Uttar Pradesh Ka Swatantrata Sangram : Mathura
Author:
Dr. Umesh Chander SharmaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Available
भारत की आजादी के लिए हुए अप्रतिम संघर्ष में मथुरा जनपद के महान योगदान की कहानी राष्ट्रीय प्रेम को समर्पित एक अनुपम गाथा है। 1856 में मथुरा के वनों में एक पंचायत हुई थी जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की तूफानी हलचल का संकेत था।</p>
<p>मथुरा जनपद में 1857 की क्रांति का विस्फोट मई माह के दूसरे सप्ताह में हुआ। 15 मई तक मथुरा के अंग्रेज स्त्रियों और बच्चों को आगरा पहुँचा दिया गया था। क्रांति की लपटें ग्रामीण अंचलों तक भी पहुँचीं। मांट तहसील का नौहझील क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हुआ। कोसी और छाता के क्षेत्रों में भी विद्रोह का बिगुल बज उठा था। मांट क्षेत्र का बाजना विशेष रूप से गतिशील हुआ। नौहबारी के जाटों ने नौहझील के किले पर आक्रमण किया। और भी कई महत्त्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी मथुरा जिला रहा जिसका विस्तृत विवरण इस पुस्तक में दिया गया है।</p>
<p>मथुरा जनपद में प्रतिरोध की परंपरा द्वापर तक जाती है जब श्रीकृष्ण ने गोपालकों को साथ लेकर कंस के शासन को समूल नष्ट कर दिया था। वही छवियाँ स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी हमें देखने को मिलीं।
ISBN: 9789394902534
Pages: 172
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: इतिहास में सम्राट् अशोक को दो चीजों के लिए याद किया जाता है—एक, कलिंग के युद्ध के लिए और दूसरा, भारत के बाहर की दुनिया में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए। अपने आरंभिक दिनों में अशोक बहुत क्रूर राजा था। अपने निष्कंटक राज्य के लिए उसने अपने सौतेले भाइयों को मरवा दिया था। उसके इन क्रूर कारनामों के कारण उसे ‘चंड अशोक’ कहा जाने लगा था। उसने एक के बाद एक राज्य जीता और साम्राज्यवाद की अपनी महत्त्वाकांक्षा को सींचता रहा। उसका राज्य भारत के पार दक्षिण एशिया और पर्शिया तक को छूने लगा। आखिर कलिंग का युद्ध हुआ। इसमें भी अशोक को जीत मिली। लेकिन इस युद्ध में दोनों पक्षों के एक-एक लाख लोग मारे गए और इससे भी ज्यादा बेघर हो गए। कलिंग युद्ध में हुए महाविनाश से विचलित हो गया। उसने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। उसने जनकल्याण के कार्य आरंभ कर दिए और राजसी भोग-विलास का परित्याग कर दिया। उसने अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया। सम्राट् अशोक के शौर्य, युद्धकौशल विजय अभियानों और दानव से मानव बनने की मार्मिक कथा प्रस्तुत करनेवाली एक पठनीय पुस्तक।
Pracheen Vishwa Ka Uday Evam Vikas
- Author Name:
Om Prakash Prasad
- Book Type:

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Description:
विश्व-इतिहास का निर्माण जिन लोगों ने किया, उन्हें निम्न पशुमानव, निर्धन, अनपढ़, अर्धनग्न, जंगली और आदिवासी के नाम से पहचाना गया। इतिहासकार उन्हें विश्व का आविष्कर्ता और प्रारम्भिक वैज्ञानिक मानते हैं। भारत, मिस्र, मेसापोटामिया, चीन, यूनान, और रोम की सभ्यताओं का उदय और विकास उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है।
जिस सूत्र से ये सभी सभ्यताएँ परस्पर सम्बद्ध रहीं, वह सूत्र है—इस पुस्तक में मानव-विकास के विभिन्न चरणों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जिन पहलुओं पर विशेष दृष्टिपात किया गया है, उनमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रमुख हैं। इस क्रम में पुस्तक यह भी स्पष्ट करती है कि अखिल विश्व में एकता और परस्पर-निर्भरता का आधार सबसे ज़्यादा वैज्ञानिक उपकरणों ने तैयार किया। विज्ञान के साथ-साथ विद्वान इतिहासकार ने इस कृति में समय-समय पर अस्तित्व में आए धर्मों की भी जानकारी दी है।
पुस्तक के अन्त में दी गई शब्दावली विशेष रूप से उपयोगी है।
Gandhi Banam Bhagat : Ek Sant, Ek Sainik
- Author Name:
Navin Gulia
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
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