Thasak
Author:
Mamta KaliyaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Unavailable
वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया की इन कहानियों में आज का वक़्त अपनी तमाम विडम्बनाओं के साथ मौजूद है। नब्बे के दशक के दौरान और उसके बाद हमारे समाज ने जीवन के जिन नए रूपों को देखा और भोगा, वह उससे पहले हमारे दैनिक अनुभवों का हिस्सा नहीं थे। उदारीकरण आया, और अपने साथ ऐसी अनेक चीज़ें लेकर आया जिनसे हमारा जीने और देखने का तरीक़ा एकदम बदल गया—मोबाइल, इंटरनेट, बैंकिंग की नई-नई पद्धतियों, एटीएम, मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन की चारों दिशाओं में पसरे नए-नए साधन और इन सबका बिना किसी हिचक सुख भोगने के लिए ज़रूरी निश्चिन्तता।</p>
<p>इन कहानियों में ममता कालिया ने बिलकुल इसी दौर में जन्मे नए कथाकार जैसी ताज़गी और सहजता के साथ इन सब चीज़ों से बनते नए वक़्त और नए नागरिक के चित्र खींचे हैं। और यह सुनी-पढ़ी सूचनाओं के नहीं, प्राथमिक और आँखों देखे अनुभवों के चित्र हैं। मशीनी सुगमता में बीतते जीवन ने अपने को इन कहानियों में इतने स्पष्ट रूप में रेखांकित किया है कि ममता जी की भाषा और कहन के प्रवाह में डूबा पाठक भी, उन्हें महसूस करने से नहीं बच पाता। यही इन कहानियों को लगभग इन्हीं विषयों पर लिखी जा रही अनेक कहानियों से विशिष्ट बनाता है।
ISBN: 9789388211000
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Mujhe Kuchh Kahana Hai….
- Author Name:
Khwaja Ahmad Abbas
- Book Type:

-
Description:
बहुत कम लोग जानते हैं कि फ़िल्मकार-कहानीकार ख़्वाजा अहमद अब्बास की क़लम की दुनिया कितनी बड़ी थी। सत्तर साल की अपनी ज़िन्दगी में उन्होंने 70 ही किताबें भी लिखीं और असंख्य अख़बारों और रिसालों में आलेख भी। हर बुधवार को 'ब्लिट्ज' में उनका स्तम्भ, अंग्रेज़ी में 'द लास्ट पेज' और उर्दू में 'आज़ाद क़लम' शीर्षक से, छपता था। और आपको जानकर हैरानी होगी कि इसे उन्होंने चालीस साल लगातार लिखा, जिसमें दोनों ज़बानों के विषय भी अक्सर अलग होते थे। कहते हैं कि ये दुनिया में अपने ढंग का एक रिकॉर्ड है।
आपके हाथों में जो है वह उनकी कहानियों का संकलन है। इस संकलन की सभी 17 कहानियों को उनकी नातिन और उनके साहित्य की अध्येता ज़ोया ज़ैदी ने संगृहीत किया है। इनमें कुछ कहानियाँ पहली बार हिन्दी में आ रही हैं। डॉ. ज़ैदी का कहना है कि अब्बास साहब ऐसे व्यक्ति थे जिनके ''जीवन का लक्ष्य होता है, एक उद्देश्य जिसके लिए वे जीते हैं। एक मक़सद मनुष्य के समाज में बदलाव लाने का, उसकी सोई हुई आत्मा को जगाने का।''
यही काम उन्होंने अपनी कहानियों, फ़िल्मों और अपने स्तम्भों में आजीवन किया। आमजन से हमदर्दी, मानवीयता में अटूट विश्वास, स्त्री की पीड़ा की गहरी पारखी समझ और भ्रष्ट नौकरशाही से एक तीखी कलाकार-सुलभ जुगुप्सा, वे तत्त्व हैं जो इन कहानियों में देखने को मिलते हैं। डॉ. ज़ैदी के शब्दों में, ये कहानियाँ अब्बास साहब की आत्मा का दर्पण हैं। इन कहानियों में आपको वो अब्बास मिलेंगे जो इनसान को एक विकसित और अच्छे व्यक्ति के रूप में देखना चाहते थे।
इस किताब का एक ख़ास आकर्षण ख़्वाजा अहमद अब्बास का एक साक्षात्कार है जिसे किसी और ने नहीं, कृश्न चन्दर ने लिया था।
Dharohar Kahaniyaan : Acharya Chatursen Shastri
- Author Name:
Acharya Chatursen
- Book Type:

- Description: चतुरसेन शास्त्री ने अपनी कहानियों का निर्माण कल्पना और इतिहास के इतने रोमानी धरातल से किया है कि ये कहानियाँ सदा अमर रहेंगी। इन कहानियों के कथानक निर्माण में क्रमबद्ध स्वाभाविक घटनाओं के घटने का प्रमुख हाथ है। इस संयोग से कथानक में नाटकीय विकास होता है। उनकी कथा-सृष्टि सौन्दर्य, प्रेम और बलिदान की रेखाओं से हुई है। उनकी सामाजिक कहानियों में भी इसी तरह कल्पना, नाटकीय स्थितियों, संयोग और आदर्श आदि तत्त्वों का आपस में अद्भुत तादात्म्य उपस्थित हुआ है। —लक्ष्मीनारायण लाल
KETI-KOTI
- Author Name:
Pushpita Awasthi
- Book Type:

- Description: Collection Of Short stories
Maine Chand Tare To Nahin Mange The
- Author Name:
Neelima Singh
- Book Type:

-
Description:
इस संकलन की कहानियाँ नारी के उस मनोजगत को अभिव्यक्त करती हैं जिसमें बदलाव की एक प्रक्रिया निरन्तर चल रही है और अपने निर्णय ख़ुद लेने की दिशा में बढ़ती हुई वह यह भी साबित कर रही है कि स्त्रियाँ केवल भावनाओं और संवेदनाओं की प्रतिमूर्ति ही नहीं होतीं, वे समाज में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाने में समर्थ हैं। लेखिका ने बिना बड़बोले नारी-विमर्श और नारी सशक्तीकरण के शोर-शराबे के इन कहानियों को मानवीय संवेदनाओं के धरातल पर उस सामाजिकता के साथ सम्भव किया है जो हमारे समकालीन समाज की पहचान है। इसी वजह से ये कहानियाँ सहज, स्वाभाविक बनकर सर्वग्राही हो सकी हैं।
पुरुषप्रधान समाज द्वारा स्थापित पूजनीयता और दैवीयता जैसी धारणाओं की लक्ष्मण रेखाओं को उलाँघकर आज की नारी एक व्यावहारिक इकाई के रूप में उभरकर आ रही है। थोपी गई पवित्रता के नाम पर आज वह पुनर्विवाह के लिए भी किसी का मुँह नहीं देखती। इन कहानियों के आईने से अपने समाज को देखें तो पता चलता है कि मैथिलीशरण गुप्त की पंक्ति ‘आँचल में है दूध और आँखों में पानी’ की नारी-मूर्ति अब ज़्यादा अर्थ नहीं रखती। ये स्त्रियाँ अपने पुत्रों के समक्ष अपने द्वारा किए गए त्याग और दी गई ममता का प्रत्युत्तर भी माँगती हैं। नारी जगत को एक नए दृष्टिकोण के साथ अभिव्यक्त करने वाली ये कहानियाँ पाठक को आरम्भ से अन्त तक बाँधे रखने की क्षमता से लैस हैं।
Dilli Mein Neend
- Author Name:
Uma Shankar Choudhary
- Book Type:

-
Description:
उमा शंकर चौधरी लम्बी कहानियों के सिद्धहस्त लेखक हैं। उनकी कहानियाँ आपको मदमस्त नहीं करतीं, बल्कि परेशान करती हैं। आप उनसे भागना भी चाहते हैं लेकिन एक तत्त्व है लेखक में कि वह जीवन की सही सच्चाइयाँ पकड़ लेता है। लेखक के पास छोटी-छोटी चीज़ों के लम्बे-लम्बे वृत्तान्त हैं। इतने कि कई बार आपको ऊब होने लगती है। लेकिन यही लेखक की सूक्ष्म निरीक्षण-क्षमता है। ‘दिल्ली में नींद’ संग्रह की तमाम कहानियाँ इस बात का प्रमाण हैं। चाहे वह राजेश्वर सिंह की कहानी हो या फुच्चु मास्साब की या सुनानी की; एक गहरी पीड़ा इन सब में है। उनकी कहानियाँ सपाट नहीं हैं। वे यथार्थ के भीतर जाती हैं और कई बार उसका अतिक्रमण करती हैं। इसके लिए कई बार वे जादुई यथार्थवाद का भी इस्तेमाल करते हैं। उनके सरोकार स्पष्ट हैं और उसमें कोई फाँक नहीं है। इस संग्रह की कहानियाँ सामन्ती समाज के अन्तर्विरोधों की कहानियाँ हैं तो इनमें उदारीकरण के बाद के शहरी समाज की निम्नमध्यवर्गीय पीड़ा भी है। आम आदमी के दु:ख-दर्द उमा शंकर की कहानियों की ख़ास विशेषता है और यही उन्हें अपनी पीढ़ी में सबसे अलग करती है।
—शशिभूषण द्विवेदी
Maati
- Author Name:
Shivshankar Shrinivas
- Book Type:

- Description: मैथिली कहानी को युगीन, प्रगतिशील और चेतना-सम्पन्न बनाने में कहानीकार शिवशंकर श्रीनिवास महत्त्वपूर्ण हैं। वे एक साथ गंवई और शहरी जीवन यथार्थ को अपनी कहानियों में मूत्र्त करते हैं। मिथिला समाज का एक बड़ा भूभाग इनकी कहानियों में अनूठे रूप में चित्रित हुआ है तो वहीं महानगरीय जीवन की विद्रूपता-विरूपता भी विभिन्न रूपों और छवियों में बेधक ढंग से व्यंजित हुई है। पीडि़त-वंचित और विपन्न स्त्री-समाज का एक बड़ा और अर्थपूर्ण कैनवास भी इनकी कहानियों की आधारभूमि रहा है। अपने रागात्मक और बहुरंगी जीवन की मार्मिक अभिव्यक्ति के कारण इनकी कहानियाँ चर्चित-बहुपठित रही हैं। कहानियों की सघन बुनावट, उनका आंतरिक सौंदर्य, भाषा-प्रवाह की सहजता, कथ्यों के दुर्लभ प्रयोग, संवादों की गतिमयता, जीवन यथार्थ की विश्वसनीयता इन्हें विरल कहानीकार के रूप में स्थापित करते हैं।
Pratinidhi Kahaniyan : Govind Mishra
- Author Name:
Govind Mishra
- Book Type:

- Description: समकालीन कथा-परिवेश और यथार्थवादी कथा-लेखन के सन्दर्भ में टिप्पणी करते हुए एक जगह गोविन्द मिश्र ने लिखा है कि “यथार्थवादी लेखन के इस युग में लेखक को सामाजिक विसंगतियों की यंत्रणा चित्रित करने के आगे उन बातों और चरित्रों में भी जाना होगा, जिनकी वजह से विसंगतियाँ है”, ताकि न तो मानवीय यंत्रणा के अधूरेपन का अहसास हो और न क्रान्तिकारिता के खोखलेपन का। दरअसल हिन्दी-कहानी के विभिन्न दौरों से निरपेक्ष रहते हुए जिन कथाकारों ने अपनी एक स्वतंत्र पहचान बनाई है, गोविन्द मिश्र उनकी पहली क़तार में आते हैं। यह संकलन उनके कई प्रकाशित कहानी-संग्रहों से उनकी महत्त्वपूर्ण और बहुचर्चित कहानियों का चयन है। इन कहानियों के माध्यम से हम वर्तमान भारतीय समाज के विभिन्न चरित्रों और स्तरों से परिचित होते हैं। अपने कथा-चरित्रों के प्रति लेखक का कोई पूर्वग्रह नहीं, बल्कि वह उन्हें जीवन-स्थितियों के बीच पहचानता है। यही कारण है कि ये कहानियाँ हमें जीवन की विविधता तक ले जाती हैं और हमारे भीतर एक इन्द्रधनुषी संसार सजीव हो उठता है।
Kala Ragister
- Author Name:
Ravindra Kaliya
- Book Type:

- Description: एक टुटही सायकल है, उसके टैक्स का टोकन मैंने सायकल में ही कसवा दिया है। अब सरकार मुझसे क्या चाहती है? हुज़ूर आप ही बताइए, जो शख़्स बिना हुज्जत के सरकार का पूरा टैक्स अदा कर देता है, जिसकी किसी से कोई अदावत नहीं, जो सिर्फ़ अपने काम से काम रखता है और गर्दन नीची किए हुए उसी अल्लाह मियाँ को याद करके चुपचाप चलता रहता है, वह क्यों इतना परेशाँ है? जिधर निकलता हूँ, यही आवाज़ें आने लगती हैं—मारो! मारो! क्यों मरोगे भाई? मैंने क्या गुनाह किया है, किस जुर्म की सज़ा देना चाहते हो। इस घर से आवाज़ आ रही है, उस घर से भी यही आवाज़ आ रही है। बाज वक़्त कान लगाकर सुनता हूँ तो यक़ीन हो जाता है कि किसी इनसान की ही आवाज़ है। आप तो पढ़े-लिखे आदमी हैं हुज़ूर, क्या मुझे बता सकते हैं कि हुकूमत क्यों ख़ामोश है? लगता है, आप हुकूमत की बात से ऊब रहे हैं।
Nak Bani Musibat
- Author Name:
Naoya Shiga
- Book Type:

- Description: ‘नाक’ के प्रसंग लगभग हर सभ्यता और संस्कृति से जुड़े हैं। ‘नाक बनी मुसीबत’ एक व्यंग्यात्मक कहानी है। संग्रह की बाक़ी कहानियाँ गम्भीर हैं। ‘नन्हे का भगवान’ अध्यात्म से प्रभावित है तो ‘किनोसाकी से’ ज़िन्दगी और मौत की कशमकश पर शिगा नाओया का जीवन-दर्शन है। ‘एक और काली बिल्ली’ मनुष्य और जानवर के उभरते आत्मीय सम्बन्ध की भावनात्मक गाथा है जो जापान की समसामयिक रचनाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
Ganzifa Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Naiyar Masood
- Book Type:

-
Description:
“हिन्दी और उर्दू के बीच संवाद, आवाजाही और लेन-देन हिन्दी परम्परा का एक ज़रूरी हिस्सा रहे हैं। उर्दू साहित्य का बहुत बड़ा हिस्सा देवनागरी और हिन्दी में पढ़ा-गुना-सराहा जाता रहा है। हमें इसी क्रम में उर्दू के मशहूर कथाकार नैयर मसूद की कहानियों का एक चयन हिन्दी में प्रस्तुत करते हुए ख़ुशी है। यह सिर्फ़ एक समृद्ध भारतीय प्रतिभा से परिचित कराने भर का उद्यम नहीं है, यह इस सच्चाई पर इसरार करना भी है कि उर्दू में नवाचार सशक्त ढंग से अनेक रूपों में हो रहा है। इस नवाचार का आस्वाद हिन्दी पाठक को भी लेना चाहिए।”
—अशोक वाजपेयी
Katha Saptak Manisha Kulshreshtha
- Author Name:
Manisha Kulshreshtha
- Rating:
- Book Type:


- Description: स्त्री जीवन के विभिन्न रंगों को उकेरी ७ कहानियाँ, हरेक कहानी अपने आप में भावनाओं के अनूठे अनुभवों को समेटे हुए। - कठपुतलियाँ - स्वाँग - एडोनिस और लिली के फूल - क़सुमल रंग - आर्किड - एक थी लिलन - ज़मीन
Game Hasti Ka Ho Kis Se…!
- Author Name:
Vijay Mohan Singh
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी के सुपरिचित कहानीकार तथा कथा समीक्षक डॉ. विजयमोहन सिंह का यह चौथा कहानी-संग्रह है। संग्रह की अधिकांश कहानियाँ उस मुहावरे से बाहर का पाठ प्रस्तुत करती हैं जिन्हें हम सामान्यतः ‘आधुनिक कहानी’ कहते हैं। न केवल शिल्प तथा भाषा के स्तर पर बल्कि कथानक और ट्रीटमेंट के स्तर पर भी ये कहानियाँ परिचित तथा रूढ़ मुहावरों से पृथक् अपनी निजी कथा भाषा का निर्माण करती हैं। कुछ कहानियों में संस्कृतनिष्ठ शब्दावली का प्रयोग एक विशेष प्रकार की व्यंजनात्मक अभिव्यक्ति के लिए किया गया है जो परम्परागत इतिवृत्तात्मक शैली को एक नए सन्दर्भ प्रदान करता है।
‘अंगरक्षक’ जैसी कहानी एक ऐसी सामाजिक विडम्बना को प्रस्तुत करती है जो समकालीन परिवेश में स्त्री की क्रूर नियति को सामने लाती है। प्रायः सर्वत्र व्याप्त एक अन्तर्निहित गूढ़ व्यंग्य इन कहानियों की केन्द्रीय विशेषता है। इन कहानियों के बारे में स्वयं लेखक का कहना है कि मेरी कहानियों की जो शृंखला पिछले दो दशकों से चली आ रही है, ये कहानियाँ उसके विराम की कहानियाँ हैं क्योंकि उस ‘सामन्ती अवशेष’ का जितना उत्खनन मैं कर सकता था, कर चुका—‘एक बँगला बने न्यारा’ से लेकर इन कहानियों तक।
संग्रह का शीर्षक ग़ालिब के इस विख्यात शे’र का अंश है जो इस संग्रह की एक कहानी का शीर्षक भी है। आज़ादी के बाद के परिवर्तित होते हुए सामाजिक-राजनैतिक परिवेश में उससे असम्पृक्त तथा उसके अपने को अजनबी अकेला और उखड़ा हुआ महसूस करनेवाला सामन्त वर्ग का प्रतिनिधि कहानी के नायक को सहसा अपने अस्तित्व की निरर्थकता का बड़ी शिद्दत से एहसास होने लगता है जिसकी परिणति आत्महत्या में होती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि मूलतः यह ‘आत्महत्या’ या अन्त एक पूरे युग का अन्त है जो आज अप्रासंगिक तथा निरर्थक हो चुका है।
Name Plate
- Author Name:
Kshama Sharma
- Book Type:

-
Description:
क्षमा शर्मा की 28 कहानियों का यह संग्रह स्त्री की दुनिया के जितने आयामों को खोलता है, उसके जितने सम्भवतम रूपों को दिखाता है, स्त्री के बारे में जितने मिथों और धारणाओं को तोड़ता है, ऐसा कम ही कहानीकारों के कहानी-संग्रहों में देखने को मिलता है।
क्षमा शर्मा हिन्दी लेखकों की आम आदत के विपरीत अपेक्षया छोटी कहानियाँ लिखती हैं जो अपने आप में सुखद हैं। उनकी लगभग हर कहानी स्त्री-पात्र के आसपास घूमती ज़रूर है मगर क्षमा शर्मा उस किस्म के स्त्रीवाद का शिकार नहीं हैं जिसमें स्त्री की समस्याओं के सारे हल सरलतापूर्वक पुरुष को गाली देकर ढूँढ़ लिए जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वह पुरुषों या पुरुष वर्चस्ववाद को बख़्शती हैं, उसकी मलामत वे ज़रूर करती हैं और ख़ूब करती हैं, मगर उनकी तमाम कहानियों से यह स्पष्ट है कि उनके एजेंडे में स्त्री की तकलीफ़ें, उसके संघर्ष और हिम्मत से स्थितियों का मुक़ाबला करने की उसकी ताक़त को उभारना ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है।
वह इस मिथ को तोड़ती हैं कि सौतेली माँ, असली माँ से हर हालत में कम होती है या एक विधुर बूढ़े के साथ एक युवा स्त्री के सम्बन्धों में वह प्यार और चिन्ता नहीं हो सकती, जो कि समान वय के पुरुष के साथ होती है। वह देह पर स्त्री के अधिकार की वकालत करती हैं और किसी विशेष परिस्थिति में उसे बेचकर कमाने के विरुद्ध कोई नैतिकतावादी रवैया नहीं अपनातीं। उनकी कहानियों में लड़कियाँ हैं तो बूढ़ी औरतें भी हैं, दमन की शिकार वे औरतें हैं जो एक दिन चुपचाप मर जाती हैं तो वे भी हैं जो कि लगातार संघर्ष करती हैं लेकिन स्त्री की दुनिया के अनेक रूपों को हमारे सामने रखनेवाली ये कहानियाँ किसी और दुनिया की कहानियाँ नहीं लगतीं, हमारी अपनी इसी दुनिया की लगती हैं बल्कि लगती ही नहीं, हैं
भी।इनके पात्र हमारे आसपास, हमारे अपने घरों में मिलते हैं। बस हमारी कठिनाई यह है कि हम उन्हें इस तरह देखना नहीं चाहते, देख नहीं पाते, जिस प्रकार क्षमा शर्मा हमें दिखाती हैं और एक बार जब हम उन्हें इस तरह देखना सीख जाते हैं तो फिर वे एक अलग व्यक्ति, एक अलग शख़्सियत नज़र आती हैं और हम स्त्री के बारे में सामान्य क़िस्म की उन सरल अवधारणाओं से जूझने लगते हैं जिन्हें हमने बचपन से अब तक प्रयत्नपूर्वक पाला है, संस्कारित किया है। क्षमा शर्मा की कहानियों की यह सबसे बड़ी ताक़त है, उनकी भाषा और शैली की पुख़्तगी के अलावा।
Yugaadi
- Author Name:
Vasudhendra
- Book Type:

- Description: ವಸುಧೇಂದ್ರರ ಈ ಕಥಾಸಂಕಲನಕ್ಕೆ ಹಲವು ಪ್ರಶಸ್ತಿಗಳು ಸಂದಿವೆ. ಮುಖ್ಯವಾಗಿ ಡಾ. ಯು ಆರ್ ಅನಂತಮೂರ್ತಿ ಪ್ರಶಸ್ತಿ ಹಾಗೂ ವರ್ಧಮಾನ ಉದಯೋನ್ಮುಖ ಪ್ರಶಸ್ತಿಗಳು ಈ ಸಂಕಲನಕ್ಕೆ ದಕ್ಕಿವೆ.
Tark ka Toofan
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘तर्क का तूफ़ान’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘निर्वासिता’, ‘अपनी करनी’, ‘तर्क का तूफ़ान’, ‘मेरी जीत’, ‘जन सेवक’, ‘उतरा नशा डायन’, ‘सोम का साहस’, ‘होली नहीं खेलता’, ‘क़ानून’, ‘जादू के चावल’, ‘औरत’, ‘भाषा’, ‘पर्दा’, ‘रजा’ और ‘तर्क का फल’।
Rafu Wali Saree
- Author Name:
Dakshineshwar Rai Renu
- Book Type:

- Description: ग्रामीण, क़स्बाई और शहरी जीवन के सुख-दुख की ये कहानियाँ अपने भाषिक प्रवाह के लिए ख़ासतौर पर प्रभावित करती हैं। कहीं छोटे और कहीं बड़े अपने कलेवर में जीवन का एक सम्पूर्ण चित्र सम्भव करती हुईं ये कहानियाँ देर तक हमारी स्मृति में बनी रहती हैं। शीर्षक कथा ‘रफू वाली साड़ी’ के अलावा ‘एक टुकड़ा प्रेम’, ‘किस्मत का खेल’, ‘भला कीजिए भला होगा’, ‘मोहिनी’, ‘पिता’ और ‘भला-बुरा’ आदि संग्रह की लगभग सभी कहानियाँ निम्न तथा मध्यवर्गीय भारतीय जीवन के किसी न किसी महत्त्वपूर्ण पहलू को उजागर करती हैं। यह कथाकार का कौशल है कि अपनी कहानी के फ़्रेम में वे मनुष्य-जीवन के कई पहलुओं को एक साथ रेखांकित करते हुए चलते हैं। ‘चुनावी यात्रा’ शीर्षक कहानी इसका अच्छा उदाहरण है जिसमें आम जन-जीवन से जुड़ी कितनी ही समस्याओं को छूते हुए कथाकार बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, काम के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में पलायन की विडम्बना को दिखाते हुए नई पीढ़ी में राजनीतिक सजगता के अभाव की ओर भी इशारा करती है। एक पठनीय कथा-संग्रह|
Turning Point
- Author Name:
Geeta Pandit
- Book Type:

- Description: Book
Patariyan
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

- Description: स्वातंत्र्योत्तर भारत में उभरता नया मध्यवर्ग भीष्म साहनी के कथाकार को लगातार आकर्षित करता रहा। शहरी टापुओं पर भटकते इस नए यात्री की सीमाओं और विडम्बनाओं को उन्होंने कहीं थोड़ी तुर्शी, तो कहीं गहरी हमदर्दी के साथ रेखांकित किया, और मध्यवर्ग के रूप में बसती हुई नई नागरिकता को वृहत्त मानवीय परिप्रेक्ष्य के भूत-भविष्य के सामने रखकर बार-बार जाँचा-परखा भी। वर्ष 1973 में प्रकाशित इस कहानी-संग्रह की चौदह कहानियों में से कई उनकी इस विशेषता की साक्षी हैं, लेकिन संग्रह की सबसे चर्चित कहानी 'अमृतसर आ गया है...’ की पृष्ठभूमि थोड़ी अलग है। आज़ादी के साथ आई विभाजन की विभीषिका यहाँ फिर अपनी तीव्रता के साथ उपस्थित है। यह कहानी बताती है कि ज़मीन का वह बँटवारा कितनी कड़वाहट के साथ लोगों के दिलों में उतरा, लेकिन फिर भी उन महीन सूत्रों को निस्तेज नहीं कर पाया जो अपनी ज़मीनों से उखड़ने के बाद भी लोगों की साँसों में बसे थे। शीर्षक कथा 'पटरियाँ’ एक मध्यवर्गीय युवक की कहानी है जिसके रहन-सहन को देखकर रसोइया भी उससे ठीक व्यवहार नहीं करता, लेकिन फिर जब उसका जीवन पटरी पर आने लगता है तो उसके सपने भी जुड़ाने लगते हैं। पठनीय, स्मरणीय, संग्रहणीय कहानियाँ।
Her Own Way and Other Stories
- Author Name:
Abburi Chaya Devi +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: "Her Own Way and Other Stories" is a short story collection by Abburi Chaya Devi and Indira Babbelapati, published by Sahitya Akademi. The book is written in English. The collection also includes stories written by Abburi Chaya Devi, Indira Babbelapati, and Sahitya Akademi.
Ek Thi Maina Ek Tha Kumhar
- Author Name:
Hari Bhatnagar
- Book Type:

- Description: This book has no description
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.