Bihar Ke Mere Pachchis Varsh
Author:
Kalpana SastriPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Unavailable
जिस कालखंड में देश का पढ़ा-लिखा वर्ग बिहार जाने से डर रहा था और बिहार का पढ़ा-लिखा वर्ग राज्य से बाहर नहीं तो, गाँवों को छोड़ शहरों में अपनी जगह बनाने का जी-तोड़ प्रयास कर रहा था, उस वक़्त कल्पना महाराष्ट्र के सुव्यवस्थित माहौल को छोड़कर स्वेच्छा से बिहार आईं और वहाँ किसी शहर में नहीं बल्कि धुर गाँवों में काम कर रही हैं।</p>
<p>बिहार में काम करने के माध्यम के रूप में इन्होंने एक संस्था बनाई और गाँव की मुसहर तथा दुसाध दलित महिलाओं के बीच काम शुरू किया। गांधीवादी विचार को माननेवाले समूहों के साथ चर्चा करने के लिए एक संगठन द्वारा इन्हें जर्मनी बुलाया गया। एक प्रसिद्ध शान्तिवादी संगठन आई.एफ़.ओ.आर. के स्वीडन सम्मेलन में शामिल हुईं और फिलाडेल्फ़िया के क्वेकर समूह द्वारा आयोजित लम्बे प्रशिक्षण कोर्स का भी अनुभव लिया। इन अनुभवों के साथ-साथ बिहार के गाँवों को भी देखना, समझना और वह भी अन्दर घुसकर सामाजिक कार्यों के माध्यम से—ख़ुद लेखिका के लिए भी—बहुत शिक्षाप्रद और रोमांचक रहा है।</p>
<p>इस किताब में उन्होंने बिहार के गाँवों के झरोखों से जैसा देखा, वैसा लिखा है। अपने काम का ज़िक्र करते हुए वहाँ के समाज की आवश्यकताएँ बताई हैं, लोगों के स्वभाव बतलाए हैं और सम्बन्धों के पारिवारिक व सामाजिक ताने-बाने को खोलकर दिखाया है।</p>
<p>आशा है, विषय की गहराई में जानेवाले लोगों को यह किताब अच्छी लगेगी।
ISBN: 9788183610629
Pages: 127
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: The greatest run-scorer in the history of cricket, Sachin Tendulkar retired in 2013 after an astonishing 24 years at the top. The most celebrated Indian cricketer of all time, he received the Bharat Ratna Award - India's highest civilian honour - on the day of his retirement. Now Sachin Tendulkar tells his own remarkable story - from his first Test cap at the age of 16 to his 100th international century and the emotional final farewell that brought his country to a standstill. When a boisterous Mumbai youngster's excess energies were channelled into cricket, the result was record-breaking schoolboy batting exploits that launched the career of a cricketing phenomenon. Before long Sachin Tendulkar was the cornerstone of India's batting line-up, his every move watched by a cricket-mad nation's devoted followers. Never has a cricketer been burdened with so many expectations; never has a cricketer performed at such a high level for so long and with such style - scoring more runs and making more centuries than any other player, in both Tests and one-day games. And perhaps only one cricketer could have brought together a shocked nation by defiantly scoring a Test century shortly after terrorist attacks rocked Mumbai. His many achievements with India include winning the World Cup and topping the world Test rankings. Yet he has also known his fair share of frustration and failure - from injuries and early World Cup exits to stinging criticism from the press, especially during his unhappy tenure as captain. Despite his celebrity status, Sachin Tendulkar has always remained a very private man, devoted to his family and his country. Now, for the first time, he provides a fascinating insight into his personal life and gives a frank and revealing account of a sporting life like no other.
Apna Najari Me
- Author Name:
Ed. Kedar Kanan
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- Description: Collection of Maithili Autobiographies
Arjun Singh : Ek Sahayatri Itihaas ka
- Author Name:
Ramsharan Joshi
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- Description: जीवनी : चुरहट से दिल्ली तक देश के किसी विख्यात व जीवित राजनेता की जीवनी लिखना जोखिम-भरा काम है। जब जीवनी का नायक अर्जुन सिंह जैसा राष्ट्रीय नेता रहे, तब खंडन-मंडन की सम्भावना सतत रहेगी। केन्द्र व मध्य प्रदेश के विभिन्न मंत्री पदों और पंजाब के राज्यपाल पद पर रहनेवाले सिंह नेहरू-इन्दिरा काल के उन चन्द नेताओं में से एक थे जिनकी धर्मनिरपेक्षता, बहुलतावाद और समाजवाद में अभेद्य आस्था थी। वैश्वीकरण व एकलध्रुवीय व्यवस्था के दबावों के बावजूद सिंह ने राष्ट्रीय सम्प्रभुता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा। उन्होंने अपनी प्रतिबद्धताओं की राजनीतिक क़ीमत भी चुकाई। वे विवादों और उपेक्षाओं के भी शिकार हुए लेकिन अपने संकल्प-पथ से डिगे नहीं। सिंह ने अपनी विफलताओं व उपलब्धियों के साथ अपना जीवन जिया। यह जीवनी चुरहट से दिल्ली तक की यात्रा तय करनेवाले पथिक अर्जुन सिंह के राजनीतिक बसन्त व पतझड़ की यथार्थपरक कहानी है।
Shabdon Ke Aalok Mein
- Author Name:
Krishna Sobti
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- Description: ‘शब्दों के आलोक में’ एक पुरानी जन्म तारीख़ के नए-पुराने मुखड़ों और कार्यकारी उभरते पाठ के रचनात्मक टुकड़ों की बंदिश है जिसे एक जिल्द में सँजोया गया है। पाठ न नएपन से आक्रान्त है और न पुरानेपन से आतंकित। जीने का एक ऐसा मौसम इसके आर-पार फैला है जो न लेखक की कार्य-क्षमताओं पर हावी है और न साहित्यिक मुखौटों से भयभीत। ट्रैक पर दौड़ते हुए न किसी को पछाड़ने की हसरत और न किसी से पिछड़ने का डर।
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