Ped-Paudhon Ki Ashcharyajanak Baaten
Author:
Kumar ManishPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
"प्रस्तुत पुस्तक में संसार के ऐसे ही विचित्र पेड़-पौधों के बारे में रोचक एवं ज्ञान-वर्धक जानकारी संकलित की गई है। रोचकता इसका प्राण है और ज्ञान-वर्धक इसका गुण।
पुस्तक में पेड़-पौधों की आश्चर्यजनक बातों के साथ-साथ उनके जन्म-स्थान, मानव जीवन में उनके महत्त्व तथा यथासंभव उनके उपलब्ध चित्र दिए गए हैं। आशा है यह रोचक एवं ज्ञान-वर्धक रचना सभी वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
"
ISBN: 9788193289372
Pages: 64
Avg Reading Time: 2 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Manoj Pandey
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- Description: हिन्दी को राजभाषा बनाने के पीछे संकल्पना यह थी कि हिन्दी देश में संप्रेषण और संवाद की मुख्य भाषा बने, राजकाज का प्रधान माध्यम बने और महज कार्यालयीन व्यवहार तक सीमित न रहे, बल्कि देशवासियों के बीच संपर्क का सेतु बने। संवैधानिक स्वीकृति मिलने के पहले से ही हिन्दी इस दिशा में प्रयत्नशील थी, परंतु आजादी के बाद निश्चित रूप से उसके कदम तेजी से आगे बढ़े। सरकारी प्रयास भी सहायक बने। विगत कुछ दशकों से हिन्दी साहित्यानुशीलन ही नहीं, बल्कि जीविकोपार्जन की भाषा के रूप में देश के मानस-पटल पर अंकित हुई है। परिणामस्वरूप उसका अर्थ, स्वरूप और व्यवहार-क्षेत्र भी व्यापक हुआ है। धीरे-धीरे पाठ्यक्रमों में भी यह आवश्यकता महसूस की गई कि हिन्दी को उसकी भाषिक प्रयुक्तियों के आधार पर पढ़ा-पढ़ाया जाए। अनुवाद, जनसंचार, वाणिज्य, व्यवसाय, कम्प्यूटर, सोशल मीडिया आदि विविध क्षेत्रों में आज हिन्दी की सशक्त उपस्थिति को देखते हुए हिन्दी शिक्षण के प्रयोजनपरक पक्षों के शिक्षण-प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है। यह पुस्तक इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हिन्दी के प्रयोजनमूलक पक्षों की प्रकृति को समझने का एक प्रयास है।
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