Sabhi Ke Liye Manvadhikar
Author:
Pratapmal DevpuraPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 32
₹
40
Available
जन्म से ही प्रत्येक मानव के कुछ अधिकार हैं। ‘सभी के लिए मानवाधिकार’ पुस्तक में मानवाधिकारों के विभिन्न पक्षों को सरल भाषा में समझाया गया है जिन्हें पढ़कर बच्चे और नवसाक्षर भी मानवाधिकारों को समझ सकते हैं। पुस्तक में पाठक को बच्चों के अधिकार, लैंगिक समानता, महिला समानता का अधिकार, महिलाओं के आर्थिक अधिकार, सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार और पुलिस जैसे विषयों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया है।
ISBN: 9789381864166
Pages: 28
Avg Reading Time: 1 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: एक किताब उन सबके लिए, जिन्हें कष्ट और नुकसान से जूझना पड़ा। यदि ईश्वर है, जो सबकुछ जानता है, सर्वशक्तिमान है और करुणामय भी है, तो चारों तरफ इतना असहनीय दुःख क्यों? हमारे धार्मिक शास्त्रों में कष्ट पर सफाई में क्या कहा गया है? क्या वह सफाई जाँच में टिक पाती है? क्या हमारा अनुभव इस बात को स्वीकार करता है कि ईश्वर है? या फिर दो शैतान— समय और संयोग उन सबका कारण है, जिनसे हमें गुजरना पड़ता है? दुःख और कष्ट का अनुभव कर चुके अरुण शौरी ने शास्त्रों की अग्नि-परीक्षा ली और फिर हमें बताया कि क्यों अंततः उनका झुकाव बुद्ध की शिक्षा की ओर हुआ। उनकी शिक्षा में हमारे दैनिक जीवन के लिए कौन से संदेश हैं?
Delhi Ki Anusuchit Jatiyan Va Aarakshan Vyavastha
- Author Name:
Ramesh Chander
- Book Type:

- Description: संविधान निर्मात्री सभा को स्पष्ट था कि यदि हिंदू समाज और देश चाहता है कि देश का प्रत्येक नागरिक सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास करे तो इन अनुसूचित जातियों के लिए विशेष विकासपरक प्रावधान करने होंगे और इसी विकास की आकांक्षा में संविधान में अनुसूचित जातियों के लिए राजनैतिक, नौकरियों इत्यादि क्षेत्रों में आरक्षण की व्यवस्था की गई। प्रस्तुत लघु पुस्तक में उन परिस्थितियों की संक्षेप में चर्चा की गई है, जिसने हमारे संविधान निर्माताओं को आरक्षण व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रेरित किया। इसी प्रकार पुस्तक में अभागे अछूतों (जो आज दलित या अनुसूचित जातियाँ कहलाते हैं) के प्रति अमानवीय परंपराओं व भेदभावपूर्ण नीतियों की चर्चा की गई है, जिसके चलते समाज का एक बड़ा हिस्सा गर्त में चला गया था। पुस्तक को इस प्रकार प्रस्तुत किया गया है कि समाज के सभी वर्गों (कर्मचारी, अधिकारी, प्रमाण-पत्र प्रार्थी व अन्य सभी) को दिल्ली की अनुसूचित जातियों के बारे में सही मूलभूत जानकारी मिले, जिससे आरक्षण नीति के औचित्य एवं इसे सही ढंग से लागू करने व समाज को समझने में मदद मिले। ऐसी अनेकों जातियाँ हैं, जिनसे हम अनभिज्ञ हैं। विश्वास है कि इस पुस्तक से इन जातियों के बारे में यह अनभिज्ञता दूर होगी।
Reporting India (Hindi Translation of Reporting India)
- Author Name:
Prem Prakash
- Book Type:

- Description: रिपोर्टिंग इंडिया' भारतीय पत्रकारिता जगत् में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले, प्रेम प्रकाश के जीवन और समय का एक रोचक वर्णन है। एक फोटोग्राफर, फिल्म कैमरामैन और स्तंभकार के रूप में प्रकाश ने अपने लंबे और शानदार कैरियर के दौरान देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं को कवर किया और इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों, सैन्य तख्तापलट और उग्रवाद के गवाह भी बने। यह पुस्तक प्रकाश के बेमिसाल काम की सराहना करती है, जिसमें उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन की विस्तृत जानकारी दी गई है। साथ ही उनकी ओर से कवर की गई सबसे प्रभावशाली खबरों की यादें भी ताजा करती है, जिनमें 1962 के भारत-चीन युद्ध से लेकर पाकिस्तान के खिलाफ 1965 और 1971 के युद्ध और आपातकाल से लेकर इंदिरा गांधी की हत्या तक शामिल हैं । साथ ही, लाल बहादुर शास्त्री की दुर्भाग्यपूर्ण ताशकंद यात्रा से लेकर बॉग्लादेश की मुक्ति और जवाहरलाल नेहरू के निधन से लेकर नरेंद्र मोदी के उत्थान तक की खबरें शामिल हैं। पढ़ने में बेहद दिलचस्प यह पुस्तक भारतीय इतिहास के कुछ निर्णायक क्षणों को जीवंत बना देती है।
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