
Khali Jagah
Author:
Geetanjali ShreePublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
संवेदना और गहरी दृष्टि से भाषा के अनोखे खेल की रचना करता है गीतांजलि श्री का उपन्यास—‘ख़ाली जगह’। इस उपन्यास में लेखिका ने नैरेटिव की चिन्दियों को विस्फोट की तरह फैलने दिया है—बार-बार सत्यता के दावों में छेद करते हुए। ‘ख़ाली जगह’ में मूल तत्त्व वह हिंसा है जो हमारे, रोज़मर्रे की ज़िन्दगी में समा गई है। ‘बम’ इसका केन्द्रीय रूपक है जो ज़िन्दगियों के परखचे उड़ा देता है।</p>
<p>एक अनाम शह के अनाम विश्वविद्यालय के सुरक्षित समझे जानेवाले कैफ़े में एक बम फटता है—और उन्नीस लोगों की शिनाख़्त से शुरू होती है—‘ख़ाली जगह’ की कहानी। उन्नीसवीं शिनाख़्त करती है एक माँ—अपने राख हुए अठारह साल के बेटे की और यही माँ ले आती है बेटे की चिन्दियों के साथ एक तीन साल के बच्चे को, जो सलामत बच गया है, न जाने कैसे, ज़रा-सी ख़ाली जगह में...!</p>
<p>गीतांजलि श्री ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव यथार्थ के बीच जो तालमेल बिठाती हैं वह स्पष्ट, तार्किक क्रम को तोड़ता है। वह उसमें लेखकीय वक्तव्य देकर कोई हस्तक्षेप नहीं करतीं। पात्रों की भावनाएँ, उनके विचार और कर्म, अस्त-व्यस्त उद्घाटित होते हैं, घुटे हुए, कभी ठोस, कभी ज़बरदस्त आस और गड़बड़ाई तरतीब में हैरानी से भिंचे हुए। पूछते से कि क्या यही है जीवन, यही होता है उसका रंग-रूप, ऐसा ही होना होता है? ‘ख़ाली जगह’ गीतांजलि श्री के लेखन की कुशलता का सबूत है, वह कल्पना और यथार्थ के अभेद से बनी ज़िन्दगी बटोर लाती हैं और ‘ख़ाली जगह’ पाठकों के मन पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ जाता है।
ISBN: 9788126718573
Pages: 244
Avg Reading Time: 8 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Lockdown ki Reporter
- Author Name:
Indiwar
- Book Type:
- Description: माइकेला और रित न्यूयॉर्क और दिल्ली में डॉक्टर। कर्तव्य और भावना के द्वंद्व पर झूलते प्रेमी। एक नदी के दो किनारे। बीच में बहता कोरोना कालखंड। जोखिम उठाते ये डॉक्टर, इनके सपने और पत्रकार साबिया का प्रेम त्रिकोण। एक दुर्निवार प्रेम का विक्षोभ और मृत्यु का संत्रास...। मृत्यु शाश्वत सत्य। मृत्यु की प्रकृति को जीतने और खतरनाक वायरस बनाने का राक्षसी प्रयोग। इसी ने कोविड-19 को जन्म दिया। इससे होनेवाली मौतें अस्वाभाविक और दुनिया को हादसे में झोंकने वाली। ये मौतें जीवन का अपमान हैं। इनसे लाभ का प्रयास जीवन और मृत्यु, दोनों का अपमान। कोरोना कालखंड ऐसी ही त्रासदी है। रिश्तों और प्यार के पाँवों में जकड़ी बेडि़याँ, दुनिया विशाल कैदखाना—सब बंद। खुली रहीं कब्रगाहें। उनकी खुदाई का काम चलता रहा। महाशक्तियाँ विवश, लॉकडाउन की मोहताज। फिर माइकेला और रित का प्यार...? राक्षसी वृत्तियाँ इस त्रासदी में भी विस्तारवाद की ओर बढ़ीं। चीन ने अमेरिका को चुनौती दी। दक्षिणी सागर से विश्व युद्ध का खतरा उठा। गलवान की घटना और मोदी के सख्त रुख से चीन-भारत युद्ध आसन्न लगा। इसी कालखंड में शाहीन बाग, दिल्ली दंगा, निजामुद्दीन जमात और श्रीराममंदिर का शिलान्यास हुआ। विपक्ष की ओछी राजनीति दिखी। मोदी की वैश्विक नेता की छवि निखरी और राहुल का बौनापन उभरा। ये सारे परिदृश्य इसी उपन्यास के हैं, जो राजनीतिक कुटिलता, बौद्धिकता, भावना, संवेदना, प्रेम, करुणा, घृणा के द्वंद्व की मार्मिक कथा कहते हैं।
Teen Upanyas
- Author Name:
Qurratul Ain Haider
- Book Type:
-
Description:
‘अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो’ मामूली नाचने-गानेवाली दो बहनों की कहानी है जो बार-बार मर्दों के छलावों का शिकार होती हैं। फिर भी यह उपन्यास जागीरदार घराने के आर्थिक ही नहीं, भावनात्मक खोखलेपन को भी जिस तरह उभारकर सामने लाता है, उसकी मिसाल उर्दू साहित्य में मिलना कठिन है। एक जागीरदार घराने के आग़ा फ़रहाद बकौल ख़ुद पच्चीस साल के बाद भी रश्के-क़मर को भूल नहीं पाते और हालात का सितम यह कि उसके लिए बन्दोबस्त करते हैं तो कुछेक ग़ज़लों का ताकि “अगर तुम वापस आओ और मुशायरों में मदऊ (आमंत्रित) किया जाए तो ये ग़ज़लें तुम्हारे काम आएँगी।” आख़िर सब कुछ लुटने के बाद रश्के-क़मर के पास बचता है तो बस यही कि “कुर्तों की तुरपाई फ़ी कुर्ता दस पैसे...” जहाँ उपन्यास का शीर्षक ही हमारे समाज में औरत के हालात पर एक गहरी चोट है, वहीं रश्के-क़मर की छोटी, अपंग बहन जमीलुन्निसा का चरित्र, उसका धीरज, उसका व्यक्तियों को पहचानने का गुण और हालात का सामना करने का हौसला मन को सराबोर भी कर जाता है।
खोखलापन और दिखावा-जागीरदार तबक़े की इस त्रासदी को सामने लाने का काम ‘दिलरुबा’ उपन्यास भी करता है। मगर विरोधाभास यह है कि समाज बदल रहा है और यह तबक़ा भी इस बदलाव से अछूता नहीं रह सकता। यहाँ लेखिका ने प्रतीक इस्तेमाल किया है फ़िल्म उद्योग का, जिसके बारे में इस तबक़े की नौजवान पीढ़ी भी उस विरोध-भावना से मुक्त है जो उनके बुज़ुर्गों में पाई जाती थी। मगर उपन्यास का कथानक कितनी पेचीदगी लिए हुए है, इसे स्पष्ट करता है गुलनार बानो का चरित्र—इसी तबक़े की सताई हुई ख़ातून जो अपना बदला लेने के लिए इस तबक़े की एक लड़की को दिलरुबा बनाती है (इस तरह नज़रिए की इस तब्दीली का माध्यम भी बनती है) और ख़ुदा का शुक्रिया अदा करती है कि उसने “एक तवील मुद्दत के बाद मेरे कलेजे में ठंडक डाली।”
तीसरा उपन्यास ‘एक लड़की की ज़िन्दगी’ है जिसे लेखिका की बेहतरीन तख़लीक़ात में गिना जाता है। यहाँ उन्होंने एक रिफ़्यूजी सिन्धी लड़की के ज़रिए पूरे रिफ़्यूजी तबक़े के दुख-दर्द को उभारा है। उस लड़के की किरदार को लेखिका ने इस तरह पेश किया है कि वह अकेली शख़्सियत न रहकर रिफ़्यूजी औरत का नुमाइंदा किरदार बन जाती है।
इस तरह क़ुर्रतुल ऐन हैदर के ये तीनों उपन्यास उनके फ़न के बेहतरीन नमूनों में गिने जा सकते हैं, साथ ही ये पढ़नेवाले के सामने उर्दू फ़िक्शन के तेवर को बड़े ही कारगर ढंग से पेश करते हैं।
Mitro Marjani (Typographic)
- Author Name:
Krishna Sobti
- Book Type:
-
Description:
आलोचकों द्वारा पिछली सदी के दस महत्त्वपूर्ण उपन्यासों में शुमार ‘मित्रो मरजानी’ ने सर्जना के रचनात्मक पाठ की लेखकीय सीमाओं को उलाँघकर मित्रो जैसा एक ऐसा धड़कता पात्र हमें दिया है जो लेखक से अलग और आगे नितान्त अपने होने के बलबूते पर पाठकों और दर्शकों की महापंचायत में दशकों से बना हुआ है। मान लेना होगा कि इस रचना की बुनत में कुछ ऐसा ज़रूर घटित हुआ है जो सर्वसाधारण के चैतन्य में कुछ जगाता है। अपने शब्दों से, अपनी भाषा से कुछ ऐसा कहता है जो नया भी है और पुराना भी। पारिवारिक जीवन का ढका-छिपा नेपथ्य और उसके संवेदन का द्रष्टव्य मित्रो की उपस्थिति के साथ-साथ उसके संवाद की नकोर भाषा में मुखर होता है। गृहस्थ की देहरी पर टिकी स्त्री की पारम्परिक छवि आदिम उत्तेजनाओं से निजात पाने को व्याकुल दीखती है, पर छटपटाहट में ही अपने वजूद में उसे भी खोज रही है जिसे ‘अपने’ में अपना व्यक्तित्व कहते हैं।
प्रसिद्ध ग्राफ़िक कलाकार-चित्रकार नरेन्द्र श्रीवास्तव ने इस पात्र से प्रभावित हो ‘मित्रो मरजानी’ उपन्यास के मूलपाठ को चित्रात्मक वर्णमाला/लिपि में आबद्ध करने का निर्णय लिया और बरसों के परिश्रम से उपन्यास में अंकित मानवीय व्यवहार के विविध मुखड़ों को जिस ध्वनि-चित्रात्मक कौशल और स्फुरण से प्रस्तुत किया है, वह पाठक को उपन्यास की रेखाओं की त्वरित और ऊर्जावान सचित्र लिपि में भारतीय परिवार को पढ़ने और देखने का नया अनुभव देगा।
भारत में किसी पुस्तक की टाइपोग्राफ़िक प्रस्तुति का यह पहला प्रयास है, जो बेशक हिन्दी समाज के पाठकीय अहसास में भी कुछ अभिनव जोड़ेगा।
Unity And Strenght
- Author Name:
Amarendra Narayan
- Book Type:
-
Description:
Unity and Strength is a novel inspired by the life of Sardar Vallabhbhai Patel, the Architect of Independent India. His qualities of ardent patriotism, unflinching courage and determination, sharp foresight and honest hard work have influenced millions of people during and after the freedom struggle. The present generation of Indians looks at his contribution with much awe and respect.
Sardar Patel is a great source of strength and an idol of national unity. The novel describes how inspired by his sacrifice and dedication, common families came forward to follow him in the freedom struggle. It also narrates how in the independent India, the great leader unified the princely states in an astonishingly efficient manner within an unbelievable short time.Drawing inspiration from his life and thoughts, the novel indicates what we can do to fully realise his unfulfilled dreams of making a prosperous and strong India.
What I Lived For
- Author Name:
Diya Vyas
- Book Type:
- Description: Neil, a rural boy, grew up in a village growing fast. His obsession with badminton lands him up in the big city of Lucknow. He dreams of winning the world one day, but is he dreaming too much? Ahilya, a player herself, knows that money is essential to survive. And, Sports don’t fetch much money. Is she too practical? Two opposites, how do they fall in love? Dhaani, who is she of the two? Dreamy or practical? Fourteen years younger, how will she change Neil's life? Can Neil win over his lost friends, love and career, or will he lose all three bets? Let Neil truly whisper in your ear what he lived for!
Hamjad
- Author Name:
Manohar Shyam Joshi
- Book Type:
- Description: ‘हमज़ाद' कहानी है उस ‘कमीनगी’ की जो अपने ठोस आत्मविश्वास के बल पर सबसे चोट हमारे उन विभ्रमों पर करती है जिन्हें हम अपने ‘अबोध आशावाद’ के चलते अपने इर्द-गिर्द पाले रखते हैं। इसे पढ़ते हुए आप अचानक असहाय महसूस करेंगे और एक रूहानी शैथिल्य आपको घेर लेगा; आप पाएँगे कि आपका समय वास्तव में उससे कहीं ज़्यादा घटिया, क्रूर और लिजलिजा है जितना आप आज तक अफ़वाहों और अख़बारों के माध्यम से जानते आए हैं। बेशक यह कथा उम्मीद का अन्त कर देनेवाली है, इसका एक भी चरित्र ऐसा नहीं जो सीख देता हो, ‘सुन्दर भविष्य’ का कोई सपना बुनता हो; सब अपने-अपने नरक में इतने गहरे डूबे हुए हैं कि उन्हें अपने अलावा किसी और इकाई का ख़याल तक नहीं आता। लेकिन क्या थोड़ी-सी झूठी इनसानियत के साथ यह हम ही नहीं हैं? 'हमजाद' के चरित्र इस थोड़ी-सी इनसानियत से भी परे जा चुके हैं जिनके भीतर-बाहर को जोशी जी ने अपने सघन पाठ में अद्भुत ढंग से रूपायित किया है।
Her Dreams : The Story After Her Departure
- Author Name:
Saransh Verma
- Book Type:
- Description: “Have you ever lost someone very special to your heart?” completing a quota of nine months, she popped out from the womb of her mother, with cute twinkling eyes. Life was all fun then with daily discussions in a cheerful family of five. But one dark day, something happened and she went missing! So, how will you feel when your favourite person suddenly disappears from your life? You have unanswered questions like, what happened to her? Where did she go all of a sudden? Why did it happen? So here comes a young, witty story of a 16 year old carmelite, who had dreams of reaching heights which coincidentally met the doom, putting a full stop to everything. It shows the after-story of how a happy family breaks into pieces with the demise of their daughter, leftover with her dreams. Her mother had a dream of seeing her again, her father had a dream of dropping her school again, her brother had a dream of playing a set of chess with her again, her sister had a dream of gossiping with her again; it all just remained, a dream!.
Sudoor Jharne Ke Jal Mein
- Author Name:
Sunil Gangopadhyay
- Book Type:
-
Description:
‘शैशव के क़रीब बीस-पच्चीस वर्ष बाद मैं रोया था। निर्लज्ज की तरह रो रहा था। मुझे हिचकियाँ आने लगीं।...मैंने खिड़की से दुबारा झाँकने की कोशिश की। ...बाहर सिर्फ़ मेघ ही मेघ। मैं गुम होता जा रहा हूँ। निचाट अकेला!...मार्गरेट, मैं हूँ।...एक बार फिर कहो, हमारा हर पल बेहद आनन्द-भरा था।’
अपने आदि और अन्त से बिलकुल बेख़बर, बेपरवाह जीवन-यात्रा के असीम विस्तार में निर्मल जल की झील जैसा चमकता एक बिन्दु, प्रेम का एक अपूर्व अनुभव। नील लोहित जब आकाश में उड़ान भरता है, तो उसकी स्मृति बस यही कुछ अपने साथ ले जाती है। मार्गरेट हमेशा-हमेशा उसके साथ नहीं रह सकती, भले ही उसे उसके ईश्वर से अनुमति भी मिल गई हो। ‘अपने माँ, डैडी, यहाँ तक कि गॉड से भी ज़्यादा, मैं तुम्हें प्यार करती हूँ...मुझे ले लो...’ वह कहती है। लेकिन नील के अन्तस की बेचैनी उसे उस झील के तट पर डेरा डालने की इजाज़त नहीं देती।
बांग्ला के विख्यात कथाकार सुनील गंगोपाध्याय की क़लम से उतरी यह प्रेमकथा हमें अपने साथ अमेरिका के एक ख़ूबसूरत अंचल की बड़ी आत्मीय सैर कराती हुई मनुष्य की इच्छाओं, लाचारियों, आवेगों और निराशाओं से भी परिचित कराती है; और प्रेम के प्रति एक गहन आस्था भी जगाती है।
Alokuthi
- Author Name:
Vijay Gaur
- Book Type:
-
Description:
आलोकुठि सुन्दरबन में होते हुए भी वहाँ के नक्शे में दर्ज नहीं है। इस महादेश के त्रासद विभाजन के वक्त तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से भारत आए अधिसंख्य दलित शरणार्थियों के जीवन में आलोकुठि इतिहास के अँधेरों से बाहर आने की छटपटाती हुई कहानी है जो सुन्दरबन के वास्तविक भूगोल में घटित होती है। बानी, रुक्मी और रूपेन हालदार जैसे चरित्र मारीच झांपी जैसे वास्तविक भूगोल में बार-बार निर्वासन की त्रासद कथा से साक्षात्कार करते हैं।
1905 से लेकर बांग्लादेश बनने तक के काल खंड को छूती हुई यह कथा बंगाल से दंडकारण्य भेज दिए गए मनुष्यों की त्रासदी से साक्षात्कार कराती है। जड़ों को जमीन में जगह बनाने का स्वप्न गंगा-पद्मा की लहरों के साथ उपन्यास में हिलोरें लेता रहता है। लेकिन सुन्दरबन से दूसरे निर्वासन के लिए अभिशप्त शरणार्थियों की यह कथा उन मनुष्यों की त्रासदी को उजागर करती है जिसके बारे में इतिहास ने सायास चुप्पी साध रखी है।
हिन्दी में इस तरह के अछूते विषय पर यह सम्भवत: पहला उपन्यास है जिसको लिखने के लिए लेखक ने इतिहास के प्राय: विस्मृत कर दिए गए पक्ष को चुना। गंगा और पद्मा का जीवन्त भूगोल मनुष्य के जीवट और संघर्ष से भरी इस कथा को प्रामाणिकता प्रदान करता है।
— नवीन कुमार नैथानी
Banarsibai
- Author Name:
Bimal Mitra
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Phool Imartein Aur Bandar
- Author Name:
Govind Mishra
- Book Type:
- Description: रे समय के सबसे बड़े साहित्यकार सोल्ज़ेनित्सिन ने ‘नोबेल पुरस्कार’ लेते समय अपने भाषण में कहा था—“अगर लेखक नहीं तो दूसरे कौन अपने यहाँ की असफल सरकारों को अपराधी ठहराएँगे और लेखकों के अलावा कौन अपने समाज को उसके भीरुताजन्य अपमान अथवा आत्मतुष्ट नपुंसकता के लिए दोषी ठहराएगा?” अपने देश में क्या हुआ कि सरकारें तो बदलीं पर कुछ नहीं बदला? अपने आठवें उपन्यास ‘फूल...इमारतें और बन्दर’ में गोविन्द मिश्र इस प्रश्न से टकराते हुए सरकार के भीतरी ढाँचे में हमें ले जाते हैं, जिसमें फँसा एक संवेदनशील अधिकारी लगातार होते हुए अपने नैतिक पतन को स्वयं देख रहा है। उस व्यक्ति के माध्यम से उपन्यासकार हमें प्रशासन के ऊपरी तंत्र के तिलिस्म के सामने ला खड़ा करता है जो बाहर से रहस्यमय, अबूझ, अभेद्य और साफ़-सुथरा लगता है, पर जो भीतर से उतना ही छिछला, गिजगिजा और भ्रष्ट है। और जो दरअसल उपन्यास का मुख्य पात्र है। उस तिलिस्म के भीतर के चतुर खिलाड़ी कौन हैं, अपने ‘पावर गेम्स’ कैसे खेलते हैं, ‘ग्रीन रूम’ में क्या-क्या और कैसे चलता है...तंत्र को अपने स्वार्थ के लिए नेता और बड़े अफ़सर कैसे और भ्रष्ट करते हैं...इस यथार्थ के कितने आयाम उपन्यास में खुलते चले जाते हैं। उन्हें जीवन के वृहत्तर सवालों से छोड़कर, नियति-न्याय के परिप्रेक्ष्य में रखकर उपन्यासकार जैसे एक सामान्य यथार्थवादी राजनीतिक उपन्यास की सीमाओं को लाँघ एक बड़ी रचना की सृष्टि अनायास ही कर गया है। पाठकों को सोल्ज़ेनित्सिन का एक और कहना याद आएगा—“वह साहित्य जो अपने समय के नैतिक और सामाजिक ख़तरों को व्यक्त नहीं करता, साहित्य कहलाने लायक़ नहीं है।” हिन्दी में अपने क़िस्म का पहला उपन्यास जिसे गोविन्द मिश्र ही लिख सकते थे और उनका ‘देय’ था, एक तरह से
Match Box 81
- Author Name:
Dr. Lata Kadambari Goel
- Book Type:
- Description: "फास्ट फूड तथा पाउच के जमाने में वक्त की कमी को देखते हुए कहानियाँ भी छोटी-छोटी होनी चाहिए न! बिल्कुल ऐसी कि माचिस की एक डिब्बी में समा जाएँ। इस पुस्तक में लेखिका ने अपने समाजोपयोगी विचारों और भावों को ‘मैच बॉक्स 81’ में डाला है। जरा जलाइए न उसको। कैसी नीली, पीली, लाल, गुलाबी ‘लौ’ छोड़कर अचानक बुझ जाती है वो नन्हीं सी तीली। ऐसी ही नन्हीं-नन्हीं कहानियों की शक्ल लिये ये ‘तीलियाँ’ मतलब कि ये छोटी-छोटी कहानियाँ हैं, जो अपने ज्ञान की रोशनी से पाठकों के जीवन को प्रकाशमान करेंगी। लेखिका ने इन कहानियों के माध्यम से जीवन की छोटी-छोटी, लेकिन महत्त्वपूर्ण समस्याओं को सुलझाने के लिए एक व्यावहारिक ताना-बाना बुनने का कुछ इस प्रकार से प्रयास किया है कि कहानी भीतर तक झकझोर देनेवाला एक सवाल उठाकर खत्म हो जाती है। जीवन के अंधकार से निकलने का एक छोटा सा प्रयास है ये पठनीय कहानियाँ। "
Kerala Ki Lokkathayen
- Author Name:
Dr. S. Thankamoni Amma
- Book Type:
- Description: लोककथाएँ, लोकसंस्कृति की संवाहिका होती हैं, जो विरासत में नई पीढ़ी को प्राप्त होती हैं। अतीतकालीन लोकजीवन की जीवंत और मनोमुग्धकारी झाँकियाँ इनमें अंकित रहती हैं। भारतीय लोककथाओं की सुसमृद्ध परंपरा की विशिष्ट कड़ी के रूप में केरल की लोककथाओं का अहम स्थान है। ‘देवता का अपना देश’ पुकारे जानेवाला रमणीय प्रांत केरल विविध प्रकार की लोककथाओं की क्रीड़ाभूमि रही है। एक ओर वे कथाएँ केरल के ऐतिहासिक-प्रागैतिहासिक एवं सांस्कृतिक बहुविध पहलुओं को चिह्नित करती हैं तो दूसरी ओर केरलीय लोक-जीवन के मनोरम चित्र भी उकेरती हैं। इन लोककथाओं में केरल की उत्पत्ति संबंधी कथा आती है, केरल के ओणम जैसे त्योहारों, प्रसिद्ध मंदिरों, नागतीर्थों से जुड़ी हुई कथाएँ भी सम्मिलित हैं। केरल के विशिष्ट व्यक्तियों, वीरों और वीरांगनाओं के अद्भुत, रोमांचकारी एवं साहसिक कार्यकलापों ने भी इनमें स्थान पाया है। ये लोककथाएँ नई पीढ़ी को अपने प्रांत के पुराने व्यक्ति-विशेषों, आचार-विचारों, पर्व-त्योहारों, लोककलाओं एवं जीवन-शैलियों को अवगत कराने में सक्षम हैं।
Pashupati
- Author Name:
Rajshree
- Book Type:
-
Description:
पशुपति उपन्यास का आधार संस्कृति की स्थापना और विध्वंस है। इस उपन्यास के दो प्रमुख नायक हैं—वैदिककालीन महाअसुर वरुण व महारुद्र शिव। इस उपन्यास के ये दो महानायक भारतीय संस्कृति के इतिहास से सम्बन्ध रखते हैं। इनके आचरण से मिलनेवाली शिक्षा हर युग में युगपरक है।
जम्बूद्वीप के सर्वश्रेष्ठ देश भारत की पृष्ठभूमि पर लिखी गई कथा विश्व के किसी भी देश के लिए सत्य है। इस कथा से ज्ञात होता है कि विचारों की सरलता में, विषमता व जटिलता का समावेश सभ्यता के साथ होता जाता है। सीधी रेखाओं से किस प्रकार न सुलझने वाली गाँठ बन जाती है— ऐसी गाँठ, जो मानव को पग-पग पर अपने में बाँधती है? शिव, जिन्हें पुराणों में सृष्टि संहारक कहा गया है, उन्होंने विश्व की रक्षा के लिए हलाहल का पान किया। संहार व रक्षा एक-दूसरे के विपरीत हैं। जो संहार करता है, उसने विषपान क्यों किया? क्या था वह विषपान? आज विश्व पुनः उसी अवस्था में है जहाँ महारुद्र शिव का हलाहल-पान भी विध्वंस को नहीं रोक सका था।
यदि मानव मौलिक सरलता खोता है तो परिणाम विध्वंस है। जिस संस्कृति के विस्तार का स्वप्न इन युगपुरुषों ने देखा, वह आज हमारा दायित्व है। हम संस्कृति के मानवीय भाव व प्रकृति को समझें। इस कथा का प्रारम्भ प्रकृति करती है। वह मानव को यह समझाना चाहती है कि विध्वंस व विसर्जन में भेद है। समय मानव-मस्तिष्क की विभिन्न अवस्थाओं—कद्रू के स्वप्न, वराह की रेखाएँ और बाबा देवल की लोककथा—के माध्यम से कहता है। कद्रू अचेतन, वराह चेतन, बाबा देवल लोकमानस में चेतन-अचेतन से बननेवाली कहानी का प्रतीक हैं। इनके माध्यम से युग-विशेष के विचारों की दिशा व विषमता ज्ञात होती है।
Voh Apana Chehra
- Author Name:
Govind Mishra
- Book Type:
-
Description:
क़रीब-क़रीब अमानवीय और जड़ होता जाता संसार गोविन्द मिश्र के लेखन की मुख्य चिन्ताओं में से है। जहाँ वे एक परिवेश का केवल भीतरी-बाहरी कच्चा चिट्ठा-भर प्रस्तुत करते हैं, वहाँ भी सर्जनात्मक व्यथा मानवीयता और मूल्यों के न होने की ही होती है। गोविन्द मिश्र के लेखन का मूल स्वर सकारात्मक है जो उनकी रचनाओं में उत्तरोत्तर साफ़ होता चला गया है।
'वह अपना चेहरा’ एक तलाश है जो चेहरों से शुरू होकर जीवन-पद्धति एवं मान्यताओं से होती हुई नैतिकता और मूल्यों तक जाती है। नौकरशाही का परिवेश, दफ़्तरी मानसिकता, फ़ाइलों-इमारतों की दुनिया यहाँ एक ऐसे तनाव के माध्यम से उभारे गए हैं जो जितना उग्र है, उतना ही फ़िज़ूल—लालफीताशाही के अपने स्वभाव की तरह। यहाँ चेहरे भी फ़ाइलों की तरह घूम रहे हैं, 'अपना’ चेहरा 'वह’ हो जाता है, वही जिसके ख़िलाफ़ उसकी लड़ाई थी। चरित्रों की गहरी पकड़, कलात्मकता और भाषा का एक अपने ढंग का खुरदुरापन इस उपन्यास को विशिष्ट बनाते हैं।
Shekhar Ek Jeevani : Vol-1
- Author Name:
Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Ajneya'
- Book Type:
- Description: शेखर : एक जीवनी’ अज्ञेय का सबसे अधिक पढ़ा गया उपन्यास; हिन्दी की एक ऐसी कथा-कृति जिसे हर पीढ़ी का पाठक जरूरी समझता आया है और जिससे गुजरने के बाद वह जीवन की एक भरी-पूरी छलछलाती नदी में डूबकर निकल आने जैसा अनुभव करता है। उपन्यास का नायक शेखर स्वयं अज्ञेय हैं अथवा कोई और व्यक्ति, यह हमेशा कौतूहल का विषय रहा है। कुछ लोग इसे पूरी तरह उनकी आत्मकथात्मक कृति मानते हैं, लेकिन स्वयं अज्ञेय का कहना है कि यह 'आत्म-जीवनी’ नहीं है। वे कहते हैं कि 'आत्म-घटित’ ही आत्मानुभूति नहीं होता, पर-घटित भी आत्मानुभूत हो सकता है यदि हममें सामथ्र्य है कि हम उसके प्रति खुले रह सकें।...शेखर में मेरापन कुछ अधिक है।’ लेकिन यह कथा ऐसी नहीं है कि इसे 'एक आदमी की निजू बात’ कहकर उड़ाया जा सके। अज्ञेय इसे अपने युग और समाज का प्रतिबिम्ब मानते हैं। इसमें 'मेरा समाज और मेरा युग बोलता है,...वह मेरे और शेखर के युग का प्रतीक है।’ बहुआयामी और संश्लिष्ट चरित्रों के साथ अपने समय-समाज और उनके बीच अपनी अस्मिता को आकार देते व्यक्ति की वेदना को तीव्र और आवेगमयी भावात्मकता के साथ अंकित करते इस उपन्यास के नायक शेखर के बारे में अज्ञेय की टिप्पणी है : 'शेखर कोई बड़ा आदमी नहीं है, वह अच्छा भी आदमी नहीं है। लेकिन वह मानवता के संचित अनुभव के प्रकाश में ईमानदारी से अपने को पहचानने की कोशिश कर रहा है।...उसके साथ चलकर आप पाएँगे कि आपके भीतर भी कहीं पर एक शेखर है जो...जागरूक, स्वतंत्र और ईमानदार है, घोर ईमानदार।’
Pranveer Maharana Pratap
- Author Name:
Bharti Sudame
- Book Type:
-
Description:
महाराणा प्रताप के जीवन और संघर्ष पर केन्द्रित यह उपन्यास अपने मूल मराठी रूप में बहुत लोकप्रिय रहा है। मराठी में अब तक इसके छह संस्करण हो चुके हैं। साथ ही इस उपन्यास ने राणा प्रताप के बारे में नए सिरे से जानने की उत्सुकता बढ़ा दी है।
अपनी स्वाधीनता के लिए अकबर की विशाल सेना से टक्कर लेने वाले इस योद्वा को लेकर जनमानस में अनेक किंवदंतियाँ प्रचलित हैं। अपने देश और अपने लोगों के लिए उनके संघर्ष को देखने के भी कई नजरिये हैं। लेकिन यह उपन्यास तथ्यों के साथ आगे बढ़ता है जिन्हें लेखिका ने अपने लम्बे अध्ययन और महाराणा प्रताप से सम्बन्धित ऐतिहासिक स्थानों की अनेक यात्राओं के दौरान एकत्रित किया। मराठी, हिन्दी और अंग्रेजी के शताधिक ग्रंथों के पारायण के उपरांत रची गई यह गाथा अपनी पठनीयता में भी उल्लेखनीय बन पड़ी है जिसे अनुवादक ने गहरे समर्पण और नितांत निजी लगाव के साथ हिन्दी में प्रस्तुत किया है।
यह उपन्यास न सिर्फ महाराणा के जीवन के कई अनजाने पहलुओं से पाठक का परिचय कराता है, बल्कि अपनी भूमि और अपने राष्ट्र पर गर्व करने की प्रेरणा भी देता है। उपन्यास के कई अंश इतने मार्मिक हैं कि लम्बे समय तक हमारे मानस को भिगोए रखते हैं, तो कई हिस्से हमें उदात्त ओज से भर देते हैं।
Markat Dweep Ki Neelmani
- Author Name:
Kunwar Bechain
- Book Type:
-
Description:
— प्रसिद्ध गीतकार कुँवर बेचैन का कलात्मक शैली में लिखा गया अनूठा ललित उपन्यास है—‘मरकतद्वीप की नीलमणि’। सच और कल्पना के सूत्रों में पिरोयी यह ‘मोनोलॉग’ जैसी कथाकृति—बाह्यजगत के बजाय अन्तर्जगत की कथा बयान करती है।
उपन्यास का केन्द्रीय पात्र कथानायिका मधु है, जो अपनी माँ को अपने आपबीती सुना रही है। भावनाओं की मंथर गतिमानता और उसका मद्धम स्पर्श यहाँ सिर्फ़ गुदगुदाता ही नहीं, आपको त्रासदियों में कई बार तन्हा भी छोड़ जाता है। यह त्रासदी सिर्फ़ मधु की निजी नहीं रह जाती। उपन्यास की सबसे बड़ी विशेषता है—इसके पात्रों के साथ पाठक की आत्मीय संलग्नता, जिसे उपन्यासकार की ललित शैली ने सम्भव बनाया है।
पाठक मणि के साथ भाव-लोक में इतना एकाकार हो उठता है कि उसे मणि का हर शब्द, हर अन्दाज़ अपना-सा लगता है। पाठक मणि के मनोजगत की यात्रा में शामिल होकर उसके साथ-साथ अपने भी अन्तरंग और सघन जीवनानुभवों के विभिन्न पहलुओं से रूबरू होता है। उपन्यास के हर शब्द में डूबता है, उतराता है। लेखक मूलतः कवि हैं सो उनकी शैली में कविता का प्रभाव पूरे कैनवस पर मौजूद है। इससे इसकी पठनीयता कई गुना बढ़ जाती है।
Amritfal
- Author Name:
Manoj Das
- Book Type:
- Description: ‘अमृतफल’ आदिम काल से निरन्तर पीढ़ी-दर-पीढ़ी व्याप्त मानव चक्र की कभी प्रकट, कभी अप्रकट आशा और आकांक्षा का प्रतीक है। यशस्वी ओड़िया उपन्यासकार मनोज दास की यह कालजयी कृति हिन्दी पाठकों के लिए एक उपहार की तरह ही है। राजा भर्तृहरि के विषय में प्रचलित किंवदन्ती से शायद हिन्दी का कोई पाठक अनजान होगा लेकिन यह उपन्यास उस कथा को नए ढंग से न केवल विश्लेषित करता है, बल्कि समकालीन जीवन के पात्र अमरकान्त और उसकी बेटी मनीषा की कहानी को साथ-साथ लिए चलता है; क्योंकि वर्तमान की आँख के बिना अतीत को देखने की शक्ति आयत करना लगभग असम्भव है। यह उपन्यास वर्तमान की नज़र से अतीत को देखने का एक सफल प्रयास है। अतीत से लेखक ने प्रेरणा प्राप्त की है और वर्तमान को उसके साथ अन्तर्सम्बन्धित कर पाठकों को एक बेहद पठनीय कृति प्रदान की है। यह ऐतिहासिक कृति नहीं, बल्कि ऐतिहासिकता से प्रेरित एक सर्जनात्मक प्रयास है। सर्जनात्मक अनुवाद का आस्वाद कैसा विरल होता है, यह इस उपन्यास के पाठ से पता चलता है जो अपने प्रवाह में यूँ बहा ले जाता है कि आप पूरा उपन्यास पढ़े बिना चैन नहीं पाते।
Radheya
- Author Name:
Ranjeet Desai
- Book Type:
-
Description:
‘कर्ण’ के जीवन की विडम्बनाएँ और उसके चरित्र की उदात्तता बार-बार आधुनिक रचनाकारों को आकर्षित करती रही हैं। उसका जीवन-चरित बार-बार नाटकों, खंड-काव्यों और उपन्यासों का विषय बनता रहा है। यह उपन्यास भी कर्ण के जीवन पर आधारित है।
ऐतिहासिक-पौराणिक कथानकों पर प्रभावशाली औपन्यासिक सृष्टि करने में सिद्धहस्त लेखक रणजीत देसाई ने अपनी इस कृति में कर्ण की एक व्यक्ति और एक परिस्थिति, दोनों रूपों में व्याख्या की है। माता-पिता के स्नेह से वंचित, सतत उपेक्षित और अपमानित कर्ण जीवन-भर किसी ऐसे अपराध की सज़ा भोगता रहता है, जिसमें वह कहीं शामिल नहीं था। क़दम-क़दम पर उससे उसकी जातिगत श्रेष्ठता का प्रमाण माँगा जाता है, जो वह नहीं दे पाता, जिसके कारण उसके व्यक्तित्व का प्राकृतिक तेज धूमिल पड़ जाता है। वह अकेला पड़ जाता है। ‘महाभारत’ के इतने विस्तृत फलक पर जिस तरह का अकेलापन कर्ण झेलता है, वह और कोई पात्र नहीं।
प्रस्तुत उपन्यास में गंगा के किनारे जाकर कर्ण को ध्यानस्थ होते देखना सचमुच उसे उस करुणा और सहानुभूति का अधिकारी बनाता है जिसे उसका देश-काल अपनी धार्मिक-सामाजिक सीमाओं के चलते नहीं दे पाया।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Logout to Rachnaye

Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.