Kashmir The Untold story
Author:
Humra QuraishiPublisher:
Penguin IndiaLanguage:
EnglishCategory:
History-and-politics2 Reviews
Price: ₹ 290.5
₹
350
Unavailable
Since 1989, Kashmir has rarely been out of the headlines, as local militants, foreign terrorists, and Indian security forces battle it out in a region once known as `paradise on earth'. In all the propaganda, and news and statistics about terrorist strikes, counter insurgency operations, and the foreign hand, the human stories are often lost. In this book, journalist Humra Quraishi draws upon her extensive travels in the Valley and interactions with ordinary Kashmiris over two decades to try and understand what the long strife has done to them. She brings us heartrending stories of mothers waiting for their young sons who disappeared years ago, picked up by the army or by militants; minds undone by the constant uncertainty and fear and almost daily humiliation; old harmonies tragically undermined by the atmosphere of suspicion; an entire generation of young Kashmiris who have grown up with no concept of security; and individual families and a whole society falling apart under the strain of the seemingly endless turmoil.
ISBN: 9780143030874
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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मुग़ल साम्राज्य की अवनति के बारे में उपलब्ध यूरोपीय प्रलेखों में पादरी एफ.एक्स. वैदेल द्वारा फ़्रेंच भाषा में लिखित वृत्त-लेखों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। टीफैनथेलर और मोदाव के समकालीन वैदेल ने उत्तर भारत के राजनीतिक मामलों के सम्बन्ध में बहुत कुछ लिखा है। उसमें जाट-सत्ता सम्बन्धी वृत्त-लेख प्राथमिक स्रोत होने के कारण सबसे मूल्यवान हैं। ये वृत्तलेख मुग़ल राजतंत्र की तत्कालीन स्थिति और मुग़ल साम्राज्य के पतन में जाटों की भूमिका को समझने के लिए एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ हैं।
वस्तुत: वैदेल धर्मप्रचारक के छद्म वेश में अंग्रेज़ों के लिए तत्कालीन शक्तिशाली जाट-शक्ति की जासूसी कर रहा था। आभिजात्य संस्कार वाला वैदेल जब किसी भारतीय घटना, वस्तु या व्यक्ति के किसी एक पक्ष की सूचना देता है तो वह व्यक्तिनिष्ठ अवधारणा के वशीभूत होकर उनको यूरोपीय मानदंड से परखता है और भारतीयों को हेयदृष्टि से देखता है। परन्तु जब वह परिस्थिति, घटना और व्यक्तियों का उनकी समग्रता में वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन करता है तो वह तीक्ष्ण बुद्धिवाला विश्लेषक दृष्टिगोचर होता है। इतिहासकारों की तथ्य-अन्वेषक दृष्टि इस अन्तर को समझकर, पूर्वग्रह के झीने परदे को हटाकर इन तर्कसंगत विश्लेषणों को खोज लेती है। तत्कालीन मुख्य घटनाओं के ये विश्लेषण इतिहास की थाती हैं। इसी प्रकार वैदेल ने मुग़ल साम्राज्य के पतन के ज़िम्मेदार मुहम्मदशाह, अहमदशाह आदि अयोग्य शासकों, गुटबन्दी में लिप्त सफ़दरजंग, ग़ाज़ीउद्दीन ख़ाँ और नजीबुद्दौला, उनके स्वार्थी वजीरों तथा जाट-शक्ति के उन्नायक बदनसिंह, सूरजमल उघैर जवाहरसिंह के चरित्रों का उनकी समग्रता में मूल्यांकन करने में सफलता प्राप्त की है। संक्षेप में, वैदेल ने अठारहवीं सदी के उत्तरार्द्ध में पश्चिमोत्तर भारत की मुख्य रूप से मुग़ल और जाट-शक्तियों के साथ-साथ मराठा, सिख एवं राजपूतों की राजनैतिक शक्तियों की रूपरेखाओं का अंकन करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तत्कालीन सामान्य अवनति और राजनैतिक अस्थिरता के परिदृश्य में वैभवशाली जाट-सत्ता के कृषि-आधारित आर्थिक विकास के कारण सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन के शोध के लिए भी वैदेल ने पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराई है, जिसकी ओर विद्वानों का अभी तक ध्यान नहीं गया है।
Bharat Ka Saral Itihas
- Author Name:
Om Prakash Prasad +1
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक में बारह अध्याय हैं। इतिहास की परिभाषा एवं अवधारणा तथा इतिहास लेखन के विभिन्न पहलुओं पर प्रथम अध्याय में प्रकाश डाला गया है। सातवीं शताब्दी से भारत में सामन्तवादी तत्त्व विकसित होकर भारत को विखंडित कर दिए। एक नवीन भारत मुस्लिमकाल में अवतरित हुआ जहाँ शूद्र और ब्राह्मण के बीच की दूरी कम होती गई और चूँकि शूद्र (दलित) सम्मिलित कर लिए गए, अत: तथाकथित हिन्दुओं की संख्या में वृद्धि हुई। मुस्लिम माहौल में दलितों के साथ भेदभाव की भावना घटी। अंग्रेज़ी काल का ज़माना आया क्योंकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पश्चिम की तुलना में मुग़लकाल का भारत पिछड़ गया।
Padma-Agni
- Author Name:
Kamna Singh
- Book Type:

- Description: "जीवन में शुभ के आगमन का प्रतीक है पद्म पुष्प। शुद्ध रूप में दैवी और आध्यात्मिक शक्तियोंवाला पुष्प। जल में उत्पन्न, नौ ग्रहों से जुड़ा, ऊर्जा का केंद्र। ऐसे कमल पुष्प के गुणों से युक्त महारानी पद्मावती और पद्मावती के अंदर की अग्नि! आश्चर्य है, कभी इस ओर ध्यान क्यों नहीं गया! चित्तौड़गढ़ के दुर्ग के आसपास फैले छोटे-छोटे ताल-जलाशय मानो पद्मावती की कथा को बूँद-बूँद में समाहित किए हैं। धरती के चप्पे-चप्पे पर वही गाथा लिखी हुई है। आकाश ऊपर से नीचे आकर अपने मन की बात कहना चाहता है। वायु कान में प्रवेश कर पद्मिनी की कहानी सुनाती है। और अग्नि? अनवरत ऊर्ध्व-गमन अग्नि की स्वाभाविक प्रकृति है। अग्नि का जो नाता है पद्मावती से, क्या उसे कहने की जरूरत है? क्या जौहर कुंड के पास आज भी गरम हवा का अहसास नहीं होता? क्या आज भी नारी पर होनेवाले अत्याचार की बात सुनते ही दाह का अनुभव नहीं होता? क्या रानी पद्मावती द्वारा प्रज्वलित अग्नि आज भी जल नहीं रही है? रानी पद्मावती के अद्भुत शौर्य, समर्पण और जिजीविषा का दिग्दर्शन कराता मार्मिक एवं हृदय-स्पर्शी उपन्यास। "
Gandhi Kyon Nahin Marte!
- Author Name:
Chandrakant Wankhede
- Book Type:

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Description:
गांधी को गोली मार दी गई, उनका शरीर मर गया लेकिन गांधी नाम की जिस आभा ने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान जनसाधारण के हृदय में आकार लिया था, वह न मर सकी। वह आज तक जीवित है और सक्रिय भी।
यह किताब इसी पहेली को सुलझाने की कोशिश करती है कि वह क्या चीज थी जो गोलियों से भी बच निकली और गोलियों के पीछे खड़ी नफरत की मानव-विरोधी आँधी को आज तक चकमा देती आ रही है।
लेखक के मन में इस किताब के बीज उस समय पड़े जब वे संघ की शाला में पढ़ने गए थे। यहाँ आकर उन्हें गांधी के विषय में वह सुनने को मिला जो उनके अब तक के सीखे हुए से एकदम उलट था। घर-परिवार और समाज में उन्हें गांधी का आदर करना सिखाया गया था, और शाला में उन्होंने देखा कि गांधी का मजाक उड़ाया जाता है। उन्हें कायर, कमजोर और व्यभिचारी कहा जाता है। होश सँभालने के बाद से अब तक जिसे वे नायक मानते रहे थे, यहाँ उन्हें खलनायक बताया जा रहा था।
यहीं से उन्होंने गांधी को जानने का निश्चय किया। उन्होंने उनकी आत्मकथा पढ़ी और हैरान हुए कि कैसे कोई व्यक्ति प्रसिद्धि और लोकप्रियता के शिखर पर जाकर अपने बारे में वह लिख सकता है जो गांधी ने लिखा। उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास को पढ़ा और जाना कि स्वतंत्रता की अवधारणा को देश के अन्तिम व्यक्ति से जोड़ने का चमत्कार गांधी ने कैसे किया; कैसे उन्होंने धर्म के अनुशासन को दूसरों के बजाय अपनी तरफ मोड़कर धर्म के अर्थ ही बदल दिए।
यह पुस्तक गांधी के जीवन और स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास पर बराबर नजर रखते हुए हमें बताती है कि गांधी हमारे आज और आनेवाले समय के लिए क्यों जरूरी हैं; और यह भी कि उनके विचारों की दीप्ति को समाप्त करना सम्भव भी नहीं है।
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