Sagar Vigyan
Author:
Shyam Sunder SharmaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Unavailable
पढ़ने या सुनने में यह बात भले ही अटपटी लगे, पर यह सत्य है कि अब वह समय आ गया है जब हमें खाद्य, आवास, ऊर्जा, प्रदूषण आदि की बढ़ती हुई समस्याओं के समाधान के लिए थल के सीमित संसाधनों से हटकर सागर की ओर उन्मुख होना चाहिए। सागर पृथ्वी के केवल 71% भाग को ही घेरे हुए नहीं है, उसमें कुल जल का 97% भाग ही नहीं हैं, वरन् उसमें अपार खनिज संपदा, असंख्य जीव-जंतु और ऊर्जा का असीम भंडार भी है।
ISBN: 9788177213027
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: काम करणं म्हणजे काय? कामाचे तास किती असावेत? यांत्रिकीकरणामुळे कामातला संपलेला आनंद परत मिळवता येईल का? अशा प्रश्नांचा वेध घेत असेंब्ली लाईन्स, एच.आर. पीटर ड्रकर यांचा उदय, व्यवस्थापन आणि प्रशिक्षण, टाटा गु्रपचं सामाजिक कार्य, कर्मचार्यांचं मूल्यमापन, टोयोटोची नॉलेज मॅनेजमेंट, कॅनन प्रिंटरचं बिअर कॅनवरून सुचलेलं डिझाईन, फेसबुकचा निवडप्रक्रियेतला शिरकाव, स्टीव्ह जॉब्जच्या भन्नाट मुलाखती, वर्कप्लेसमधले ताणतणाव, वर्क-लाईफ बॅलन्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हायपरलूप, 3डी प्रिंटिंग - हे सर्व मराठीत एकत्रितपणे प्रथमच या पुस्तकातून येत आहे! Corporatekallol कॉर्पोरेटकल्लोळ
Stri Vimarsh Ki Jameen
- Author Name:
Shriprakash Mishra
- Book Type:

- Description: स्त्री-विमर्श यूरोप के लिए चाहे जितना पुराना हो, अध्ययन के स्तर पर भारत के लिए अभी नया क्षेत्र है। इसने पिछली सदी के अन्तिम दो दशकों में जोर पकड़ा है। इस विषय पर जहाँ अंग्रेजी में अच्छी पुस्तकों की भरमार है, हिन्दी में प्रचुर सामग्री उपलब्ध होने के बावजूद एक व्यवस्थित रूप से लिखी पुस्तक शायद ही मिलती हो। उम्मीद है इस कमी को यह पुस्तक 'स्त्री-विमर्श की ज़मीन' पूरी करेगी। पुस्तक का प्रत्येक अध्याय इसका प्रमाण है। वहाँ पश्चिम में हुए चिन्तन और आन्दोलन के साथ-साथ भारत में हुए चिन्तन, अध्ययन और प्रयास का खुलासा है। इस पुस्तक का पाठक-समाज में भरपूर स्वागत होगा, ऐसी उम्मीद है।
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