KALPTARU
Author:
Gurudev Nandkishore ShrimaliPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Unavailable
अमृत मंथन से कल्पतरु वृक्ष उत्पन्न हुआ जिसे इंद्र अपने साथ स्वर्ग ले आए, क्योंकि कल्पतरु सभी कामनाओं को पूर्ण कर सकता है। जहाँ कामनाएँ पूर्ण होती हैं, वही स्वर्ग है; और उसे पाने के लिए अनंत काल से संघर्ष चल रहा है। देवता और दानव आपस में युद्धरत हैं स्वर्ग पर अधिकार पाने के लिए; और पृथ्वी पर मनुष्य कोशिश में लगा है कि उसकी कामनाएँ कैसे पूर्ण होंगी?
कल्पतरु की सबको चाह है। इसके मिलने के बाद गालिब की तरह कहना नहीं पड़ेगा कि हजारों ख्वाहिशें ऐसी...क्योंकि ख्वाहिशें-कामनाएँ पूरी हो रही हैं।
वैसे भी, इंद्र इंद्रियजनित सुखों की पराकाष्ठा को निरूपित करते हैं; इसलिए उन्हें हमेशा ही तप से खतरा रहा है।
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इसलिए कल्पतरु खास है। वह विश्वास दिलाता है कि जो माँगोगे, वही मिलेगा। यह विश्वास पुरुषार्थ को जीवंत, सक्रिय कर देता है। जीवन पूर्ण लगने लगता है।
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥
आओ, साकार करें उपनिषद् की यह शांति प्रार्थना कल्पतरु के सान्निध्य में।
ISBN: 9789390366682
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: जीवन में हर मोड़ पर हमें अनेक प्रकार की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है जहाँ हर व्यक्ति के समक्ष समस्याएँ और संकट निश्चित ही आते हैं। जीवन में आए इन संकटों और समस्याओं से जब आप जूझते हैं और इनके विरुद्ध संघर्ष करते हैं तो आपका आत्मविश्वास उतना ही बढ़ जाता है। यही आत्मविश्वास आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा और प्रोत्साहन प्रदान करता है। इस संग्रह में श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के प्रकाशित अनेक काव्य-संग्रहों में से कुछ चुनिंदा कविताएँ समाहित की गई हैं। श्री निशंक उद्दात चिंतन और श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों तथा संवेदनाओं के पक्षधर साहित्यकार के रूप में जाने-पहचाने जाते हैं। इन कविताओं में उनका यही जीवन-दर्शन मुखरित होता है। ये कविताएँ समाज की जटिलताओं और विसंगतियों से उपजी हताशा और निराशाओं को दूर करने की विगीजीषु और संघर्ष करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं तो दूसरी ओर जिंदगी की हर कठिन परीक्षाओं से गुजर कर सफलताओं के शिखर तक पहुँचने का मार्ग भी बतलाती हैं।
Main Koi Aur
- Author Name:
Padmaja
- Book Type:

- Description: स्मृतिलोप से स्मृतियुक्त समय में वापसी का आख्यान या कुछ पुराने और बहुत कुछ नए बनते अनुभव-संसार में जीने की डायरी। वर्तनी और व्याकरण के फ़्रेम से बाहर, जीवन की चालढाल में बनती हुई भाषा में लिखी गई यह किताब–‘मैं कोई और’–जीवन संघर्ष का गद्य है। अविश्वसनीय, किन्तु विश्वसनीय। रचनात्मक और प्रेरक।
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