Haadse

Haadse

Authors(s):

Ramanika Gupta

Language:

Hindi

Pages:

267

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

534 mins

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Book Description

इस आत्मकथा को स्त्री के अपने चुनाव की कहानी भी कहा जा सकता है। पटियाला के बड़े मिलिटरी अफ़सर की ज़िद्दी और अपने मन का करनेवाली लड़की जो अपनी हरकतों से बार-बार बाप और उनके परिवार को असुविधाओं में डालती है, खुली मीटिंगों में उनके सामन्ती दोमुँहेपन पर प्रहार करती है, विभाजन की त्रासदी झेलती मुस्लिम महिलाओं की आवाज़ बनकर जवाब माँगती है और फिर अपने मन से क्षत्रिय (राजपूत) परिवार छोड़कर अन्य जाति के लड़के (गुप्ता) से शादी करके बिहार (झारखंड समेत) चली आती है। यहाँ आकर पति से विद्रोह करके मज़दूरों-कामगारों के बीच उनके संघर्ष का जीवन चुनती है।</p> <p>इस आत्मकथा को सामन्तवाद और लोकतन्त्र के खुले द्वन्द्व की तरह भी पढ़ा जा सकता है।</p> <p>इन्हीं तूफ़ानी झंझावातों से गुज़रकर आई है रमणिका गुप्ता। आर्य समाज, कांग्रेस, समाजवादी और कम्युनिस्ट होने की उनकी यह यात्रा भारतीय राजनीति के नाटकीय मोड़ों का इतिहास भी है और विकास भी।

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