Antriksh Prashnottary
Author:
Kali ShankarPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 360
₹
450
Unavailable
अनजाने अंतरिक्ष को जानने के लिए सामान्य मानव के मस्तिष्क में अनेक रोचक और कुतूहलपूर्ण प्रश्न उभरते रहे हैं तथा वह अंतरिक्ष के विषय में अधिकाधिक जानकारी पाने की प्रबल इच्छा रखता है ।
प्रस्तुत पुस्तक में अंतरिक्ष के विभिन्न विषयों- अंतरिक्ष स्टेशन, तारकीय / क्षुद्र ग्रहीय '' पुच्छल तारा अभियान, अंतरिक्ष परिवहन स्पेस शटल, अंतरिक्ष में प्रमोचन की प्रक्रिया, अंतरिक्ष के रिकॉर्ड, अंतरिक्ष दूरबीनें, कृत्रिम उपग्रह, स्पेस वॉक, अंतरिक्ष परिघटनाओं तथा अंतरिक्ष चयन और प्रशिक्षण का रोचक वर्णन किया गया है । आज अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न अनुसंधानों -स्पेस एलीवेटर ( अंतरिक्ष परिवहन का भविष्य का सबसे सस्ता साधन), भूकंपों के पूर्वानुमान में उपग्रहों की भूमिका और सौर ऊर्जा उपग्रहों के बारे में भी रोचक व ज्ञानप्रद जानकारी दी गई है । अंतरिक्ष के दुर्लभ और रोमांचक आँकड़ों को 23 परिशिष्टों के माध्यम से स्पष्ट किया गया है । यह पुस्तक अंतरिक्ष विषय के जिज्ञासु पाठकों के कुतूहलपूर्ण प्रश्नों का समाधान करने में समर्थ सिद्ध होगी, ऐसा विश्वास है ।
ISBN: 9788177212655
Pages: 210
Avg Reading Time: 7 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: भारत के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा भारत के आर्थिक इतिहास में महत्त्वपूर्ण पलों का व्यावहारिक विश्लेषण और भावी वैश्विक संकट के समाधान का निर्णय कर सकनेवाले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में बहुपक्षीयता का भविष्य। यह पुस्तक वी. श्रीनिवास भारत सरकार के विशिष्ट अपर सचिव, कार्यकारी निदेशक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व सलाहकार और भारत के वित्तमंत्री के निजी सचिव द्वारा 17 माह के शोध और साक्षात्कार के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ भारत के संबंधों की अनेक बड़ी घटनाओं का व्यापक विश्लेषण है। इसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत की भूमिका का परिदृश्य है। यह भारत के 1966, 1981 और 1991 अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यक्रमों, 2010 में आई.एम.एफ. से भारत द्वारा स्वर्ण क्रय, जी20 के उदय और विश्व में तीव्र गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उद्भव के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। वी. श्रीनिवास ने अंतिम ऋणदाता के रूप में आई.एम.एफ. की भूमिका, सदस्य देशों के साथ निपटने में असीमित शक्ति की एक संस्था के रूप में आई.एम.एफ. 2008 के बाद वैश्विक वित्तीय संकट में आई.एम.एफ. की वृहत्तर भूमिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में चीन के उदय पर अंतर्दृष्टि प्रदान की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ भारत के संबंध के परिप्रेक्ष्य में पहले 25 वर्षों पर व्यापक शोध है, जिसके बारे में गहन अध्ययन और शोध करके समस्त जानकारियाँ संकलित की गई हैं, जिन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Aahat Desh
- Author Name:
Arundhati Roy
- Book Type:

-
Description:
‘‘वह जंगल जो दण्डकारण्य के नाम से जाना जाता था और जो पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ से लेकर आन्ध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों को समेटता हुआ महाराष्ट्र तक फैला है, लाखों आदिवासियों का घर है। मीडिया ने इसे ‘लाल गलियारा’ या ‘माओवादी गलियारा’ कहना शुरू कर दिया है। लेकिन इसे उतने ही सटीक ढंग से ‘अनुबन्ध गलियारा’ कहा जा सकता है। इससे रत्ती-भर फ़र्क़ नहीं पड़ता कि संविधान की पाँचवीं सूची में आदिवासी लोगों के संरक्षण का प्रावधान है और उनकी भूमि के अधिग्रहण पर पाबन्दी लगाई गई है। लगता यही है कि वह धारा वहाँ महज़ संविधान की शोभा बढ़ाने के लिए रखी गई है—थोड़ा-सा मिस्सी-ग़ाज़ा, लिपस्टिक-काजल। अनगिनत निगम, छोटे अनजाने व्यापारी ही नहीं, दुनिया के दैत्याकार-से-दैत्याकार इस्पात और खनन निगम—मित्तल, जिन्दल, टाटा, एस्सार, पॉस्को, रिओ टिंटो, बीएचपी बिलिटन और हाँ, वेदान्त भी—आदिवासियों के घर-बार को हड़पने की फ़िराक़ में हैं।
हर पहाड़ी, हर नदी और हर जंगल के लिए समझौता हो गया है। हम अकल्पनीय स्तर पर व्यापक सामाजिक और पर्यावरणीय कायाकल्प की बात कर रहे हैं। और इसमें से ज़्यादातर गुप्त है। मुझे क़तई नहीं लगता कि दुनिया के सबसे पुराने और दिव्य जंगल, परिवेश और आदिम समुदाय को नष्ट करने के लिए जो परियोजनाएँ शुरू हुई हैं, उनकी चर्चा भी कोपेनहेगेन में होनेवाले ‘जलवायु परिवर्तन सम्मेलन’ में होगी। माओवादी हिंसा की भयावह कहानियाँ खोजनेवाले (और न मिलने पर उन्हें गढ़ लेनेवाले) ख़बरिया चैनल लगता है, क़िस्से के इस पक्ष में बिलकुल दिलचस्पी नहीं रखते। मुझे अचरज है, ऐसा क्यों?’’
युद्ध, भारत की सीमाओं से चलकर देश के हृदय-स्थल में मौजूद जंगलों तक फैल चुका है। भारत की सर्वाधिक प्रतिष्ठासम्पन्न लेखिका द्वारा लिखित यह पुस्तक ‘आहत देश’ कुशाग्र विश्लेषण और रिपोर्टों के संयोजन द्वारा उभरती हुई वैश्विक महाशक्तियों के समय में प्रगति और विकास का परीक्षण करती है और आधुनिक सभ्यता को लेकर कुछ मूलभूत सवाल उठाती है।
Footprints of Jagadev Ramji
- Author Name:
Vanvasi Kalyan
- Book Type:

- Description: The observations of Jagdev Ram ji encircle the Hindu philosophy along with academic research and study of contemporary social currents. He emphatically proclaimed that the soul of ‘Janjati’ way of life is intrinsically connected to the Hindu way of life. He dedicated his life for the emancipation of the janjati society and his teachings serve as guidance towards adoption of ethical practices to lead better lives.
Prayojanmulak Hindi : Prayog Aur Prakriti
- Author Name:
Manoj Pandey
- Book Type:

- Description: हिन्दी को राजभाषा बनाने के पीछे संकल्पना यह थी कि हिन्दी देश में संप्रेषण और संवाद की मुख्य भाषा बने, राजकाज का प्रधान माध्यम बने और महज कार्यालयीन व्यवहार तक सीमित न रहे, बल्कि देशवासियों के बीच संपर्क का सेतु बने। संवैधानिक स्वीकृति मिलने के पहले से ही हिन्दी इस दिशा में प्रयत्नशील थी, परंतु आजादी के बाद निश्चित रूप से उसके कदम तेजी से आगे बढ़े। सरकारी प्रयास भी सहायक बने। विगत कुछ दशकों से हिन्दी साहित्यानुशीलन ही नहीं, बल्कि जीविकोपार्जन की भाषा के रूप में देश के मानस-पटल पर अंकित हुई है। परिणामस्वरूप उसका अर्थ, स्वरूप और व्यवहार-क्षेत्र भी व्यापक हुआ है। धीरे-धीरे पाठ्यक्रमों में भी यह आवश्यकता महसूस की गई कि हिन्दी को उसकी भाषिक प्रयुक्तियों के आधार पर पढ़ा-पढ़ाया जाए। अनुवाद, जनसंचार, वाणिज्य, व्यवसाय, कम्प्यूटर, सोशल मीडिया आदि विविध क्षेत्रों में आज हिन्दी की सशक्त उपस्थिति को देखते हुए हिन्दी शिक्षण के प्रयोजनपरक पक्षों के शिक्षण-प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है। यह पुस्तक इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हिन्दी के प्रयोजनमूलक पक्षों की प्रकृति को समझने का एक प्रयास है।
Sabhi Ke Liye Manvadhikar
- Author Name:
Pratapmal Devpura
- Book Type:

- Description: जन्म से ही प्रत्येक मानव के कुछ अधिकार हैं। ‘सभी के लिए मानवाधिकार’ पुस्तक में मानवाधिकारों के विभिन्न पक्षों को सरल भाषा में समझाया गया है जिन्हें पढ़कर बच्चे और नवसाक्षर भी मानवाधिकारों को समझ सकते हैं। पुस्तक में पाठक को बच्चों के अधिकार, लैंगिक समानता, महिला समानता का अधिकार, महिलाओं के आर्थिक अधिकार, सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार और पुलिस जैसे विषयों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया है।
Chala, Karodpati Houya!
- Author Name:
Anil Patil
- Book Type:

- Description: कुटुंबाचा गाडा प्रगतीकडे न्यायचा असेल, तर घरातल्या प्रत्येक महिलेकडे आर्थिक शहाणपण असलं पाहिजे. ती आर्थिक साक्षर झाली पाहिजे. म्हणजेच आर्थिक शिस्तीबरोबरच हाती येणाऱ्या पैशाचं व्यवस्थापन करण्याची शास्त्रशुद्ध कला तिच्याकडे असायला हवी. ती अंगी बाणायची असेल तर अनिल पाटील लिखित ‘चला, करोडपती होऊया' हे पुस्तक प्रत्येक महिलेनं वाचलंच पाहिजे. हे पुस्तक महिलांना आर्थिकदृष्ट्या साक्षर तर बनवतंच पण त्याचबरोबरीनं अर्थसाक्षर झालेल्या महिलांना श्रीमंतीची वाटही दाखवतं. मुलांच्या शिक्षणपासून वृद्धापकाळातील आधारापर्यंतचं आर्थिक नियोजन कसं करावं आणि हाती येणारा पैसा कसा वाढवला जाऊ शकतो याची शास्त्रशुद्ध परंतु सहज समजेल अशा सोप्या पद्धतीने माहिती देणारं हे पुस्तक आपल्या संग्रही असायलाच हवं.
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