Meera Aur Mahatma
Author:
Sudhir KakkarPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
सन् 1925; भारत का स्वतंत्रता संग्राम बिखरी हुई हालत में था, नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो रहे थे, और पूरे देश में साम्प्रदायिक वैमनस्य की घटनाएँ हो रही थीं। इस दौरान, सक्रिय राजनीति से अलग-थलग बापू गांधी साबरमती आश्रम में अपने जीवन की सबसे महत्त्वपूर्ण गतिविधि में संलग्न थे। वे आत्मानुशासन, सहनशीलता और सादगी के उच्चतर मूल्यों को समर्पित एक समुदाय की रचना में व्यस्त थे। बापू की इसी दुनिया में पदार्पण हुआ एक ब्रितानी एडमिरल की बेटी मेडलिन स्लेड का जो बाद में मीरा के नाम से जानी गईं।
गांधी के लिए जहाँ वास्तविक आध्यात्मिकता का अर्थ था आत्मानुशासन और समाज के प्रति पूर्ण समर्पण, वहीं मीरा मानती थीं कि सत्य और सम्पूर्णता का रास्ता मानव रूप में साकार शाश्वत आत्मा के प्रति समर्पण में है, और यह आत्मा उन्हें गांधी में दिखाई दी। इस प्रकार दो भिन्न आवेगों से परिचालित इन दो व्यक्तियों के मध्य एक असाधारण साहचर्य का सूत्रपात हुआ।
विख्यात मनोविश्लेषक-लेखक सुधीर कक्कड़ ने बापू और मीरा के 1925 से लेकर 1930 तथा फिर 1940-42 तक के समय को इस उपन्यास का आधार बनाया है, जिस दौरान, लेखक के अनुसार वे दोनों ज़्यादा क़रीब थे। ऐतिहासिक तथ्यों की ईंटों और कल्पना के गारे से चिनी गई इस कथा की इमारत में लेखक ने बापू और मीरा के आत्मकथात्मक लेखों, पत्रों, डायरियों और अन्य समकालीनों के संस्मरणों का सहारा लिया है।
राष्ट्रपिता को ज़्यादा पारदर्शी और सहज रूप में प्रस्तुत करती एक अनूठी कथाकृति।
ISBN: 9788126710263
Pages: 215
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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