Itivritt
Author:
Jagdamba Prasad DixitPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 476
₹
595
Available
‘इतिवृत्त’ एक मार्मिक वृत्त है—सामान्य भारतीय ग्रामीण जीवन के उखड़ने, टूटने और बिखरने का। पूरा वृत्त एक व्यक्तिगत कथा के साथ-साथ एक व्यापक जनजीवन गाथा भी है। व्यक्तिगत त्रासदी को सामाजिक त्रासदी के एक अंग के रूप में देखा गया है। इस त्रासदी के मूल में एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जो भारी उद्योगों के हित में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की लगातार बलि देती जा रही है। सारा विवरण समाजशास्त्रीय, अर्थशास्त्रीय होते हुए भी नितान्त अनुभूतिप्रवण और मानवीय <br />है।</p>
<p>हिन्दी कथा-साहित्य में ग्रामीण जीवन तो काफ़ी चित्रित हुआ है, लेकिन ‘इतिवृत्त’ बिलकुल अलग इसलिए है कि ग्रामीण जीवन के बिखराव और अन्त की कहानी इससे पहले इतने मार्मिक रूप में और कहीं नहीं आई है। इसमें शक नहीं कि ‘इतिवृत्त’ हिन्दी उपन्यासों में मील का पत्थर है। इसकी शैली बहुत ही सरल, रोचक और आंचलिक है। लेखक जगदम्बा प्रसाद दीक्षित के लिए यह महान उपलब्धि इसलिए भी है कि ‘कटा हुआ आसमान’ और ‘मुरदा-घर’ की महानगरीय जीवन-प्रणाली का चित्रण जिस अधिकार और गहरी पैठ के साथ किया गया है, उसी सूझबूझ और गहराई के साथ ग्रामीण जीवन का चित्रण भी हुआ है।</p>
<p>‘इतिवृत्त’ पढ़ने का मतलब है एक बेहद करुण, यथार्थ और जीवन्त अनुभव संसार से होकर गुज़रना।
ISBN: 9788171199020
Pages: 160
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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