Bhentvarta Aur Press Conference
Author:
Nand Kishore TirkhaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Ratings
Price: ₹ 48
₹
60
Unavailable
घटना से अधिक व्यक्ति की महत्ता एक सच्चाई है। बयान की मौलिकता और गुणवत्ता से अधिक महत्ता बयान देनेवाले की होती है। किसी विषय पर साधारण व्यक्ति द्वारा किया गया महत्त्वपूर्ण बयान समाचार नहीं बन सकता, परन्तु उसी विषय पर दिया गया किसी विशिष्ट व्यक्ति का बहुत ही मामूली-सा बयान समाचार हो जाता है।
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इन कठिन कलाओं में महारत हासिल करने के लिए डॉ. नन्दकिशोर त्रिखा की यह पुस्तक नए पत्रकारों को भेंटवार्ता में प्रवीणता प्राप्त करने तथा पुराने पत्रकारों के लिए अपनी कला माँजने में उपयोगी साबित हो चुकी है एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पुस्तक।
ISBN: 97881711984291
Pages: 112
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: क्या आप जानते हैं-' वह कौन पांडव वंशज था, जिसने एक बार अनजाने में ही भीम को मल्ल-युद्ध में पराजित कर दिया था ', ' धृतराष्ट्र का वह कौन पुत्र था, जो महाभारत युद्ध में जीवित बच गया था ', ' किस वीर से युद्ध करते हुए अर्जुन की मृत्यु हो गई थी ', ' द्रौपदी को ' याज्ञसेनी ' क्यों कहते थे ', ' हस्तिनापुर का नाम ' हस्तिनापुर ' कैसे पड़ा ', ' महाभारत युद्ध में कुल कितने योद्धा मारे गए थे ', ' उस अस्त्र को क्या कहते हैं, जिसके प्रयोग करने पर पत्थरों की वर्षा होने लगती थी ' तथा ' एक ब्रह्मास्त्र को दूसरे ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर दबा देने से कितने वर्षों तक वर्षा नहीं होती थी?' यदि नहीं, तो ' महाभारत प्रश्नोत्तरी ' पढ़ें । आपको इसमें इन सभी और ऐसे ही रोचक, रोमांचक, जिज्ञासापूर्ण व खोजपरक 1000 प्रश्नों के उत्तर जानने को मिलेंगे । इस पुस्तक में भीष्म, द्रोण, कर्ण, अर्जुन, भीम एवं अभिमन्यु जैसे पराक्रमियों के अद्भुत शौर्य का वर्णन तो है ही, विभिन्न शस्त्रास्त्रों, दिव्यास्त्रों एवं उनके प्रयोगों और प्रयोग के पश्चत् परिणामों की जानकारी भी दी गई है । इसके अतिरिक्त महाभारतकालीन नदियों, पर्वतों, राज्यों, नगरों तथा राज्याधिपतियो का सुस्पष्ट संदर्भ भी जानने को मिलता है । साथ ही लगभग दो सौ विभिन्न पात्रों के माता, पिता, पत्नी, पुत्र- पुत्री, पितामह, पौत्र, नाना, मामा आदि संबंधों का खोजपरक विवरण भी । यह पुस्तक आम पाठकों के लिए तो महत्त्वपूर्ण है ही, लेखकों संपादकों पत्रकारों वक्ताओं, शोधार्थियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है । वस्तुत: यह महाभारत का संदर्भ कोश है ।
Europe Mein Darshanshastra : Marx Ke Baad
- Author Name:
Shankari Prasad Bandyopadhyay
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gay Crow
- Author Name:
Vishwas Pethe +1
- Book Type:

- Description: अफाट बुद्धिमत्ता, दैदिप्यमान करिअर आणि अमेरिका यापेक्षा चांगलं काय मिश्रण असू शकत? हे सर्व विश्वासला मिळालं. पण समलैंगिकता आणि त्यामागून आलेला एड्स सारखा दुर्धर आजार हे सुद्धा आयुष्यात आले. इतक्या क्लिष्ट गोष्टी एका वेळेस घडत असताना इतर शारीरिक आजार समोर उभे राहिले. “आता मला आयुष्य पुरे झाले. मी जातो.” अशा स्वच्छ निर्णयापर्यंत पोहोचलेल्या विश्वासला एक मानसोपचरतज्ज्ञ मिळाला जो हे सर्व उकलून बघायला मदत करणार होता. आणि त्यातून आयुष्याचा काही वेगळा अर्थ लागतो का हे विश्वास शोधणार होता.असं काय होतं त्याच्या आयुष्यात? थेरपिस्ट बरोबर शोधतांना त्याला काय सापडलं?या सर्व प्रश्नांची खरी आणि जबरदस्त प्रामाणिक उत्तरे विश्वास ने दिली आहेत. प्रत्यक्ष आयुष्य हे कथेपेक्षा चमत्कारिक आणि धक्कादायक असू शकते. याचा प्रत्यक्ष स्वानुभव घेतलेल्या माणसाने हिमतीने सांगितलेली ही गोष्ट आहे.- डॉ. भूषण शुक्ला, मनोविकार तज्ज्ञ, पुणे गे क्रो | विश्वास पेठे | अनुवाद : डॉ. शाश्वत शेर Gay Crow | Vishwas Pethe Translated By : Dr. Shashvat Shere
Rajya Sarkar Aur Jansampark
- Author Name:
Kalidutt Jha +2
- Book Type:

- Description: लोकतान्त्रिक मूल्यों की महत्ता को देखते हुए ‘लोक’ और ‘जन’ अभिव्यक्तियाँ किसी भी संगठन या गतिविधि को सम्मान दिलाने के लिए कारगर विशेषण या उपसर्ग बन जाती हैं। कई बार ये अभिव्यक्तियाँ सम्मान का स्थान प्राप्त करने का औजार मात्र बनकर रह जाती हैं। उसकी मूल भावना का नितान्त अभाव सम्बन्धित संगठन या गतिविधि में होता है। भारतीय संविधान में सरकार के लिए जो भूमिका निर्धारित की गई है उसके चलते, वैश्वीकरण की आँधी के बावजूद सरकार आनेवाले बहुत समय तक समाज की सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण संस्था के रूप में स्थापित रहेगी। सच कहा जाए तो सरकार की भूमिका का दायरा बढ़ता ही जा रहा है, बहुत बार सही ढंग से तथा कई बार प्रश्नास्पद तरीके से यह प्रवृत्ति भारत की तरह अन्य लोकतान्त्रिक विकासशील देशों में भी जारी रहेगी, तेज भी हो सकती है, पर घटेगी नहीं। समाज पर बाजार के हावी होने की कोशिश के बावजूद राज्य की महत्ता के अक्षुण्ण रहने के परिप्रेक्ष्य में समाचार के क्षेत्र में सरकार के सम्पर्क में आनेवाले, सरकार से जूझनेवाले और सरकार में सेवा करनेवाले सभी प्रकार के लोगों के लिए निश्चय ही विशेषज्ञ लेखकों द्वारा तैयार यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।
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