
Aandhari
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
216
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
432 mins
Book Description
<span style="font-weight: 400;">भारत में अभी भी किसी रूप में क़ायम संयुक्त परिवार का चौमंज़िला यथार्थ, यथार्थ में सबसे गहरे कीलित ग्राउंड फ़्लोर की कच्छप-पीठ पर नई, अकेली स्त्री का बहिर्मुखी अन्तर्जगत (उसका परिवेश और पड़ोस-सजग बन्धु परिवार, परिवार जो रक्त-सम्बन्धों और यौन-सम्बन्धों तक सीमित नहीं और जो विपदा के मारे सब जीव-जन्तुओं को अपना ही समझता है!) ऊपर की तीन मंज़िलों पर फैले रक्त-सम्बन्धों के भी तीन अलग-अलग वितान, किसी तरह आपसी संवाद सँभाले तीन पीढ़ियाँ, समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति उनका रवैया और कोरोनाकाल की विभीषिकाओं से जूझता उनका त्रिकाल—पीड़ित वर्तमान—यह है भारतीय अंग्रेज़ी की मशहूर क़िस्सागो नमिता गोखले के नवीनतम उपन्यास </span><em><span style="font-weight: 400;">आंधारी</span></em><span style="font-weight: 400;"> की बाहरी और भीतरी संरचनाओं का समतोल!</span></p> <p><span style="font-weight: 400;">उपन्यास की धुरी एक ऐसी ख़ुदमुख़्तार, प्रकृति-सजग वृद्धा है जिसे बिहार में पुरधायन कहते हैं! जीवन की कड़वी विसंगतियों की गहरी समझ पुरधायनों में होती है और वे जानती हैं कि आस-पास के लोगों की कई चरित्रगत और स्थितिगत विडम्बनाएँ नज़रअन्दाज़ किए बिना जीवन नहीं चल पाएगा तो ‘सर्वाइवल टैक्टिक्स’ (बचाव-वृत्ति) के तहत वे सहज भाव से बाइबल की यह उक्ति जाने-अनजाने आज़माने लगती हैं—“सीइंग दे डोंट सी हीयरिंग दे डोंट हियर”! उपन्यास एक गहरे नैतिक संधान के साथ इंटरनेट-शासित सूचना-समाज की गुत्थियों की ‘अपोरिया’ में प्रवेश करता है, व्हिटमैन और दिनकर की लोकप्रिय कविताओं के आशय पाठक के साथ मिलकर समझना चाहता है कि वाममार्गी और दक्षिणपंथी राजनीति के बीच का कोई रास्ता है भी तो कहाँ—“गीत-अगीत कौन सुन्दर है?” परम्परा का अन्ध गायन या उसका समूल नाश—इनके बीच कोई आंबेडकर-सजग गांधीवादी/बहुलतावादी प्रमेय ही सुझाती हैं ‘साँग ऑफ़ मायसेल्फ़’ की अन्तिम पंक्तियाँ जो उपन्यास में बहुत क़रीने से जहाँ-तहाँ गूँथी गई हैं!</span></p> <p><span style="font-weight: 400;">—अनामिका</span>