O je Kahiyo Gaam Chhalai

O je Kahiyo Gaam Chhalai

Language:

Maithili

Category:

Contemporary-fiction

0 Reviews

Price: ₹ 205

250

Available

Format:

Quantity

-

1

+
About
Book Details

धर्म आ दर्शनक स्तर पर बहुलता भारतीय सभ्यता आ संस्कृतिक प्रमुख विशेषता रहल अछि। भारतीय समाज मे परस्पर विरोधी विचारधारा आपस मे टकराइत-मिलैत, सहअस्तित्वक संग समानान्तर गति सँ आगाँ बढ़ैत रहल। मुदा सत्ता-पोषित आ प्रायोजित धर्मक टारगेट पर सदिखन लोकधर्म आ सहिष्णु-समावेशी विचारधारा रहल। शुभेन्दु शेखरक विमर्शपरक उपन्यास 'ओ जे कहियो गाम छलै’ एहि साम्प्रदायिक घृणा मे अमानुष आ नृशंस होइत मिथिलाक गाम केँ बचेबाक आकांक्षा थिक। शुभेन्दु शेखरक दृष्टि वैज्ञानिक आ मानवीय छनि। ओ साम्प्रदायिकता केँ शहरी मध्यवर्गक बीमारी बुझैत छथि जे आब गामो मे नीक जकाँ पसरि चुकल अछि। सब प्रकारक दाओ-पेंच, घृणा, हिंसाक बीच रामगुलाम सन पात्र ओहि समन्वय परंपराक अंतिम कड़ी अछि जे सैकड़ो वर्ष मे निर्मित भेल छल। शुभेन्दु 'धर्म, आस्था, रूढि़ आ अंधविश्वासक बीचक मेंही रेहा’ केँ बचा लेब’ चाहैत छथि। समाज मे धार्मिक वैमनस्य पसारि क’ जंगल बनाब’वला राजनीतिक खिलाड़ीक लेल लेखकक ई चेतावनी—'जंगल के एक टा खूबी होइत छै जे एहि मे केम्हरो सँ घूसल जा सकैत छै,’ भविष्यक प्रति आशा जगबैत अछि। सम्पूर्ण उपन्यास मानवीय विवेकक धुरी पर केन्द्रित अछि। लोकोक्ति आ मुहावरा सँ गूँथल, किस्सागोईपूर्ण एहि उपन्यासक इंद्रधनुषी भाषाक छटा पाठक केँ बान्हैत अछि, संगहि मनुक्ख बनल रहबाक लेल उद्वेलित सेहो करैत अछि। —श्रीधरम

ISBN: 9788195182701

Pages: 104

Avg Reading Time: 3 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

Customer Reviews

0 out of 5

Book

Hurry! Limited-Time Coupon Code

WORDPOWER
* Terms and Conditions applied.

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp