉबर्तो कलासो उस कोड का रहस्य खोल देते हैं जिसे बॉदिलेयर आधुनिक कहता है—फ्रेंच रिवॉल्यूशन से चलकर निरन्तर घातक होती द्वितीय विश्वयुद्ध तक की कालावधि। टैलीरॉ के फ़्रांस से लेकर विख्यात अफ़्रीकन शहर कश तक, लेनिन के रूस और कम्बोडिया के नरसंहारी खेतों तक, कलासो हमें मिथकों, साहित्य, कला और विज्ञान की लुभावनी भूल-भुलैयों से होकर सभ्यता के केन्द्र में लाते हैं जहाँ वे इतिहास के गुह्यतम रहस्यों का उद्घाटन करते हैं। आवाज़ों और वार्तालापों से भरी-पूरी, आश्चर्यजनक, पहेली बुझाती, यह गहन पुस्तक पढ़कर भूल जानेवाली चीज़ नहीं है। यह किसी प्राचीन पुस्तकालय की गन्ध की भाँति स्मृति में बसी रह जाती है।
—सुनील खिलनानी, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, बुक रिव्यू
ऐसा लगता है कि कलासो ने इस माँग करती और कुरेदनेवाली पुस्तक को बनाने में कम से कम एक राष्ट्रीय पुस्तकालय को खँगाला होगा। इसकी विषय-वस्तु आधुनिक मस्तिष्क का छिछलापन है और आधुनिक संस्कृति की कार्य-विधि के कारण ही जिसका कलासो ऐसी बारीकी और योग्यता से विश्लेषण करते हैं...मैं उस विशेषण का प्रयोग करने में हिचक रहा हूँ जिसके योग्य यह पुस्तक सर्वथा है : मास्टरपीस (श्रेष्ठ रचना)...सभी महान पुस्तकों की भाँति यह पुस्तक हमें अधिक पढ़ती है और हम इसे कम पढ़ते हैं और कला या चिन्तन की महान रचनाओं के समान ही, यह आपको अपना जीवन बदलने के लिए विवश कर सकती है।
—जे टॉल्सन, ‘सिविलिजे़शन’
‘द रुइन ऑफ़ कश’ दो विषय लेती है : प्रथम है टैलीरॉ और दूसरा है बाक़ी सब चीज़ें, और बाक़ी सब चीज़ों में वे सब चीज़ें शामिल हैं जो मानव इतिहास में घटित हुई हैं, सभ्यता की शुरुआत से लेकर आज तक...। यह एक ऐसी पुस्तक है जो अपने आपको एक भटकन और आवारापन में उजागर करती है, अपनी कल्पना, मनमर्ज़ी और कभी न तृप्त होनेवाली जिज्ञासा से मार्गदर्शन प्राप्त करती है, और बनी हुई है टुकड़ों से, उद्धरणों और इधर-उधर भटकने से, कहानियों, लघुकथाओं और कहावतों से—यह सब इसलिए कि इसे एक अविरल आनन्द के साथ पढ़ा जा सके।
—इटालो काल्विनो, ‘पैनेरामा मेस’
Main Borishailla
- Author Name:
Mahua Maji
- Book Type:

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बांग्लादेश में एक सांस्कृतिक जगह है बोरिशाल। बोरिशाल के रहनेवाले एक पात्र से शुरू हुई यह कथा पूर्वी पाकिस्तान के मुक्ति-संग्राम और बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र के अभ्युदय तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि उन परिस्थितियों की भी पड़ताल करती है, जिनमें साम्प्रदायिक आधार पर भारत का विभाजन हुआ और फिर भाषायी तथा भौगोलिक आधार पर पाकिस्तान से टूटकर बांग्लादेश बना।
समय तथा समाज की तमाम विसंगतियों को अपने भीतर समेटे यह एक ऐसा बहुआयामी उपन्यास है जिसमें प्रेम की अन्त:सलिला भी बहती है तथा एक देश का टूटना और बनना भी शामिल है। यह उपन्यास लेखिका के गम्भीर शोध पर आधारित है और इसमें बांग्लादेश मुक्ति-संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों तथा उर्दूभाषी नागरिकों द्वारा बांग्लाभाषियों पर किए गए अत्याचारों तथा उसके ज़बर्दस्त प्रतिरोध का बहुत प्रामाणिक चित्रण हुआ है। उपन्यास का एक बड़ा हिस्सा उस दौर के लूट, हत्या, बलात्कार, आगजनी की दारुण दास्तान बयान करता है। उस दौरान मानवीय आधार पर भारतीय सेना द्वारा पहुँचाई गई मदद और मुक्तिवाहिनी को प्रशिक्षण देने के लिए भारतीय सीमा क्षेत्र में बनाए गए प्रशिक्षण शिविरों तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार द्वारा निभाई गई भूमिका का भी ज़िक्र इसमें है।
युवा लेखिका महुआ माजी का यह पहला उपन्यास है। लेकिन उन्होंने राष्ट्र-राज्य बनाम साम्प्रदायिक राष्ट्र की बहस को बहुत ही गम्भीरता से इसमें उठाया है और मुक्तिकथा को भाषायी राष्ट्रवाद की अवधारणा की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया है। ज़मीन से जुड़ी कथा-भाषा और स्थानीय प्रकृति तथा घटनाओं के जीवन्त चित्रण की विलक्षण शैली के कारण यह उपन्यास एक गम्भीर मसले को उठाने के बावजूद बेहद रोचक और पठनीय है।
Agneya Varsh
- Author Name:
Konstantin Fedin
- Book Type:

- Description: ‘आग्नेय वर्ष’ फ़ेदिन की प्रसिद्ध उपन्यास-त्रयी के पहले उपन्यास ‘पहली उमंगें’ के पात्रों से हम जहाँ विदा लेते हैं, उसके कई वर्ष बाद, अक्टूबर क्रान्ति के भी दो वर्ष बाद, हमारी मुलाक़ात फिर उन्हीं पात्रों से एकदम नए परिवेश में होती है—‘आग्नेय वर्ष’ उपन्यास में। उपन्यास की शुरुआत में एक रूसी सैनिक जर्मन युद्धबन्दी शिविर से भागकर रूस पहुँचता है जहाँ क्रान्ति के बाद गृहयुद्ध की आग धधक रही है। लौटनेवालों में इज्वेकोव और रागोजिन भी हैं। सरातोव में उनकी मुलाक़ात पुराने दोस्तों और दुश्मनों से होती है। युद्ध और क्रान्ति के गुज़रे हुए दिनों ने सबके जीवन पर अलग-अलग ढंग से अमिट छापें छोड़ी हैं। उपन्यास में रागोजिन और इज्वेकोव—एक मज़दूर और एक बुद्धिजीवी बोल्शेविक का अन्तर्भेदी चित्रण प्रस्तुत किया गया है। दोनों ही एक शक्तिशाली ऐतिहासिक आन्दोलन की उपज हैं और नेता भी। दोनों ऐसे इंसान हैं जिनकी गहन-गम्भीर आन्तरिक दुनिया का उन अभूतपूर्व सामाजिक कार्यभारों के साथ पूरा सामंजस्य है, जो उनके सामने खड़े हैं। उपन्यास कला की दुनिया के उन बुद्धिजीवी सदस्यों का भी जीवन्त चित्र उपस्थित करता है जो स्वयं को वर्ग-पूर्वाग्रहों से मुक्त करते हैं और नए रूस के जीवन में भागीदारी करते हैं।
Things End But Memories Last Forever
- Author Name:
Kumar Milan
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- Book Type:

- Description: One often meets his destiny on the road he takes to avoid it� Have you ever: Been in true love? Not love at first sight but love at every sight? Met the love of your life after 4 years only to lose her again? Faced a psycho stalker? Messed with family of cops? Get caught boozing by none other than your mother on your own birthday? Well, if this excites you even a bit, this would be an enthralling read for you. Things End But Memories Last Forever. The book tells the real life bitter-sweet incidents and discloses a candid narration by a mad, love struck and bemused guy, Abhi, who confesses about every last details of his past life to his best friend after a near death escape in a car accident. The tale of his first love Nikita, and much more. As time goes on, you�ll understand. What lasts, lasts; what doesn�t, doesn�t. We are habituated to miss those people the most, who left us for no reason�
Journey of Love
- Author Name:
Aditi Srivastava
- Rating:
- Book Type:

- Description: Not everyone in this world gets love at first chance. Ritika and Divakar, a couple made in heaven. Perfect understanding, perfect for each other but then nothing remains perfect for too long. Things changed and Ritika had only stars to preach and love. But life doesn�t stop it goes on. In this pace, will Ritika be able to get someone who will love her? Will she be able to get someone whom her conscience would allow or will she be forced to live with remorse?
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