Aahatein Sun Raha Hun Yadon Ki

Aahatein Sun Raha Hun Yadon Ki

Author:

Kashinath Singh

Language:

Hindi

Category:

Biographies-and-autobiographies

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Book Details

काशीनाथ सिंह कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और आलोचना लिखकर और कथाकार के रूप में ख्याति अर्जित कर संस्मरणों की दुनिया में आए। सम्भवत: इसीलिए उनके संस्मरण अन्तत: स्मृति-कथाएँ हैं। कथा, जिसमें गल्प का तत्व कभी भी यथार्थ के सामने निस्तेज और प्रभावहीन नहीं होता। ऐतिहासिक व्यक्तियों और वास्तविक घटनाओं के इर्द-गिर्द बुने जाने पर भी उनमें रचनात्मकता और कल्पना के पहलू ऐसे मिले-जुले होते हैं कि वे कभी भी ‘यथार्थ’ को ‘भारी’, ‘ठोस’ और ‘पत्थर’ सा नहीं बनने देते। यहाँ ‘यथार्थ’ एक जीवित पाखी की तरह ‘गल्प’ के पंख लगाकर जीवन के महा-आकाश में उड़ता है। कहानी-उपन्यास से संस्मरण की ओर आने का एक लाभ यह भी हुआ है कि कहानी-उपन्यास बुनते-गढ़ते हुए जो सीखें कथाकार काशीनाथ सिंह को मिली थीं, वे यहाँ भी काम आ सकी हैं।</p>
<p>काशीनाथ सिंह के संस्मरणों में वास्तविकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उनमें एक ख़ास तरह की स्पष्टता, साहसिकता और बेबाकी पैदा की है। भोजपुरी की शक्ति, जो उनकी कहानियों में, संयत भाव से प्रकट होती थी, उनके संस्मरणों में खुलकर प्रकट होती है। बनारसीपन ने इन संस्मरणों के गद्य को जीवन का आईना बना दिया। हरिशंकर परसाई और नामवर सिंह—गद्य में काशीनाथ सिंह के आदर्श मालूम पड़ते हैं। इसीलिए उनके संस्मरणों की संरचना में करुणा और व्यंग्य अन्तर्भुक्त हैं। इन दोनों गद्यकारों की तरह उनकी भाषा बतकही के अत्यन्त निकट चली जाती है। छोटे-छोटे वाक्य, कौतुक और खिलंदड़ापन उनकी भाषा में भीतर तक विन्यस्त है। बनारसीपन इन सबको एक नया रंग देता है ।</p>
<p>‘आहटें सुन रहा हूँ यादों की’ स्मृति-कथाओं की किताब है। इस पुस्तक में ‘याद हो कि न याद हो’ के पहले संस्करण के बाद प्रकाशित छोटे-बड़े 18 संस्मरण शामिल हैं। पुस्तक के पहले खंड के संस्मरण निजी जीवन के इर्द-गिर्द घूमते हैं। दूसरे खंड में काशीनाथ सिंह के निकट जनों–गुरु बच्चन सिंह, बड़े भाई नामवर जी के परम मित्र वकील साहेब उर्फ नागेंद्र सिंह, आलोचक-मित्र-संगठक प्रो. कमला प्रसाद, मित्र-कथाकार दूधनाथ सिंह, मित्र–भाषाविज्ञानी श्री राम अधार सिंह और कमउम्र मित्र सिने विशेषज्ञ श्री प्रह्लाद अग्रवाल पर केन्द्रित संस्मरण हैं।</p>
<p>काशीनाथ सिंह के इन संस्मरणों से गुजरते हुए सहज ही आभास होता है कि वास्तविक देश के सामानान्तर स्मृति एक देश है!

ISBN: 9789360869809

Pages: 224

Avg Reading Time: 7 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

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