Janane ki Batein (Vol. 9)
Author:
Deviprasad ChattopadhyayPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 396
₹
495
Available
Janane ki Batein Vol. 9, about science
ISBN: 9788126711574
Pages: 116
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: ‘अँधेरे में’ उत्तरशती की सबसे महत्त्वपूर्ण और शायद सबसे विवादास्पद कविता है। विवाद भिन्न रुचि और विचारधारा वालों के बीच ही नहीं, समानधर्मा आलोचकों के बीच भी है। यह तथ्य कविता की सम्भावनाशीलता का प्रमाण है। यह भी सही है कि मुक्तिबोध के जीवन-काल में इस कविता को ख़ुद उनसे सुना तो कइयों ने होगा, लेकिन इसे सराहा उनकी मृत्यु के बाद ही गया। इस विलम्ब का कारण उपेक्षा या उदासीनता नहीं, बल्कि ऐतिहासिकता है। अपने समय का अतिक्रमण हर कालजयी रचना में होता है। लेकिन आनेवाले समय के इस कदर साथ चलनेवाली रचनाओं की संख्या बहुत नहीं होती। इस दृष्टि से देखने पर यह बात हैरत में डालनेवाली है कि अपने सारे जटिल अर्थ-विन्यास और अपारदर्शी शिल्प के बावजूद इस कविता के पाठकों की संख्या उत्तरोत्तर बढ़ती गई है। कविता के पाठक-आलोचकों ने तरह-तरह से इस बात को दोहराया है कि मध्यवर्ग के सुविधाजीवी, समझौतावादी और आदर्शजीवी मन का संघर्ष ही ‘अँधेरे में’ की काव्य-वस्तु है। इस पुस्तक में ख्यात हिन्दी आलोचक निर्मला जैन ने ‘अँधेरे में’ पर आधारित आलोचनात्मक आलेखों को संकलित किया है। ये आलेख इस कालजयी कविता की विभिन्न पक्षों से व्याख्या करते हैं।
Ped-Paudhon Ki Ashcharyajanak Baaten
- Author Name:
Kumar Manish
- Book Type:

- Description: "प्रस्तुत पुस्तक में संसार के ऐसे ही विचित्र पेड़-पौधों के बारे में रोचक एवं ज्ञान-वर्धक जानकारी संकलित की गई है। रोचकता इसका प्राण है और ज्ञान-वर्धक इसका गुण। पुस्तक में पेड़-पौधों की आश्चर्यजनक बातों के साथ-साथ उनके जन्म-स्थान, मानव जीवन में उनके महत्त्व तथा यथासंभव उनके उपलब्ध चित्र दिए गए हैं। आशा है यह रोचक एवं ज्ञान-वर्धक रचना सभी वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। "
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