Neetidarshan : Ek Niyamak Adhyayan
Author:
Shyam Kishor SethPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
इस पुस्तक में नीतिदर्शन के पारम्परिक नियामक अध्ययन (Normative Study) का प्रस्तुतीकरण है। पुस्तक को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है। प्रथम भाग नीतिदर्शन/नीतिशास्त्र की परिभाषा, स्वरूप, विषय-क्षेत्र व सुनिश्चित विषयवस्तु से सम्बन्धित है। इसी भाग में विभिन्न नैतिक सिद्धान्तों के वर्गीकरण को सुव्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है जिसके फलस्वरूप दो तरह के वर्ग सामने आते हैं : (1) परिणाम-निरपेक्षतावाद या शुद्ध कर्त्तव्यवाद (Deontological Theories) और (2) परिणाम-सापेक्षतावाद या फलवाद (Teleological Theories or Consequentialism)। पुस्तक के दूसरे भाग में परिणाम-निरपेक्षतावाद या शुद्ध कर्त्तव्यवाद के वर्ग में आने वाले विभिन्न सिद्धान्तों को विश्लेषित किया गया है जिसमें नैतिकता-निर्धारण हेतु कुछ बाह्य नियमों, यथा दैवी व सामाजिक नियमों, से सम्बन्धित तथा कुछ आन्तरिक नियमों सम्बन्धी सिद्धान्त, जैसे अन्तःप्रज्ञावाद व बुद्धिवाद शामिल हैं। पुस्तक के तीसरे भाग की विषयवस्तु परिणाम-सापेक्षतावाद या फलवाद है। इस भाग में सुखवाद व उसके विभिन्न प्रकारों, शक्ति के सिद्धान्त तथा पूर्णतावाद का विशद विश्लेषण है। पुस्तक में एक परिशिष्ट भी जोड़ा गया है जिसमें नीतिदर्शन सम्बन्धी एक अत्याधुनिक सिद्धान्त 'सद्गुण नीति' (Virtue Ethics) की संक्षिप्त चर्चा है, जो प्रथम भाग में वर्णित 'अधिनीतिशास्त्र' (Meta Ethics) के साथ मिलकर सम्भवतः इस पुस्तक की सामग्री को अधिक व्यापक बनाती है।
ISBN: 9789389742671
Pages: 246
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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