
Akbar
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
342
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
684 mins
Book Description
''हिन्दू गाय खाएँ, मुसलमान सूअर खाएँ...” 3 मई, 1578 की चाँदनी रात को कोई भी हिन्दुस्तान के बादशाह अबुल मुज़फ़्फ़र जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर की इस बात को समझ नहीं पाया। इसीलिए उस वक़्त उनकी इस कैफ़ियत को 'हालते अजीब’ कहा गया। सत्ता के शीर्ष पर खड़ा ये बादशाह अपनी ज़िन्दगी में कभी कोई जंग नहीं हारा। लेकिन अब एक बहुत बड़ी और ताक़तवर सत्ता उसके सब्र का इम्तिहान ले रही थी। बादशाह अकबर का संयम टूट रहा था और उनकी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा संघर्ष शुरू होने को था।</p> <p>कई रोज़ पहले लगभग पचास हज़ार शाही फ़ौजियों ने सल्तनत की सरहद के क़रीब एक बहुत बड़ा शिकारी घेरा बाँधा था। बादशाह अकबर के पूर्वज अमीर तैमूर और चंगेज़ ख़ान के तौर-तरीक़े के मुताबिक़ ये घेरा पल-पल कसता गया और अब वो वक़्त आ पहुँचा जब शिकार बादशाह सलामत के पहले वार के लिए तैयार था। लेकिन उस मुक़ाम पर आकर बादशाह अकबर ने एक हैरतअंगेज़ क़दम उठा लिया...</p> <p>ये उपन्यास लेखक ने बाज़ार से दरबार तक के ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर रचा है। बादशाह अकबर और उनके समकालीन के दिल, दिमाग़ और दीन को समझने के लिए और उस दौर के दुनियावी और वैचारिक संघर्ष की तह तक जाने के लिए शाज़ी ज़माँ ने कोलकाता के इंडियन म्यूजि़यम से लेकर लन्दन के विक्टोरिया एंड ऐल्बर्ट तक बेशुमार संग्रहालयों में मौजूद अकबर की या अकबर द्वारा बनवाई गई तस्वीरों पर ग़ौर किया, बादशाह और उनके क़रीबी लोगों की इमारतों का मुआयना किया और 'अकबरनामा’ से लेकर 'मुन्तख़बुत्तवारीख़’, 'बाबरनामा’, 'हुमायूँनामा’ और 'तजि्करातुल वाक़यात’ जैसी किताबों का और जैन और वैष्णव सन्तों और ईसाई पादरियों की लेखनी का अध्ययन किया। इस खोज में 'दलपत विलास’ नाम का अहम दस्तावेज़ सामने आया जिसके गुमनाम लेखक ने 'हालते अजीब’ की रात बादशाह अकबर की बेचैनी को क़रीब से देखा। इस तरह बनी और बुनी दास्तान में एक विशाल सल्तनत और विराट व्यक्तित्व के मालिक की जद्दोजहद दर्ज है। ये वो शख़्सियत थी जिसमें हर धर्म को अक़्ल की कसौटी पर आँकने के साथ-साथ धर्म से लोहा लेने की हिम्मत भी थी। इसीलिए तो इस शक्तिशाली बादशाह की मौत पर आगरा के दरबार में मौजूद एक ईसाई पादरी ने कहा, ''ना जाने किस दीन में जिए, ना जाने किस दीन में मरे।”