Atma Nirbhar Bharat : Vol. 3
Author:
M. Veerappa MoilyPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 480
₹
600
Available
भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास पर केन्द्रित वीरप्पा मोइली की पुस्तक श्ाृंखला का यह तीसरा खंड भारत के ऊर्जा-क्षेत्रा पर केन्द्रित है। देश को अधिकाधिक ऊर्जा-श्रम बनाने की योजनाओं, इस क्षेत्रा में जारी सुधारों और इस क्रम में सामने आ रही चुनौतियों को रेखांकित करते हुए यह पुस्तक ऊर्जा-संसाधनों के नियोजन, प्रबन्धन और विकास की सम्भावनाओं पर प्रकाश डालती है।पुस्तक की विशेष उपलब्धि यह है कि इसमें ऊर्जा क्षेत्रा की मौजूदा और जमानों से चली आ रही खामियों और चुनौतियों के साथ-साथ उन प्रश्नों पर भी नजर डाली गई है जो भविष्य में हमारे सामने आ सकते हैं और जिनके लिए हमें आज ही तैयारी करनी होगी। साथ ही उन सम्भावनाओं की तरफ भी यह पुस्तक इशारा करती है जो इस क्षेत्रा में हमारे सामने मौजूद हैं।
लेखक के अनुसार, ‘सबके लिए ऊर्जा’ के संकल्प पर कटिबद्ध भारत के लिए यह आवश्यक है कि नई तकनीकी के विकास के साथ-साथ नई नीतियों का भी निर्माण हो। भारत के ऊर्जा-कार्यक्रम को आकार देने में रुचि रखनेवाले प्रत्येक पाठक के लिए उपयोेगी यह पुस्तक अपनी सम्यक् दृष्टि और विहंगम सोच के चलते विशिष्ट है।
ISBN: 9788126726660
Pages: 176
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Tyag, Tapasya Aur Balidan Ki Parampara Ke Vahak Shri Guru Tegabahadur
- Author Name:
Dr. Kuldip Chand Agnihotri
- Book Type:

- Description: सप्तसिंधु क्षेत्र की कुछ घटनाएँ ऐसी हैं, जिन्होंने संपूर्ण भारतवर्ष के इतिहास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें सबसे पहली घटना तो मोहनजोदड़ो, हड़प्पा सभ्यता का उदय था, जिससे कालांतर में सिंधु सरस्वती सभ्यता का विकास हुआ। दरअसल वर्तमान भारतीय विश्वासों, आस्थाओं एवं पूजा-पद्धति का आधार सिंधु-सरस्वती घाटी में ही मिलता है। कुरुक्षेत्र में हुआ महाभारत का युद्ध इस क्षेत्र की ऐसा घटना है, जिसने पूरे हिंदुस्थान की सेनाओं को सप्तसिंधु के मैदानों में लाकर खड़ा कर दिया था। इन्हीं वैदिक परंपराओं का विकास श्रवण परंपराओं में हुआ, जिनके संश्लेषण की आधार भूमि भी सप्तसिंधु क्षेत्र ही बना। उसके सैकड़ों साल बाद यही सप्तसिंधु का क्षेत्र अरब से उठी सामी चिंतन की आँधी का शिकार हुआ। हमले क्योंकि सप्तसिंधु क्षेत्र से ही होते थे, इसलिए इसका सर्वाधिक दंश भी इसे ही झेलना पड़ा । लेकिन इस नई आफत का सामना कैसे किया जाए? यह उस युग की सबसे बड़ी चुनौती थी। इस मरहले पर दशगुरु परंपरा का उदय होना दैवी योजना ही कही जा सकती है। गुरु नानक देवजी इस परंपरा के संस्थापक थे। दशगुरु परंपरा का मूल्यांकन आध्यात्मिक क्षेत्र में तो हुआ है, लेकिन उसके ऐतिहासिक व सामाजिक क्षेत्र में योगदान को वरीयता नहीं दी गई। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कुदाल चलाने की आवश्यकता है। यह पुस्तक दशगुरु परंपरा के इसी क्षेत्र में किए गए योगदान को प्रकाश में लाने का स्तुत्य प्रयास है।
Sinbad the Sailor
- Author Name:
Pranjal Gupta
- Book Type:

- Description: सिंदबाद ने अपने जीवनकाल में कई चुनौतियों का सामना किया है, जब वह सात समुद्री यात्रा पर निकला तो उसे कई समुद्री तूफानों और खतरनाक दैत्यों का सामना करना पड़ा। ये कहानी तुम्हें झूठी लग सकती हैं लेकिन ये उतनी ही सच्ची है जितनी यह कि इन समुद्रों को आजतक कोई नाप नहीं पाया है! वह योद्धा, वह लड़का जिसे सिंदबाद ज़हाज़ी के नाम से जाना जाता है वह कोई मामूली लड़का नहीं था! उसकी सात समुद्री यात्राएँ तुम्हें समुद्र के उफानों पर कभी ऊपर ले जायेंगी तो कभी किसी अनजाने किनारे पर ले जाकर फेंक देंगी! एक पुरानी डायरी एक अविश्वसनीय कहानी और एक अनजान टापू की खोज
Atma Nirbhar Bharat : Vol. 1
- Author Name:
M. Veerappa Moily
- Book Type:

-
Description:
कन्नड़ के विख्यात लेखक, राजनेता, और सक्षम अर्थशास्त्राी वीरप्पा मोइली की यह पुस्तक भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास पर केन्द्रित उनकी पुस्तक-श्ाृंखला का पहला खंड है। अंग्रेजी में ‘अनलेशिंग इंडिया’ शीर्षक से प्रकाशित इस श्ाृंखला के प्रस्तुत खंड में भारतीय कृषि-व्यवस्था का सूक्ष्म और विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
भारत का सबसे बड़ा आर्थिक क्षेत्रा होने के नाते, कृषि का हमारे सामाजिक तथा आर्थिक विकास पर निर्णायक प्रभाव पड़ता है। यह पुस्तक कृषि क्षेत्रा में उत्पादकता, स्थिरता और विकास के कुछ नए पैमाने निर्धारित करती है, और इस क्षेत्रा की सीमाओं तथा सम्भावनाओं का सम्यक् आकलन करते हुए ऐसा समग्र एजेंडा पेश करती है जिससे भारतीय कृषि-तंत्रा की उत्पादकता को अभूतपूर्व ढंग से बढ़ाया जा सकता है। इस पुस्तक में जिस भारत की कल्पना की गई है, वह विश्व में कृषि-महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त करते हुए पूरी दुनिया के खाद्य-संकट को हल करने में और इस तरह संसार के सामने उदारीकरण की एक नई गाथा पेश करने में समर्थ होगा।
Ardhanareeshwar
- Author Name:
Ramdhari Singh Dinkar
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक के निबन्ध अपने समय के दस्तावेज हैं जिनको पढ़ते दिनकर के वैचारिक-स्रोतों और सन्दर्भों से हम अवगत हो सकते हैं; और जान सकते हैं कि एक युगद्रष्टा साहित्यकार अपने जीवन में अपनी कलम के साथ किस द्वन्द्व-अन्तर्द्वन्द्व के साथ जीता रहा। ‘अर्धनारीश्वर’ दिनकर का वह निबन्ध-संग्रह हैं जिसमें समाज, साहित्य, राजनीति, स्वतंत्रता, राष्ट्रीयता, अन्तरराष्ट्रीयता, धर्म, विज्ञान के साथ-साथ लेखकों, चिन्तकों, मनीषियों, राजनेताओं के कृतित्व और व्यक्तित्व से जुड़े अनेक पहलुओं का व्यापक परिप्रेक्ष्य में गम्भीरता से आकलन किया गया है और तर्क-सम्मत निष्कर्ष निकाले गए हैं। इस संग्रह का नाम ‘अर्धनारीश्वर’ क्यों रखा गया, इसके बारे में स्वयं लेखक का कहना है कि, '“इसमें ऐसे भी निबन्ध हैं जो मन-बहलाव में लिखे जाने के कारण कविता की चौहद्दी के पास पड़ते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जिनमें बौद्धिक चिन्तन या विश्लेषण प्रधान है। इसीलिए मैंने इस संग्रह का नाम ‘अर्धनारीश्वर’ रखा है, यद्यपि इसमें अनुपातत: नरत्व अधिक और नारीत्व कम है।” अतएव स्पष्ट है कि राष्ट्रकवि दिनकर की कविताएँ जिन्हें पसन्द हैं, उन्हें ये निबन्ध भी उनकी सोच-संवेदना के बेहद करीब लगेंगे।
Kala Pani
- Author Name:
Vinayak Damodar Savarkar
- Book Type:

- Description: काला पानी की भयंकरता का अनुमान इसी एक बात से लगाया जा सकता है कि इसका नाम सुनते ही आदमी सिहर उठता है। काला पानी की विभीषिका, यातना एवं त्रासदी किसी नरक से कम नहीं थी। विनायक दामोदर सावरकर चूँकि वहाँ आजीवन कारावास भोग रहे थे, अतः उनके द्वारा लिखित यह उपन्यास आँखों-देखे वर्णन का-सा पठन-सुख देता है। इस उपन्यास में मुख्य रूप से उन राजबंदियों के जीवन का वर्णन है, जो ब्रिटिश राज में अंडमान अथवा ‘काला पानी’ में सश्रम कारावास का भयानक दंड भुगत रहे थे। काला पानी के कैदियों पर कैसे-कैसे नृशंस अत्याचार एवं क्रूरतापूर्ण व्यवहार किए जाते थे, उनका तथ वहाँ की नारकीय स्थितियों का इसमें त्रासद वर्णन है। इसमें हत्यारों, लुटेरों, डाकुओं तथा क्रूर, स्वार्थी, व्यसनाधीन अपराधियों का जीवन-चित्र भी उकेरा गया है। उपन्यास में काला पानी के ऐसे-ऐसे सत्यों एवं तथ्यों का उद्घाटन हुआ है, जिन्हें पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
BHAVISHYA KA BHARAT
- Author Name:
Nitin Gadkari
- Book Type:

- Description: हमारे समाज के हर वर्ग की वैधानिक आकांक्षाएँ हैं; लेकिन इन्हें पूरा कर पाने के लिए एक ऐसी समग्र सोच की जरूरत है, जो राष्ट्र-हित को ध्यान में रखती हो। व्यक्तियों का और समाज का सद्भावपूर्ण विकास पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का प्रमुख गुण है, जिसे भाजपा अपना मार्गदर्शक दर्शन मानती है। भारत के वैकल्पिक आर्थिक मॉडल की पहली जरूरत के रूप में कृषि और ग्रामीण विकास की व्यवस्थित अनदेखी को बंद करना चाहिए। किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को कम लागत एवं आसान शर्तों पर पूँजी उपलब्ध करानी चाहिए। जल संसाधनों का प्रबंध कर पाने की हमारी अयोग्यता से सूखा और बाढ़ की स्थिति गंभीर हो रही है। दूसरी ओर, पानी के फिर से इस्तेमाल कर पाने की योजनाओं की कमी के कारण हम औद्योगिक विकास और बिजली उत्पादन के अवसर खो रहे हैं। जल प्रबंधन के लिए आवश्यक है पानी के फिर से इस्तेमाल की नई विधियों की खोज। बिजली उत्पादन के विकल्पों की गंभीरता से खोज आवश्यक है ताकि बिजली संकट खत्म हो सके। ऐसी दीर्घकालीन योजना बनानी चाहिए, जिसमें ऊर्जा वैकल्पिक स्रोतों को सही महत्त्व दिया जाए। जमीन से जुड़े वरिष्ठ राजनेता श्री नितिन गडकरी के चिंतनपरक विचारों का संकलन जिसमें विकसित भारत के स्वप्न को यथार्थ में बदलने का एक व्यावहारिक ब्यूप्रिंट है। ग्रामीण और शहरी में समान रूप से विकास का इंजन गतिशील हो, प्राकृतिक संसाधनों का कुशल प्रबंधन हो, हरित ऊर्जा का व्यापक प्रचार हो—इन सबका बहुत वस्तुपरक आकलन प्रस्तुत है ‘भविष्य का भारत’ में।
Jartushtra Ne Yah Kaha
- Author Name:
Friedrich Nietzsche
- Book Type:

-
Description:
यूनानियों के अनुसार विकास के प्रत्येक चरण का अपना पैग़म्बर हुआ है जिसने अपने समय के लोगों का पथ-प्रदर्शन किया है। हर पैग़म्बर का अपना समय होता है। ‘ज़रतुष्ट्र’ ही वह पहला विचारक था जिसने व्यवहार-चक्र में अच्छाई और बुराई, नेकी और बदी के अन्तर को समझा, नैतिकता के तात्त्विक रूप को पहचाना और कहा कि सच्चाई ही सर्वोत्तम सद्गुण है, कार्य-प्रेरक है और है अपने आप में पूर्ण अर्थात् स्वयंभू।
‘ज़रतुष्ट्र ने यह कहा’ नामक पुस्तक के लेखक विश्व-विख्यात विचारक, दार्शनिक और साहित्यकार फ़्रीडरिश नीत्शे हैं। इनकी विचारधारा एवं लेखन ने अपने समय के विचारशील लोगों को जितना प्रभावित किया। उतना दार्शनिक इमेनुअल कांट को छोड़कर अन्य कोई नहीं कर पाया था, शोपनहार भी नहीं जिनके सिद्धान्तों का प्रभाव यूरोप के अधिकांश भागों में छाया हुआ था। नीत्शे की लेखनी का क्षेत्र बहुत विस्तृत था, उसमें नीतिशास्त्र के अतिरिक्त साहित्य, राजनीति, दर्शन और धार्मिक निष्ठाओं एवं विचारों का मंथन तथा समालोचना सभी सम्मिलित थे।
नीत्शे ने हमारे सम्मुख ऐसे नए और उच्च मूल्यों को रखा जो उत्साहवर्धक हैं और जीवन में ‘आशा और विश्वास’ पैदा करते हैं। मूल्यों की पुरानी सारिणी में उन मूल्यों पर बल दिया गया है जो मनुष्य को कमज़ोर, निरुत्साही और निष्प्रभ बनाते हैं। ऐसे मूल्यों वाले व्यक्ति को ‘माडर्न मैन’ की संज्ञा दी गई। इसके विपरीत, मूल्यों की नई सारिणी में, उन मूल्यों को प्राथमिकता दी गई है जो कौम को स्वस्थ, सबल, शक्तिवान, उत्साही और साहसी बनाते हैं। या यूँ कहिए कि नई मूल्य सारिणी के अनुसार ‘जो गुण शक्ति से विकसित होते हैं, वे अच्छे हैं, और जो कमज़ोरी के परिणाम से उपजते हैं, वे बुरे हैं।’
उम्मीद है, यह महत्त्वपूर्ण कृति हिन्दी के पाठकों, ख़ासकर दर्शन में रुचि रखनेवालों को बेहद पसन्द आएगी।
Jharkhand GK: General Knowledge Book - 2025 For JPSC, JSSC, JTET, JSERC
- Author Name:
Dr. Manish Rannjan
- Book Type:

- Description: Jharkhand emerges as a vibrant canvas, portraying a mesmerizing blend of diverse natural, cultural, social, political, and geographical aspects. Across its enchanting terrain, a symphony of vibrant music and captivating dances fills the air, echoing the collective heartbeat of its inhabitants. The rhythmic beats of dhol, mandar, and flute reverberate, underscoring the region’s rich cultural tapestry. Festivals and rituals such as Karma Puja, Sarhul, Tusu, and Sohrai are intricately interwoven into the fabric of daily life, serving as a poignant expressions of reverence towards nature’s profound essence. In this harmonious celebration, the pure simplicity, charm, and equilibrium of Jharkhand's landscape find eloquent expression. In this comprehensive volume, we embark on a meticulous journey through the diverse dimensions of Jharkhand, spanning across 20 insightful chapters. From delving into its historical and geographical roots to dissecting its political, social, cultural, and economic landscapes, every facet is meticulously examined. The narrative doesn’t just stop at the past; it extends to elucidate contemporary developments, programmes, and policies, complemented by enlightening statistical diagrams that provides a clear understanding of the present scenario. Designed as a companion for both aspirants of competitive examinations and avid learners, this book is a treasure trove of knowledge. With 893 objective questions, their detailed answers, and 100 practice question sets, it serves as an indispensable tool for those striving to carve out successful careers. Anticipated to be a prized possession not only for students but also for researchers, educators, and enthusiasts keen on unraveling the enigmatic allure of this state, this volume promises an enriching exploration into the captivating essence of Jharkhand.
Shikshan Aani Shanti
- Author Name:
Jane Sahi +1
- Book Type:

- Description: शाळा ही काही समाजाबाहेर, एखाद्या पोकळीत असणारी गोष्ट नाही. ती समाजातून येते आणि पुन्हा समाजापर्यंतच वाहत जाते. शाळा काही फक्त जीवनाची तयारी नव्हे; ती समाजाच्या सामाजिक, आर्थिक वास्तवाचा अविभाज्य भाग असते. सध्या समाजात एकंदरीतच जे ताण आहेत आणि दडपणं आहेत त्यांनाच शाळांनाही तोंड द्यावं लागत आहे. उदाहरणार्थ, स्पर्धा आणि व्यापारीकरणाच्या वरवंट्याखाली भरडलं जाणं. शाळा ज्या प्रकारे वाढलेल्या दिसतात, तो काही योगायोग नाही; तो समाज, त्याची मूल्यं, त्याच्या अपेक्षा आणि गरजा यांचा तर्कशुद्ध विस्तार किंवा प्रतिबिंब आहे. आपल्या सध्याच्या समाजातली हिंसा, भेदभाव आणि अन्याय यांनीच विविध प्रकारच्या शाळांमधली उतरंडीची व्यवस्था निर्माण केली, अभ्यासक्रमाचे तपशील ठरवले आणि शिक्षणाच्या पद्धती आणि मूल्यमापनाच्या पद्धती ठरवल्या. थोडं नकारात्मक अर्थानं आणि एका दृष्टिकोनातून पाहिलं पण त्या शाळा जीवनापासून अलिप्त नाहीत तर अन्याय आणि असमानता या कठोर वास्तवांचा भाग आहेत. Shikshan Aani Shanti : Jane Sahi , Shobha Bhagwat शिक्षण आणि शांती : जेन साही, शोभा भागवत
Falit Jyotish (Hora-Ganit)
- Author Name:
Dr. Shanker Adawal
- Book Type:

- Description: विज्ञान में आधुनिक और नए अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया है कि ब्रह्मांड एवं सौर मंडल के ग्रह-नक्षत्रों का पृथ्वी के चराचर पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ता है। इन उपलब्धियों से आधुनिक शिक्षित समाज में, जो कि कभी इस सिद्धांत (फलित ज्योतिष) को एक अंधविश्वास मात्र मानता था, पुनः इस शास्त्र के प्रति रुचि तथा विश्वास उत्पन्न हो गया है। अगर हम ज्योतिष की वैज्ञानिकता की बात रहे हैं तो इसका आधार है फलित-ज्योतिष, जो गणित पर ही आधारित है। फलित ज्योतिष में मूलभूत गणित का ज्ञान प्रत्येक को होना नितांत आवश्यक है। बिना गणित की प्रक्रिया को जाने फलित का यथार्थ ज्ञान होना संभव नहीं है। ज्योतिष शास्त्र अनंत है, उसके सिद्धांत, संहिता तथा होरा नामक तीन स्कंधों में से इस पुस्तक को होरा-शास्त्र का केवल एक अंश ही समझना चाहिए। इस पुस्तक में केवल जन्म-कुंडली और वर्ष-कुंडली के मुख्य-मुख्य गणित विषय मात्र संकलित हैं।
Safai Devta
- Author Name:
Omprakash Valmiki
- Book Type:

- Description: ख्यात दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि की इस पुस्तक में देश-समाज के सबसे उपेक्षित तबक़े भंगी या वाल्मीकि की ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य के साथ मौजूदा वास्तविक स्थिति का सप्रमाण वर्णन करने का प्रयास किया गया है। ‘भंगी’—शब्द सुनकर ही लोगों की भौंहें तन जाती हैं। समाज की उपेक्षा और प्रताड़ना ने उनमें इस हद तक हीनताबोध भर दिया है कि वाल्मीकि समाज के उच्च शिक्षित लोग भी अपनी पहचान छुपाते फिरते हैं। दलितों में दलित यह तबक़ा आर्थिक विपन्नता की दलदल में फँसा है। पुनर्वसन की राजनीति करनेवाले इस तंत्र में इन सफ़ाई कर्मचारियों के पुनर्वसन की ज़रूरत कभी किसी ने महसूस नहीं की। उच्चवर्गीय, ब्राह्मणवादी मानसिकता और सामन्ती सोच-विचार के लोग इन्हें कोई भी सामाजिक अधिकार देने के पक्ष में नहीं हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य ऐतिहासिक उत्पीड़न, शोषण और दमन का विश्लेषण करना है। उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का आकलन करना है, और उसके सामने खड़ी समस्याओं का विवेचन करना है। इसके लिए ऐतिहासिक विवरण ही काफ़ी नहीं हैं, वर्तमान का मूल्यांकन भी उतना ही आवश्यक है। लेखक का उद्देश्य लम्बे भीषण, नारकीय दौर में वाल्मीकि समाज की उपलब्धियों, संघर्षों की खोज कर, ऐसी मिसाल पेश करना है जो भविष्य के अन्धकार से उसे बाहर निकलने की प्रेरणा दे सके।
Lekhak Ka Samay
- Author Name:
Sangeeta Gupta
- Book Type:

- Description: Lekhak Ka Samay is a compilation of interviews she conducted with eminent women writers.
Guntavnuk Darala Mahit Asayalacha Havya Ashya Sharebajarachya Yuktichya Goshti
- Author Name:
Swaminathan Annamalai +1
- Book Type:

- Description: शेअर बाजारात नवोदित आणि अनुभवी असलेल्यांसाठीही हे पुस्तक आहे. भारतीय शेअर बाजाराबद्दल फारशा माहीत नसलेल्या गोष्टी लेखकाने अत्यंत सोप्या, तरीही रोचक पद्धतीने सांगितलेल्या आहेत.’ - फिरोज व्ही. आर. वैश्विक सेवाप्रमुख, उपाध्यक्ष ‘एस.ए.पी.’ आणि इंडिया इन्क्ल्यूजन फाउंडेशनचे संस्थापक हे पुस्तक तुम्ही का वाचायला हवे? हे पुस्तक वाचून झाल्यानंतर तुम्हाला खालील गोष्टींबद्दल समजेल : 1. शेअर बाजार जितका वेळ चालू असतो तितका वेळ संगणकासमोर बसला नाहीत, तरीही पैसे कमावता येतात. 2. भरपूर नफा मिळवून देणारे शेअर्स पटकन ओळखून आपला फायदा करून घेता येतो. 3. शेअर बाजारात ज्या शेअर्सचे व्यवहार आता होत नाहीत अशा अ-सूचीबद्ध शेअर्सची हाताळणी. 4. भीडभाड न बाळगता ऑप्शन्स विकून टाकणे आणि नफ्याची टक्केवारी वाढवणे. 5. आयपीओबद्दल आणि आयपीओकरिता पैसे कसे उभे करावेत याबद्दल माहिती. 6. कागदी शेअर्सचे रूपांतरण इलेक्ट्रॉनिक शेअर्समध्ये (डिमटेरिअलायझेशन) कसे करावे. 7. बीईईएस (इशएड) म्हणजे काय, तो गुंतवणुकीचा जोखीममुक्त पर्याय आहे का? 8. स्टॉक स्क्रीनर्सशी ओळख. 9. शेअर बाजाराला कोणत्या प्रकारच्या घोटाळ्यांमुळे फटका बसू शकतो. 10. हिंदू अविभक्त कुटुंबाची (कणऋ) स्थापना करून आयकर वाचवता येऊ शकतो. Guntavnuk Darala Mahit Asayalacha Havya Ashya Sharebajarachya Yuktichya Goshti - Swaminathan Annamalai गुंतवणूकदाराला माहित असायलाच हव्या अश्या शेअरबाजारच्या युक्तीच्या गोष्टी - स्वामिनाथन अन्नामलाई
Premchad : Katha Sunate Huye
- Author Name:
Vishwanath Tripathi
- Book Type:

- Description: ‘प्रेमचन्द : कथा सुनाते हुए’ विश्वनाथ त्रिपाठी के निबन्धों का संचयन है। इसके कुछ आलेख लेखकों को लेकर लिखे गए हैं और कुछ पुस्तकों को पढ़ते हुए, उनके बारे में सोचते हुए। जाहिर है दोनों ही में समकालीन साहित्यिक प्रश्नों पर विचार और साहित्य को समझने-जानने की प्रविधियों पर चर्चा भी होती चली है। उदाहरण के लिए, प्रेमचन्द के बारे में बात करते हुए वे लिखते हैं : ‘निर्मल वर्मा ने कहा है कि भारतीय उपन्यास लिखे ही नहीं गए। नामवर जी ने इसका समर्थन किया।’ इस पर अपना पक्ष रखते हुए विश्वनाथ त्रिपाठी का कहना है : ‘प्रेमचन्द का कथाशिल्प ठेठ भारतीय है (जैसे कोई बुजुर्ग अलाव के आसपास हाथ तापते हुए कहानियाँ सुना रहा हो) और फिर उनकी कथावस्तु क्या अभारतीय है? ...जिसे जादुई यथार्थवाद कहा जाता है वह भी अभारतीय नहीं है। प्रेमचन्द की कई कहानियों में यह जादुई यथार्थ मिलता है।’ जैनेन्द्र के ‘त्यागपत्र’ पर विचार करते हुए कहते हैं : ‘जिस तरह मृणाल की मूक सहनशीलता में विद्रोह छिपा है, उसी तरह निर्णायक घटनाओं और पात्रों के नेपथ्य ही में रहने से उनका रूप प्रभावशाली हो जाता है। शब्द मूलतः मूर्तन नहीं करते, वे श्रोता और पाठक को अपने संस्कारों, रुचियों और आवश्यकता के अनुसार कल्पना करने की पूरी छूट देते हैं। इसीलिए अच्छी कहानी या अच्छे उपन्यास पर बनी हुई फ़िल्में प्रायः पाठकों को सन्तुष्ट नहीं कर पातीं।’ यह विचारोत्तेजक है और पाठक को इन बिन्दुओं पर अपने ढंग से सोचने को आमंत्रित करता है। पुस्तक में संकलित अन्य आलेखों में आप ‘राग दरबारी’, ‘लेकिन दरवाज़ा’, ‘गोदान’, ‘सात आसमान’, ‘सारा आकाश’ और ‘मानस का हंस’ जैसे चर्चित उपन्यासों पर उनके सुचिन्तित अवलोकन के अलावा कई अन्य महत्त्वपूर्ण कृतियों पर भी उनके विचारों से अवगत होते हैं।
Metamorphosis
- Author Name:
Franz Kafta
- Book Type:

- Description: This Books doesn’t have a description
Yog Purankatha
- Author Name:
Dr. Madhavi Kulkarni +1
- Book Type:

- Description: वीरभद्रासन आणि हनुमानासनापासून मत्स्येंद्रासन, कूर्मासन आणि अनंतासनापर्यंत अनेक योगासनांची लोकप्रिय नावे भारतीय पुराणकथांमधील पात्रे आणि श्रेष्ठ व्यक्तींवर आधारित आहेत. ही पौराणिक पात्रे कोण होती, त्यांच्या कथा काय आहेत आणि योगासनांशी त्यांचा काय संबंध आहे? देवदत्त पट्टनाईक यांचे अलीकडील पुस्तक ‘योग पुराणकथा' (सहलेखक - आंतरराष्ट्रीय योग साधक मॅथ्यू रॉली) हे पुस्तक हिंदू, बौद्ध आणि जैन धर्मातील पूर्वापार चालत आलेल्या लोककथा आपल्याला पुन्हा सांगते. जगाला सुपरिचित असलेल्या योगासनांच्या मागे या कथा आहेत. 64 महत्त्वाच्या आसनांमागील कथांच्या हकिकती सांगताना शाश्वत सत्ये, पुनर्जन्म, मुक्ती आणि सहवेदना या संकल्पनांवर आधारित भारतीय उपखंडातील दृष्टिकोनाकडे देवदत्त आपले लक्ष वेधतात. हजारो वर्षे या संकल्पना योगाचे संवर्धन करत आहेत. या पुस्तकात आसनांमधील शरीराच्या विशिष्ट स्थितीबद्दल विचार मांडले आहेत. असे असले तरी आसने कशी करावीत याविषयी हे पुस्तक नाही. एक ज्ञानशाखा म्हणून योगाकडे बघताना त्याचे मानसिक, आध्यात्मिक दृष्टिकोन आणि योगदान, तसेच त्यामागील तत्त्वज्ञान, परंपरा, संस्कृती समजावून घेणं आवश्यक असते. तीन हजाराहून अधिक वर्ष प्रभाव असलेल्या या कथांनी जागतिक दृष्टिकोन आकारास आणला. अशा सर्वांची ओळख हे पुस्तक करून देते. Yog Purankatha | Devdutt Pattanaik, Matthew Rulli | Translated By : Madhavi Kulkarni योग पुराणकथा | देवदत्त पट्टनायक, मॅथ्यू रॉली | अनुवाद : माधवी कुलकर्णी
Mashhoor Hue To Kya Hua?
- Author Name:
Soha Ali Khan
- Book Type:

- Description: मंसूर अली खान पटौदी की बेटी होना कैसा लगता है? या शर्मिला टैगोर जैसी मशहूर माँ की बेटी होना कैसा लगता है? या जब लोग सैफ अली खान की बहन के तौर पर जानते हैं? या फिर करीना कपूर की ननद होना कैसा लगता है? और उन सबके बीच मैं खुद को कहाँ पाती हूँ? अभिनेत्री सोहा अली खान की यह पहली पुस्तक वास्तव में उन निजी लेखों का एक बेहतरीन संग्रह है, जिनमें वह अपनी खिल्ली उड़ाने के मजाकिया अंदाज में बताती हैं कि किस प्रकार वह देश के सबसे विख्यात परिवारों में से एक में जनमी-बढ़ीं। लेखिका के पारिवारिक चित्रों के खजाने से पहली बार अनदेखी तसवीरों के साथ प्रकाशित यह किताब हमें उनके जीवन के दिल को छू लेनेवाले पलों से होकर ले जाती है, जिनमें आधुनिक युग की राजकुमारी से बल्लिओल कॉलेज के दिनों की उनकी जिंदगी और फिर सोशल मीडिया की संस्कृति वाले समय में एक हस्ती बनने तक की कहानी है, जिन्हें उन जगहों पर प्यार मिला जहाँ उम्मीद नहीं थी, और यह सबकुछ ताजगी भर देनेवाली बेबाकी और चुटीले अंदाज में बताया गया है। एक शाही परिवार में जन्म लेने के बाद भी कैसे आप लोगों की संवेदना को कोई महसूस कर सकता है, यह इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपको जानना आसान होगा।
Baagbani : Ghar Ke Bhitar
- Author Name:
Pratibha Arya
- Book Type:

- Description: आज की महानगरीय व्यवस्था में खुला स्थान, वाटिका और उद्यान तो एक सपना ही बनता जा रहा है। जो लोग दो-तीन कमरों के फ्लैटों में रह रहे हैं, खुले स्थान के नाम पर एक छोटी सी बालकनी, बरामदा या फिर भाग्यशाली हुए तो छत है। वे कुछ फूल-पौधे लगाकर अपना घर सजाना चाहते हैं तो क्या नर्सरी वालों पर निर्भर रहें अथवा स्वयं पौधों की देखभाल का आनन्द उठाएं? यह पुस्तक ऐसे ही बागबानी प्रेमी लोगों के लिए लिखी गई है जो स्वयं ही घर में या छत पर किचेन गार्डन या सदाबहार पौधे लगाकर घर को सजाना चाहते हैं। इस पुस्तक में छत पर पौधे, बालकनी में पौधे, घर के अन्दर पौधे लगाना साथ ही सदाबहार बोंसाई, कैक्टस आदि पौधों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा गमलों के रख-रखाव पर उपयोगी सामग्री तथा डिजाइनिंग आदि पर सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। उम्मीद है यह पुस्तक घर में हरियाली के साथ खुशहाली भी लाएगी।
Marxwad Aur Bhasha Ka Darshan
- Author Name:
V. N. Voloshinov
- Book Type:

-
Description:
मार्क्सवाद और समकालीन भाषा-विज्ञान के सम्बन्धों के मद्देनज़र, यह सवाल किया जा सकता है कि क्या ‘मार्क्सवादी भाषा-विज्ञान’ जैसी कोई चीज़ मौजूद है? और इसका उत्तर देने में कोई हिचक या कठिनाई नहीं महसूस होती क्योंकि मार्क्सवाद मानव-सभ्यता के भौतिक-आत्मिक विकास का इतिहास प्रस्तुत करते हुए मानव-भाषाओं की व्याख्या के प्रति एक सुनिश्चित ‘अप्रोच’ प्रस्तुत करता है और एक सुनिश्चित पद्धति लागू करते हुए कुछ सुनिश्चित स्थापनाएँ प्रस्तुत करता है।
एक सामाजिक एवं विचारधारात्मक परिघटना के रूप में, भाषा की प्रकृति और प्रकार्यों पर मार्क्सवादी चिन्तन को 1920 और 1930 के दशक में सोवियत भाषा-वैज्ञानिकों ने बहुपक्षीय रूप में आगे बढ़ाया। 1929 में प्रकाशित वी.एन. वोलोशिनोव की पुस्तक मार्क्सवाद और भाषा का दर्शन पहली ऐसी पुस्तक थी जिसमें भाषा-विज्ञान के कुछ प्रमुख आधारभूत प्रश्नों पर मार्क्सवादी विश्व-दृष्टिकोण और पद्धति से विचार करने का प्रयास दिखाई देता है। वोलोशिनोव ने विचारधारा और भाषा के प्रति सॉस्युर के संरचनावाद और विटगेंस्टाइन के भाषायी दर्शन से सम्बद्ध परम्पराओं से सर्वथा अलग ‘अप्रोच’ अपनाया तथा संकेत-विज्ञान और विमर्श-सिद्धान्त की ऐसी प्रणालियाँ प्रस्तावित कीं जो मार्क्सवादी साहित्यिक आलोचना को कई धरातलों पर समृद्ध बनाने की सम्भावना से युक्त थीं। मार्क्सवाद और भाषा का दर्शन पहला संस्करण 1929 में और दूसरा संस्करण 1930 में प्रकाशित हुआ। इसमें वोलोशिनोव ने भाषा और विचारधारा के बीच के सम्बन्धों का जो विश्लेषण प्रस्तुत किया, वह अपने कई विवादास्पद उपप्रमेयों और उपांगों के बावजूद, भाषा-विज्ञान के क्षेत्र में मार्क्सवाद को लागू करने का अभूतपूर्व उदाहरण था। न केवल दशकों बाद तक, मार्क्सवादी भाषा-विज्ञान के क्षेत्र में मार्क्सवादी भाषा-विज्ञान इसे एक सन्दर्भ-बिन्दु के रूप में देखता रहा और इसके द्वारा प्रस्तुत प्रस्थापनाओं तथा उठाए गए अनसुलझे प्रश्नों से जूझता रहा, बल्कि आज भी यह प्रक्रिया जारी है।
Gay Crow
- Author Name:
Vishwas Pethe +1
- Book Type:

- Description: अफाट बुद्धिमत्ता, दैदिप्यमान करिअर आणि अमेरिका यापेक्षा चांगलं काय मिश्रण असू शकत? हे सर्व विश्वासला मिळालं. पण समलैंगिकता आणि त्यामागून आलेला एड्स सारखा दुर्धर आजार हे सुद्धा आयुष्यात आले. इतक्या क्लिष्ट गोष्टी एका वेळेस घडत असताना इतर शारीरिक आजार समोर उभे राहिले. “आता मला आयुष्य पुरे झाले. मी जातो.” अशा स्वच्छ निर्णयापर्यंत पोहोचलेल्या विश्वासला एक मानसोपचरतज्ज्ञ मिळाला जो हे सर्व उकलून बघायला मदत करणार होता. आणि त्यातून आयुष्याचा काही वेगळा अर्थ लागतो का हे विश्वास शोधणार होता.असं काय होतं त्याच्या आयुष्यात? थेरपिस्ट बरोबर शोधतांना त्याला काय सापडलं?या सर्व प्रश्नांची खरी आणि जबरदस्त प्रामाणिक उत्तरे विश्वास ने दिली आहेत. प्रत्यक्ष आयुष्य हे कथेपेक्षा चमत्कारिक आणि धक्कादायक असू शकते. याचा प्रत्यक्ष स्वानुभव घेतलेल्या माणसाने हिमतीने सांगितलेली ही गोष्ट आहे.- डॉ. भूषण शुक्ला, मनोविकार तज्ज्ञ, पुणे गे क्रो | विश्वास पेठे | अनुवाद : डॉ. शाश्वत शेर Gay Crow | Vishwas Pethe Translated By : Dr. Shashvat Shere
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...