
Vedic Kaal
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
107
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
214 mins
Book Description
‘भारत के लोक इतिहास’ श्रृंखला के इस खंड का विषय 1500 ईसा पूर्व से 700 ईसा पूर्व के बीच का काल-खंड है जिसके तहत ऋग्वेद और उसके बाद के ग्रन्थों को क्रमशः व्यवस्थित किया गया है और उस युग के भूगोल, प्रव्रजन, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और समाज के साथ-साथ धर्म और दर्शन आदि पहलुओं का अन्वेषण किया गया है। लेखकों की कोशिश रही है कि उक्त आदिग्रन्थों के माध्यम से तत्कालीन जन-जीवन की पुनर्रचना कर आम पाठकों के लिए उसे बोधगम्य बनाया जाए। इस प्रक्रिया में लैंगिक और वर्ग-आधारित सामाजिक विभाजनों को ख़ास तौर पर देखने की कोशिश की गई है।</p> <p>पुस्तक के एक अध्याय में पुरातात्त्विक साक्ष्यों के आधार पर प्रमुख क्षेत्रीय संस्कृतियों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया गया है। इतिहास में लोहे का आगमन एक महत्त्वपूर्ण घटना है जो इसी युग में सम्पन्न हुई थी, सो उसका वर्णन किंचित् विस्तार से हुआ है। साथ ही जाति व्यवस्था के आरम्भ पर भी इस पुस्तक में अपेक्षित प्रकाश डाला गया है।</p> <p>मूल ग्रन्थों के उद्धरणों, तार्किक व्याख्याओं और विश्लेषणों, अनेक प्रामाणिक चित्रों और नक़्शों से समृद्ध यह पुस्तक न सिर्फ़ रुचिकर, बल्कि पाठकों को विचारोत्तेजक भी लगेगी।