Raag-Anurag

Raag-Anurag

Authors(s):

Ravishankar

Language:

Hindi

Pages:

308

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

616 mins

Buy For ₹399

* Actual purchase price could be much less, as we run various offers

Book Description

<span lang="HI">रज़ा फ़ाउण्डेशन ने हिन्दी लेखकों और कलाकारों की सुशोधित विस्तृत जीवनियाँ लिखाने और प्रकाशित कराने का प्रोजेक्ट बनाया है और उस पर काम चल रहा है : कई जीवनियाँ इस क्रम में प्रकाशित हो गयी हैं। भारत के मूर्धन्य कलाकारों में से बहुत कम ने अपनी आत्मकथाएँ लिखी हैं। इनमें चित्रकार</span>,&nbsp;<span lang="HI">संगीतकार</span>,&nbsp;<span lang="HI">रंगकर्मी</span>,&nbsp;<span lang="HI">नर्तक आदि शामिल हैं। पुस्तकमाला में ऐसी आत्मकथाओं को हम हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत करने का प्रयत्न करते रहे हैं। पण्डित रविशंकर की यह अधूरी आत्मकथा</span>,&nbsp;<span lang="HI">बाङ्ला से अनूदित</span>,&nbsp;<span lang="HI">प्रस्तुत करते हमें प्रसन्‍नता है। एक महान् संगीतकार होने के साथ-साथ उनका बहुत बड़ा योगदान भारतीय शास्‍त्रीय संगीत को विश्व संगीत में मान्यता और उचित स्‍थान दिलाने का बेहद सर्जनात्मक प्रयत्न रहा है।</span></p> <p>—<span lang="HI">अशोक वाजपेयी</span>

More Books from Rajkamal Prakashan Samuh