Sahityik Nibandh
Author:
Ganpatichandra GuptPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Language-linguistics0 Reviews
Price: ₹ 640
₹
800
Unavailable
साहित्य का आकर्षण शक्ति सिद्धान्त, साहित्य की विकास प्रक्रिया का सिद्धान्त, बौद्धिक रस, शृंगार रस सम्बन्धी नई स्थापनाएँ, रस-निष्पत्ति, साधारणीकरण एवं साहित्य की आस्वादन प्रक्रिया सम्बन्धी नए निष्कर्ष, हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन एवं काव्य-परम्पराओं का नया वर्गीकरण व नामकरण, हिन्दी साहित्य की विभिन्न काव्यधाराओं का उद्दाम स्रोत एवं प्रेरणा स्रोत के सम्बन्ध में नई स्थापनाएँ, हिन्दी साहित्य के विभिन्न युगों एवं परम्पराओं की विभिन्न प्रवृत्तियों के सम्बन्ध में नए निष्कर्ष, विभिन्न कवियों, लेखकों एवं रचनाओं के विवेचन विश्लेषण एवं मूल्यांकन से उपलब्ध नूतन निष्कर्ष इत्यादि कतिपय नए विचारों, नूतन स्थापनाओं एवं मौलिक सिद्धान्तों का उल्लेख प्रस्तुत पुस्तक में किया गया है।<br /><br />यह भी एक कटु सत्य है कि अभी तक हिन्दी जगत में पूर्व परम्परा से प्राप्त या विदेशों से आयातित विचारों एवं सिद्धान्तों को ही अधिक महत्त्व दिया जाता है—स्वयं हिन्दी के आचार्यों द्वारा प्रतिपादित मौलिक सिद्धान्तों की प्राय: उपेक्षा की जाती है। विदेशी शासन की दासता के कारण हम लोगों में जिस आत्महीनता एवं लघुता का भाव विकसित हुआ था, उससे अभी तक हम पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाए हैं। विश्वास है नई पीढ़ी के अध्ययन से इस आत्महीनता की भावना से मुक्त होकर स्वतंत्र एवं मौलिक चिन्तन का सम्यक् मूल्यांकन कर सकने में समर्थ होंगे।<br /><br />प्रस्तुत संस्करण में नाटक, उपन्यास, कहानी आदि के विकास से सम्बन्धित निबन्धों में नव प्रकाशित रचनाओं का भी विवेचन करते हुए उन्हें अद्यतन रूप देने की चेष्टा की गई है।
ISBN: 9788180312779
Pages: 78
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: ी भी कृति की रचना-प्रक्रिया को जानना बेहद दिलचस्प और रोमांचक होता है। मानस की कितनी ही गूढ़ और अनजानी परतों से होकर कोई रचना जन्म लेती है। प्रस्तुत पुस्तक में लेखिका ने विभिन्न महत्त्वपूर्ण उपन्यासों की रचना-प्रक्रिया की परख-पड़ताल की है। पुस्तक के पहले दो अध्याय— ‘अंकुरण : अनुभूति से अभिव्यक्ति बिन्दु तक की प्रक्रियाएँ’ और ‘अवतरण : अभिव्यक्ति की प्रक्रियाएँ’ में रचना-प्रक्रिया को समझने और विश्लेषित करने का प्रयास किया गया है। इसमें देश-विदेश के बहुत से उपन्यासकारों के वक्तव्यों और विचारों को इसीलिए संकलित किया गया है ताकि भिन्न-भिन्न परिवेश और देश, विभिन्न संस्कृति और सभ्यता, विभिन्न भाषायी उपन्यासकारों के वक्तव्यों को आमने-सामने रखकर रचना-प्रक्रिया का सार्थक विश्लेषण किया जा सके। पुस्तक में संकलित ‘नाच्यौ बहुत गोपाल’ के अवतरण की कहानी विशेष उपलब्धि है जिसमें अमृतलाल नागर के इस महत्त्वपूर्ण उपन्यास के रचना-प्रसंग की कथा बयान की गई है। पाठकों के लिए हमेशा ही काम आनेवाली एक महत्त्वपूर्ण कृति।
Adhyatmik Guruon Ke Prerak Vichar
- Author Name:
Swati Gautam
- Book Type:

- Description: अध्यात्म का अर्थ है—स्वयं का अध्ययन। धर्म का अर्थ है— कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्गुण और जो धारण करने योग्य है, जिसे सभी मनुष्यों को धारण करना चाहिए। धर्म-अध्यात्म हमें ऐसी शक्ति की ओर ले जाते हैं, जो हमारी आस्तिकता को मजबूत बनाती है। जो ईश्वर में विश्वास करे, वह आस्तिक होता है। वही आस्तिकता जब मजबूत होती है, तब व्यक्ति अध्यात्म की ओर बढ़ता है और एक ऐसी शक्ति में विश्वास करता है, जो ऊर्जा का केंद्र है, जो हमारे जीवन का केंद्रबिंदु है। भारत आध्यात्मिक विभूतियों का केंद्र रहा है। चाहे रामकृष्ण परमहंस, दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामतीर्थ, रमण महर्षि, अखंडानंद सरस्वती हों—मानवकल्याण के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करनेवाले इन दिव्य प्रेरणापुंजों ने मानव जीवनमूल्यों की स्थापना के लिए जो वाणीरत्न दिए, वे सबके लिए वरेण्य हैं, अनुकरणीय हैं। इन्हें जीवन में उतारकर हम एक सफल-सार्थक-समर्पित जीवन जी सकते हैं। भारतीयता के ध्वजवाहक विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरुओं के प्रेरक वचनों का यह संकलन हमें जीवन के हर अवसर पर प्रेरणा देगा, हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाएगा।
Humsafaron Ke Darmiyan
- Author Name:
Shamim Hanfi
- Book Type:

-
Description:
आधुनिक उर्दू कविता के बारे में यह छोटी-सी किताब मेरे कुछ निबन्धों पर आधारित है। समकालीन साहित्य और उससे सम्बन्धित समस्याएँ मेरी सोच और दिलचस्पी का ख़ास विषय रही हैं। पिछले पचास-साठ बरसों में मैंने इस विषय पर कम से कम साठ-सत्तर निबन्ध लिखे होंगे। उन्नीसवीं सदी और बीसवीं सदी के बहुत से शायरों को मैंने अपने आलोचनात्मक अध्ययन का बहाना बनाया यानी कि ग़ालिब से लेकर आज तक की शायरी में मेरी गहरी दिलचस्पी रही है।
यहाँ आगे बढ़ने से पहले एक और सफ़ाई देना चाहता हूँ। पारम्परिक प्रगतिवाद, आधुनिकतावाद और उत्तर-आधुनिकतावाद में मेरा विश्वास बहुत कमज़ोर है। मैं समझता हूँ कि हमारी अपनी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक परम्परा के सन्दर्भ में ही हमारे अपने प्रगतिवाद, आधुनिकतावाद और उत्तर-आधुनिकता की रूपरेखा तैयार की जानी चाहिए। हमारा जीवन हमारे समय के पश्चिमी जीवन और सोच-समझ की कार्बन कॉपी नहीं है। जिस तरह हमारा सौन्दर्यशास्त्र या Aesthetic Culture अलग है, उसी तरह हमारी प्रोग्रेसिविज़्म (Progressivism) और Modernity या ज़दीदियत भी अलग है। मैंने इसी दृष्टिकोण के साथ आधुनिक युग के अधिकतर शायरों को समझने की कोशिश की है।
ये निबन्ध मेरी दो किताबों—'हमसफ़रों के दरमियाँ’ (सह-यात्रियों के बीच) और 'हमनफ़सों की बज़्म में’ (यार-दोस्तों की सभा में) से लिए गए हैं। इनमें मेरा विषय बननेवाले शायरों का स्वभाव, चरित्र, चेतना और रूप-रंग अलग-अलग हैं। मैं समझता हूँ कि आधुनिकतावाद को इसी भिन्नता और बहुलता का प्रतीक होना चाहिए।
—शमीम हनफी (प्रस्तावना से)
''हालाँकि हिन्दी में उर्दू साहित्य के आधुनिक दौर के अधिकांश शायरों से ख़ासी वाक़िफ़यत रही है, उन पर स्वयं उर्दू में जो विचार और विश्लेषण हुआ है, उससे हमारा अधिक परिचय नहीं रहा है। शमीम हनफी स्वयं शायर होने के अलावा एक बड़े आलोचक के रूप में उर्दू में बहुमान्य हैं। उनके कुछ निबन्धों के इस संचयन के माध्यम से उर्दू की आधुनिक कविता की कई जटिलताओं, तनावों और सूक्ष्मताओं को जान सकेंगे और कई बड़े उर्दू शायरों की रचनाओं का हमारा रसास्वादन गहरा होगा। हमें यह संचयन प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता है।”
—अशोक वाजपेयी
Kargil: A Saga of Sacrifice & Heroism
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: This book is a great tribute to our brave soldiers who fought fiercely in the Kargil War. In this book, you will know about the lives of various Kargil heroes such as Captain Saurabh Kalia, Captain Vijyant Thapar, Captain Vikram Batra, Captain Manoj Pandey, and many other young soldiers who had sacrificed their lives for the pride of Mother India. You will learn how our nerves had refused to admit defeat, even under adverse conditions and now they turned the tables on Pakistan no had assumed the war to be already won. in this book, the author Is also sharing his experience of meeting the families of the martyrs. The Kargil war was an outcome of Pakistan's betrayal as they had used Stealth to occupy 150 posts located along the 160 Km long Line of Control. This book also sheds light on our political and diplomatic victory and various other aspects of the Kargil War like the refusal of both China and the United States to provide any support to the Pakistani forces. This book Is an attempt by the author to keep alive the memories of all those martyrs, who laid their lives in the service of nation.
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