Registan Mein Jheel
Author:
Anand HarshulPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 360
₹
450
Unavailable
आज के संचार प्रौद्योगिकी और आक्रामक उपभोक्तावाद के दौर में जब तमाम चीज़ें शोर, यांत्रिकता, बाज़ार, वस्तु-सनक, उन्माद और हाहाकार में ग़ायब होती जा रही हों—यहाँ तक कि मानवीय रिश्ते भी—प्रकृति और पर्यावरण भी—आनंद हर्षुल जैसे अपने धीमे, शान्त और अनोखे शिल्प से एक तरह का प्रतिवाद रचते हैं और यथार्थ तथा फन्तासी के मिश्रण का एक समानान्तर सौन्दर्यशास्त्र रचते हैं। बग़ैर घोषित किए उनकी कहानियाँ उत्तर-आधुनिक होकर भी स्मृतिहीनता के विरुद्ध हैं।</p>
<p>आनंद हर्षुल की कहानियाँ पढ़ते हुए अनुभव किया जा सकता है कि यथार्थ के समाजशास्त्रीय ज्ञान के आतंक में इन दिनों कहानी के गद्य में जिस सघन ऐन्द्रिकता और एक तरह की अबोधता का अकाल है, आनंद हर्षुल उन पर सबसे ज़्यादा भरोसा करते हैं, इसलिए जो चीज़ें अक्सर लोगों को जड़ स्थिर दिखाई देती हैं, वे यहाँ साँस लेती हैं। आनंद हर्षुल का सघन ऐन्द्रिकता और अबोधता पर भरोसा एक सार्थक प्रतिवाद है।</p>
<p>—परमानन्द श्रीवास्तव
ISBN: 9788126725885
Pages: 232
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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