Lakh Ki Naak
Author:
Sarveshwardayal SaxenaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Contemporary-fiction0 Ratings
Price: ₹ 236
₹
295
Available
लाख की नाक’ सर्वेश्वरदयाल सक्सेना द्वारा लिखा गया बाल नाटक है। इस नाटक के विषय में सर्वेश्वर कहते हैं, यदि आप बच्चों के साथ खेल नहीं सकते तो बच्चों के लिए लिख भी नहीं सकते, चाहे नर्सरी कविता हो चाहे नाटक। बच्चों के अनुभव संसार से जुड़कर ही किसी भी आयु वर्ग का अनुभव बच्चों का अपना अनुभव बन पाता है जिसमें तर्क से अधिक बाल अभिरुचि का महत्त्व है। ‘लाख की नाक’ एक ऐसा ही नाटक है। यह नाटक बाल-गीतों के प्रवाह में अपने संवादों को पूर्ण बनाता है।
ISBN: 9788183618182
Pages: 24
Avg Reading Time: 1 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Doo Dhap Aagan
- Author Name:
Dilip Kumar Jha
- Book Type:

- Description: दिलीप कुमार झा विशुद्ध जिज्ञासु रचनाकार छथि। समकालीन समाज केँ नस-नस चिन्हैत छथि। ओ यात्रीजीक कथन पर उचिते पूर्णतया उतरै छथि। दिलीपजी मैथिलीक जमीनी अभियानी छथि। ई उपन्यास तकर बेस उदाहरण अछि। यथार्थ आ कामना केँ एक टा छोट सन उपन्यास मे सफल बना देलनि। मनलग्गू तँ एहन जे हम एक बैसकी मे समाप्त क’ गेलहुँ। सब टा खूब नीक, पात्रोचित सहज भाषा छनि। —उषा किरण खान 'दू धाप आगाँ’ उपन्यास एहि रूपें उल्लेखनीय अछि जे, आइ जे समाज मे नहि अछि आ अहाँ चाहि रहल छी, त’ अपन संघर्ष बलें जेना सुधा करैत अछि ओना क’ सकैत छी। उपन्यास एहि बातक दृष्टि दैत अछि आ तकर प्रेरणा सेहो। वर्तमान समय मे शिक्षा-प्रणाली ओ राजनीतिक क्षेत्र दुनू विकृतिक चरम पर पहुँच गेल अछि। आब प्रश्न उठैत अछि जे एकरा ठीक कयल जा सकैत अछि? हमरा जनैत समकालीन साहित्यक यैह पैघ विशेषता छै जे ओ समाज मे घटित होइत घटना ओ स्थिति केँ देख मात्र विचलित नहि होइत अछि अपितु ओ समाज केँ प्रेरित करबाक लेल एहन संरचना करैत अछि जे समाज मे नहि अछि किंतु रचनाकार अपन रचना द्वारा ओहि स्थिति सँ उबरबाक लेल एक टा सुखद स्थितिक आयोजन करैत अछि। ओहि स्थिति केँ अनबाक लेल उपन्यासकार जाहि पात्र केँ ठाढ़ करैत छथि ओ एहि उपन्यास मे मुख्यरूप सँ सुधा छथि। हमरा जनैत आइयो सामाजिक परिस्थितिक परिवर्तन लेल नारी केँ आगू आनब कठिन अछि। —डा.शिवशंकर श्रीनिवास
Metamorphosis
- Author Name:
Franz Kafka
- Book Type:

- Description: Metamorphosis is a classic novel by Franz Kafka, first published in 1915. It tells the strange and tragic story of Gregor Samsa, a traveling salesman who wakes up one morning to find himself transformed into a giant insect (often described as a bug, beetle, or cockroach). Gregor struggles with his new inhuman form, while his family—father, mother, and sister Grete—react with fear, shame, and frustration. Once the family's main provider, he becomes a burden, leading to neglect, isolation, and rejection. Over time, Gregor’s health declines, symbolizing themes of alienation, identity, family duty, and existential despair. This psychological and philosophical fiction remains one of the most influential works in world literature. Readers interested in classic literature, surreal stories, absurdist fiction, and thought-provoking themes will find Kafka’s novella haunting and unforgettable. Franz Kafka novel | Classic literature | Psychological fiction | Dark fiction books | Short classic novel | Philosophical fiction | Dystopian themes | Dark philosophy books
Pachchoon Ka Ghar
- Author Name:
Chandrabhushan
- Book Type:

- Description: लेखक राजनीतिक-सामाजिक रूप से सजग और उद्विग्न हो तो पाठक हर पल कुछ नया पाने की उम्मीद करता है। वह कवि हृदय और पत्रकार भी हो तो यह एक लीथल कॉम्बिनेशन होता है। चंद्रभूषण की राजनीतिक सक्रियता के आरंभिक एक दशक का गवाह होने के नाते मैं भरोसे से कह सकता हूँ कि उनके कहन में अनुभवों का ताप है। विविध विषयों पर लिखने और रमे रहने की उनकी मेधा मुझे ईष्र्या की सीमा तक आकर्षित करती रहती है। मेरे लेखे चंद्रभूषण, जिन्हें हम चंदूभाई कहते हैं, एक दुर्धर्ष पढ़ाकू और घुमंतू व्यक्ति हैं जिसकी अब स्वाभाविक निष्पत्ति लिक्खाड़ की है। चंद्रभूषण की यह कहानी अंतत: एक समय की कहानी है, जो अभी जारी है और जिसमें हम सबका साझा है। —सैयद मोहम्मद इरफान (ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट, एंकर सेलिब्रिटी टॉक शो 'गुफ्तगू') कार्यकर्ता जब कार्यकर्ता है तो उसे पक्षधर होना ही चाहिए। वहीं, पत्रकार से उम्मीद होती है कि वह निष्पक्ष हो जाए। जैसा देखे वैसा रिपोर्ट करे। विश्लेषण में भी तटस्थ रहे। फिर वह कोई छोटी जमात तो है नहीं जो कार्यकर्ता से पत्रकार बनी। गांधीवादी, आंबेडकरवादी, सावरकरवादी, वामपंथी, अति वामपंधी हर धारा के कार्यकर्ता पत्रकार बनते रहे हैं। राजनीतिक कार्यकर्ता से पत्रकार बनने की एक यात्रा चंद्र्रभूषण के भी हिस्से आई है लेकिन पत्रकारिता से जुड़ी तीरंदाजी के किस्से इस किताब में नहीं हैं। यहाँ एक इंसान का जीवन है, जिसकी यात्रा समकालीन इतिहास को आड़े-तिरछे काटती है। एक ऐसा व्यक्ति जो संसार को खुली आँखों देखता है और उसके भद्देपन को अस्वीकार करता है। —दिलीप मंडल (पूर्व संपादक, इंडिया टुडे)
Aag
- Author Name:
Chandrarekha Dhadwal
- Book Type:

- Description: पहाड़, उसकी बर्फीली चोटियाँ और शांत वातावरण शुरू से लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं लेकिन इस पर्यटकीय छवि से इतर पहाड़ की गोद में बसे सैकड़ों छोटे गाँवों की तरफ लोगों का ध्यान अपेक्षाकृत कम जाता है। अपने पहले उपन्यास 'समय मेरे अनुरूप हुआ' से ही चर्चा में आईं वरिष्ठ लेखिका चंद्ररेखा ढडवाल अपने नये उपन्यास 'आग' में हिमाचल प्रदेश के एक ऐसी ही पहाड़ी गाँव की कहानी कहती हैं, जिसमें ग्रामीण परिवेश का संघर्षों से भरा जीवन है। प्रेम है। बैर है। लोकगीत और किस्से-कहानियाँ हैं। पर्व-त्यौहार, मेले-ठेले और खान-पान हैं। एक खिलंदड़ और मनमौजी मिज़ाज की लड़की लोइना है। उसी घर में पला-बढ़ा खेत-खलिहान में काम करने के लिए रखा गया बाहर का एक लड़का प्रीतो है। दोनों के भीतर सुलगती एक प्रेम आग है। लेकिन इससे पहले कि इनके प्रेम को हवा मिलती, लोइना ब्याह दी जाती है। और यहीं से शुरू होती है, लोइना के जीवन की दुश्वारियाँ। फौजी पति शादी के दूसरे रोज़ ही मोर्चे पर चला जाता है और गायब हो जाता है। एक चुलबुली लड़की के लिए, जिसने अभी-अभी जवानी के आँगन में पैर रखे हैं, उसके जीवन की इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है!... अपने भीतर ग्रामीण संस्कृति, विशेष बोली और आंचलिकता का प्रवाह समेटे यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसे पढ़ते हुए लगता है, आप किसी पहाड़ी गाँव के मेंड़ों पर चलते हुए इसे सुन रहे हों। अपने सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई लड़ती लोइना, पीपल सरीखे छाया देने वाले शांत प्रीतो और प्यारी सास मस्या की एक रुला देने वाली कहानी है 'आग'। कथ्य के साथ-साथ यह उपन्यास में बरती गई लोकधर्मी भाषा की खूबी है कि बढ़ते पन्नों के साथ ही आप इसके चरित्रों की गर्माहट महसूस करने लग जाते हैं। —मिथिलेश प्रियदर्शी
Krishnakali
- Author Name:
Shivani
- Rating:
- Book Type:

- Description: पाठक किसी पात्र से एकत्व स्थापित कर लेता है; जब उसका अपमान उसकी वेदना बन जाता है, तब ही लेखनी की सार्थकता को हम मान्यता दे पाते हैं। जब ‘कृष्णकली’ लिख रही थी तब लेखनी को विशेष परिश्रम नहीं करना पड़ा, सब कुछ स्वयं ही सहज बनता चला गया था। जहाँ क़लम हाथ में लेती, उस विस्तृत मोहक व्यक्तित्व को, स्मृति बड़े अधिकारपूर्ण लाड़-दुलार से खींच, सम्मुख लाकर खड़ा कर देती, जिसके विचित्र जीवन के रॉ-मैटीरियल से मैंने वह भव्य प्रतिमा गढ़ी थी। ओरछा की मुनीरजान के ही ठसकेदार व्यक्तित्व को सामान्य उलट-पुलटकर मैंने पन्ना की काया गढ़ी थी। जब लिख रही थी तो बार-बार उनके मांसल मधुर कंठ की गूँज कानों में गूँज उठती। वही विस्तृत मधुर गूँज, उनके नवीन व्यक्तित्व के साथ, ‘कृष्णकली’ में उतर आई। —शिवा
Rudade Safar
- Author Name:
Pankaj Subeer
- Rating:
- Book Type:

- Description: यह उपन्यास जिस भूमि पर लिखा और तराशा गया है, उसकी आधे हिस्से की सूखी और आधे हिस्से की गीली माटी है। दोनों हिस्सों को एकसाथ लेकर चलना, जिससे कोई हिस्सा कमज़ोर न पड़े, लेखन कौशल का कमाल होता है। मज़बूती से पकड़ कर उपन्यास पाठक को जब अन्त तक ले जाता है, पाठक भौंचक्का रह जाता है। अंत में सिहर उठता है। विज्ञान और चिकित्सा जैसे शुष्क विषय और रिश्ते तथा संबंधों जैसे भावुक विषय को लेकर उपन्यास रचा गया है। दो विपरीत विषयों का तानाबाना बुन कर पंकज सुबीर ने पिता और पुत्री के रिश्ते पर एक खूबसूरत उपन्यास लिखा है। माँ पर तो काफी लिखा गया है, पर पिता पर बहुत कम। पंकज ने बखूबी पिता- पुत्री की भावनाओं का चित्रण किया है। चिकित्सा विज्ञान में एनॉटामी पर भी खूब शोध से लिखा है। उपन्यास में लेखक ने एनॉटामी, रिश्तों और भावनाओं के ऐसे पैटर्न डाले हैं, कि सबने मिल कर उपन्यास को विशाल बना दिया है। हिंदी साहित्य को चिकित्सा विज्ञान में एनॉटामी पर लिखा गया यह उपन्यास नायाब तोहफ़ा है।
Mahamaya
- Author Name:
Sunil Chaturvedi
- Book Type:

- Description: कमलेश्वर ने जब कहा कि ईश्वर ने आदमी के जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा घेर रखा है तब उनका इशारा संभवत: उस विराट कारोबार की तरफ भी था जो धर्म के नाम पर फल-फूल रहा है। धर्म और अध्यात्म अगर इस देश के समृद्ध वर्ग के लिए प्रतिष्ठा मूल्य रहे हैं तो आम आदमी के लिए श्रद्धा एवं आस्था के केन्द्र! कुम्भ, सिंहस्थ और अन्य धार्मिक समागमों में लाखों की संख्या में उमडऩे वाली भीड़ इसी का प्रमाण है। इसी बीच पिछले तीन-चार दशकों में दर्जनों नए-पुराने छोटे-बड़े अवतार, महात्मा, धर्माचार्य, बाबा, योगी, प्रवचनकार उभरे और उनके करोड़ों की सम्पत्ति वाले विशाल मठ, संस्थान, प्रतिष्ठान वगैरह बड़े हुए है। उन्हें थैलीशाहों-राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त रहा है। बहुत सारे धार्मिक संस्थानों, प्रतिष्ठानों की बाहरी दुनिया अगर कर्मकाण्डों, अंधश्रद्धा एवं तर्कातीत विश्वासों पर खड़ी है तो भीतरी दुनिया रहस्यमयी अंधेरी, बंद और गंदगी से बजबजाती सुरंगों एवं षड्यंत्र कक्षों वाले तह$खानों से बनी है। सुनील चतुर्वेदी ने इस दुनिया के बाहर-भीतर को बहुत नजदीक से देखा, समझा और अनुभव किया है। 'महामाया' उपन्यास इसी सबका एक तरह का सर्जनात्मक एवं कथात्मक दस्तावेज है। सुनील चतुर्वेदी पत्रकार रहे हैं, व्यंग्यकार भी! इसके अलावा साक्षरता, जल संरक्षण जैसे राष्ट्रीय अभियानों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। इस सबसे उनकी दृष्टि में जो पैनापन व गहराई आए हैं उन्हें इस उपन्यास में देखा जा सकता है। यह बात उपन्यास को महत्त्वपूर्ण बनाती है।
Chaturang (Raj)
- Author Name:
Ravindranath Thakur
- Book Type:

- Description: ‘चतुरंग’ मूलत: जीवन के प्रयोजनों और उनकी उपलब्धि के बीच अनिर्णीत संघर्ष का कथा-प्रयोग है। अब तक हुई तमाम बौद्धिक व्याख्याओं की पहुँच के परे इस संघर्ष का प्रारम्भ कहीं भौतिक परिवेश में दिखाई देता है, कहीं तर्क और विवेक की जुगलबन्दी में और कहीं मनो-जगत में पलती आत्म-प्रताड़णा में; और तीनों ही स्रोतों से यह हमारे आधुनिक विचार-जगत में प्रवेश करता दिखता है। शचीश, श्रीविलास, दामिनी और लीलानन्द स्वामी इसे अपने-अपने स्तर पर जीते हैं—अध्यात्म और भक्ति के दिशाहारा आवेग में, दैहिक प्रेम की तृषार्त-भीरु गुफाओं में, जीवन के भीतर, जीवन के बाहर, प्रभंजन के व्यामोह से घिरे-घिरे। ताऊ जी (जगमोहन) इस कथा को रवीन्द्रनाथ की तत्कालीन सामाजिक चिन्ताओं से जोड़ते हैं, देहरी लाँघने की व्याकुलता तक।
Rudali
- Author Name:
Usha Ganguli
- Book Type:

- Description: ‘रुदाली’ बांग्ला की विख्यात लेखिका महाश्वेता देवी की एक प्रसिद्ध कहानी पर आधारित नाटक है। अनेक मंचों पर सफलतापूर्वक खेले जा चुके इस नाट्य रूपांतर की लोकप्रियता आज भी उतनी ही है। नाटक का केन्द्रीय चरित्र सनीचरी है जिसे शनिवार के दिन पैदा होने के कारण यह नाम मिला है और इसके साथ मिली हैं कुछ सजाएँ - समाज मानता है कि वह असगुनी है और इसीलिए उसके परिवार में कोई नहीं बच पाया। एक-एक करके सब काल की भेंट चढ़ गए। लेकिन सनीचरी की आँखें कभी नम न हुईं। वह कभी नहीं रोई, जब बेटा मरा तब भी नहीं। लेकिन अंततः उसे रुदाली का काम करना पड़ता है, रुदाली यानी वह स्त्री जो भाड़े पर रोती है, मेहनताना लेकर मातम करती है। एक पात्र के रूप में सनीचरी उस तबके का प्रतिनिधित्व करती है जिसके पास न चुनाव की स्वतंत्रता होती है, न निश्चिंत होने के साधन, लेकिन वह कभी टूटती नहीं, उसकी जिजीविषा बराबर उसके साथ होती है। वह अपना सहारा खुद बनती है, जो जाहिर है कि उसका अन्तिम विकल्प होता है। समाज के निम्नतम वर्ग में स्त्री-जीवन की एक लोमहर्षक विडम्बना को रेखांकित करता यह नाटक शिल्प के स्तर पर भी एक सम्पूर्ण नाट्य-कृति है।
Sapne Marte Nahin
- Author Name:
Tejendra Sharma
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Naya Nagar
- Author Name:
Tasneef Haidar
- Book Type:

- Description: ये नया नगर है जहाँ सड़क पर आँखों के सामने हुए एक्सीडेंट को लोग उतनी जल्दी तवज्जो नहीं देते जितनी जल्दी अचानक कानों में पड़ गए किसी शे'र और वाह-वाह को देते हैं। ग़ज़लें यहाँ परिन्दों की तरह उड़ती हैं, बरसाती पानी की तरह गलियों में बहती हैं और जहाँ चाहे वहाँ बैठकर नशिस्त जमा देती हैं। यहाँ जो लोग हैं, वे शायरी को ईमान की तरह जीते हैं; ऐसा अक्सर नहीं होता कि ज़िन्दगी की बाहरी ज़रूरतें उन्हें भटकाकर किसी दफ़्तर में ले जाकर बिठा दें; बिठा भी दें तो वहाँ से उठाकर वे फिर किसी शे'री नशिस्त में आकर बैठ जाते हैं; या किसी रेस्तराँ या चाय की टपरी पर जम जाते हैं। ये कहानी इसी नगर की है। उर्दू के सुपरिचित युवा शायर-कथाकार तसनीफ़ हैदर का यह उपन्यास हिन्दी पाठकों को एक ताज़ा हवा की तरह महसूस होगा। कहानी की रवानी और तंज़-ओ-मिज़ाह की तुर्श छौंक के साथ यह कहानी पढ़नेवाले को बाँध लेती है। और हाँ क्योंकि यह नगर ग़ज़लों से बसा है तो इसमें उर्दू शायरी से जुड़ी कुछ तकनीकी पेचीदगियाँ भी आपको जानने को मिलेंगी, कुछ क़िस्से और बहसें भी, मुस्लिम समाज के सामाजिक-आर्थिक हालात भी; मौजूदा भारतीय राजनीति के हवाले भी; और हाँ मुहब्बत का एक नाकाम क़िस्सा भी।
Homeland
- Author Name:
Dalpat Chauhan +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Dalpat Chauhan's first novel Homeland (Malak in Gujarati) is set in rural northern Gujarat in pre-independence India and tells the tale of a community of Dalits who eke out an existence on the margins of an upper castr village. They belong to the Vankar caste and are considered 'Untouchables' by the upper caste villagers. Many of them because of small loans taken by them or their forefathers from the village landlords are 'bonded' for generations to them and have to provide them with free labour. Their women are sexually harassed and at times raped and murdered. Yet these Vankars are attached to their Malak and are traumatised when they are forced to leave it due to the threat of uppar caste reprisal over the relationship between a young Dalit man and upper castemarried woman. Homeland is writtten in what be termed the postcolonial narrative style, with interior monologues, interventions of the past into the present and alternative voices. The language is a judicious mix of Northern Gujarat rural dialect and standard Gujarati. This gives the novel a very authentic and contemporary edge.
Parva
- Author Name:
S.L. Bhyrappa
- Rating:
- Book Type:

- Description: The novel narrates the story of the Hindu epic Mahabharata, primarily using monologue as a literary technique. Several principal characters from the original Mahabharata reminisce about their entire lives. Both the setting and the context for the reminiscence are the onset of the Kurukshetra War. Parva is acknowledged as S.L. Bhyrappa's greatest work. Non-Kannadigas who have read it in its Hindi and Marathi translations consider it one of the masterpieces of modern Indian literature. It transforms an ancient legend into a modern novel. In this process, it has gained rational credibility and a human perspective. The main incident, the Bharata war, symbolic of the birth pangs of a new world order, depicts a heroic but vain effort to arrest the disintegration and continue the prevailing order. It is viewed from the standpoints of the partisan participants and judged with reference to the objective understanding of Krishna. Narration, dialogue, monologue, and commentary are all employed for its presentation. Shot through with irony, pity, and objective understanding, the novel ends with the true tragic vision of faith in life and hope for mankind. Parva has been translated into several major Indian languages: Bengali, Hindi, Marathi, Tamil, and Telugu, apart from English. The novel narrates the story of the Hindu epic Mahabharata, primarily using monologue as a literary technique. Several principal characters from the original Mahabharata reminisce about their entire lives. Both the setting and the context for the reminiscence are the onset of the Kurukshetra War.
Kisani Ki Kahani: Beti Ke Liye
- Author Name:
Sorit Gupto
- Book Type:

- Description: किसान नहीं होंगे तो हम नहीं होंगे। खेती नहीं होगी तो ये शहर नहीं होंगे जहाँ हम उस विशाल आबादी से आँखें चुराए इत्मीनान से रहते हैं, जिस आबादी का सब कुछ खेती पर निर्भर है, वे लोग जो अन्न उगाते हैं, लेकिन अकसर खाली पेट सोते हैं, कर्ज लेते हैं और फिर आत्महत्या कर लेते हैं। हैरानी की बात है कि इतने महत्त्वपूर्ण क्षेत्र पर न तो नीति-निर्माताओं का फोकस है, न ही नागरिक चेतना का। ‘किसानी की कहानी : बेटी के लिए’ हमारा ध्यान उस ओर खींचती है, और एकदम अलग और नए ढंग से। किताबों, खबरों और निजी अनुभवों के माध्यम से आजादी से पहले और बाद के वक्तों पर नजर डालते हुए यह किताब भारतीय किसान और खेती की पीड़ा को हमारी सोच के केन्द्र में ला देती है।
Sara Aakash Patkatha
- Author Name:
Basu Chatterjee
- Book Type:

- Description: 1960 के आरम्भिक दिनों में मैंने दो मुख्य फ़िल्में (फ़ीचर फ़िल्म) बनाने में मदद की थी और अपने को एक मुख्य फ़िल्म निर्देशन के योग्य मान रहा था। मैं इधर-उधर एक कहानी तलाश रहा था। मेरे मित्र और सहयोगी अरुण कौल ने राजेन्द्र यादव की कहानी ‘सारा आकाश’ का सुझाव दिया। उसकी एक प्रति उनके पास थी, उन्होंने मुझे दे दी। एक शाम मैं उसे एक ही साँस में पढ़ गया और मैं अभिभूत ही था। ‘सारा आकाश’ एक जटिल कथा के रूप में लिखा गया था। लेखक ने सपाट रास्ता नहीं चुना था, इसीलिए इसने मुझे ज़्यादा आकर्षित किया था। दृश्यों को मैंने यथासम्भव वर्णन के निकट रखा है। चूँकि लेखक ने कहानी फ़िल्म के लिए नहीं लिखी थी, अत: उसमें बहुत-सी बातों का विवरण दिया गया है जिनको दृश्यों में रूपान्तरित करना एक चुनौती थी।...ऐसे ही कई स्थान हैं जहाँ नायक अतीत और भविष्य के बारे में बहुत कुछ सोच रहा है। छठे दशक के मध्य में मैंने अनेक यूरोपीय और रूसी फ़िल्में देखी थीं। मुझे ऐसे दृश्य लिखने में इनसे सहायता मिली। पटकथा लिखने के बाद मुझे इसे विक्रम सिंह को दिखाने का अवसर मिला। वे अपने समय में ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म आलोचक थे। उन्होंने मेरे प्रयास की सराहना की और मुझे फ़िल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। और ‘सारा आकाश’ बन गई। 1970 में ‘फ़िल्मफ़ेयर’ के समारोह में इसे वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पटकथा घोषित किया गया। निर्देशन के लिए इसकी सिफ़ारिश राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी की गई। इसके कैमरामैन को सर्वश्रेष्ठ छायाचित्रण के लिए पुरस्कार भी मिला। —बासु चटर्जी
Aklant Kaurav
- Author Name:
Mahashweta Devi
- Book Type:

- Description: यह उपन्यास सामयिक वाम राजनीति के परस्पर विरोधी पक्षों के संघर्ष की प्रामाणिक दस्तावेज़ है और इतनी परिपक्व राजनीतिक सूझ-बूझ और प्रखर सामाजिक चेतना से ओतप्रोत कि वाम राजनीति की विचारधाराओं के घटाटोप आकाश के स्पष्ट दिशा-संकेत देता है। संथालों के जागुला गाँव में द्वैपायन सरकार का आगमन एक ऐसी थीसिस लिखने के लिए होता है, जिसका उद्देश्य संथालों की ताक़त और उनकी एकता को छिन्न-भिन्न करना है। वाम राजनीति के दक्षिणी छोर के स्थायी निवासी द्वैपायन सरकार किन्हीं अदृश्य शक्तियों से चालित होकर अक्सर इसी तरह के विषयों के अनुसन्धानकर्ता के रूप में प्रख्यात हैं, किन्तु अब उन्हें पहचान लिया गया है। युवा इन्द्र प्रामाणिक कलकत्ता के यूनियन फ़्रंट पर बड़े नेताओं के बदलते तेवर देखकर ईमानदारी से गाँव में काम करने के लिए आया है, किन्तु नवीन बाबू और मोती बाबू जैसे सजे-धजे काडरों का उसे नक्सल सिद्ध करने में कौन-सा मक़सद है? ईमानदार काडर और बेईमान काडर तथा छुटभैये कॉमरेडों के इस संघर्ष में संथालों को अपना विश्वसनीय पक्ष ढूँढ़ने में कोई कठिनाई नहीं होती। यह उपन्यास पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा खेतिहर भूमि के बँटवारे के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन बर्गा’ के लाभों से वंचित आदिवासी जातियों की संघर्ष-गाथा है। न्याय की लड़ाई का प्रामाणिक दस्तावेज़ है।
Everything Will Be Alright
- Author Name:
Shubhanku Kochar
- Book Type:

- Description: The novel is about two lovers cum friends, Nihal and Bhoomi, who leave their houses searching for fulfilment. They both have a dream. Nihal wants to win a gold medal in Mega events on an international platform, whereas Bhoomi intends to search for her biological parents as an adopted child. Both of them meet at a certain point and fall in love, and decide to get married even after the divine forces have declined their match. Along with this runs a parallel story of Antra and Apurva, who come from different backgrounds. They also fall in love with their terms for getting married. The story is full of magic realism where God and human beings, myth and reality, participate collectively in a specific direction. The attempt here is to experiment with the phrase: Everything will be alright. Humans tend to say to each other, "Don’t worry, Everything will be alright,” in our sheer exuberance, we keep challenging the unseen forces represented by God. The question that the novel poses before the reader is, “Can everything be alright?” Moreover, the intervention of God or Nature at various places is symbolic in asserting that human beings should not try to behave like the Lord of the Universe.
Kurinji - The Story of a Music Maestro
- Author Name:
Kove Manisekharan +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: English translation by K Chellapen of Kove Manisekharan's Sahitya Akademi award winning Tamil Novel Kutrala Kurinji. Sahitya Akademi Award 2013
Kawale and Manas
- Author Name:
Uttam Kamble
- Book Type:

- Description: कावळे आणि माणसं... एक जमिनीवरून चालणारा आणि हवेत उडणारा पक्षी तर दुसरा जमिनीवरून चालणारा आणि कल्पनेचे पंख घेऊन उडणारा... दोघांचं भौतिक जग भिन्न वाटत असलं तरी मानसिक जग जवळपास जाणारं... काही वेळा कावळे माणसासारखं वागतात तर माणसं कावळ्यासारखं... कावळा माणसाचा बाप बनतो पण माणूस कावळ्याचा बाप नाही बनत... ज्या माणसाच्या सहवासात कावळा राहतो त्याचे गुण-दुर्गुण उचलतो... कधी कधी कावळा माणसापेक्षा शहाणा होतो तर कधी कधी असहाय्य माणूस कावळ्यासमोर हात जोडतो... कावळे, माणसं आणि स्मशान यांना शब्दात पकडण्याचा हा एक प्रयत्न... Kawale and Manas : Uttam Kamble कावळे आणि माणसं : उत्तम कांबळे
Deewar Me rasta
- Author Name:
Tejendra Sharma
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...