Shabdon Ka Khakrob
Author:
Raju SharmaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 160
₹
200
Unavailable
यह पहला प्रकाशित संकलन है राजू शर्मा की कहानियों का। इसमें जो कहानियाँ<br />संगृहीत हैं, वे एक लम्बे समयान्तर के बीच लिखी गई हैं। मसलन ‘चिट्ठी के मार्फ़त’ और ‘मुक़दमा’<br />अस्सी के मध्य की कहानियाँ हैं। इसके बाद ‘रिवर्स स्वीप’, ‘कूड़े का ढेर&#39; और ‘मोटी बातें&#39; 1993 के<br />आसपास की हैं। लम्बी कहानी ‘शब्दों का ख़ाकरोब’ 1995 के बाद की कहानी है और तभी के समय<br />को रेखांकित करती है।<br />लगभग सभी कहानियाँ एक विशेष ढंग से अपने समय और समस्या का अंकन और आकलन करती<br />हैं। कहानियों का ज़ोर उन सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं पर है जो इंसान की मजबूरी, उसकी<br />स्वायत्तता का सिकुड़ता दायरा और उसकी देर-सवेर की विकृतियों और विषमताओं को जन्म देती हैं।<br />और उसे एक अजनबी पहचान प्रदान करती हैं। ‘मोटी बातें’ का लगातार फूलता मन्नीलाल और ‘रिवर्स<br />स्वीप’ के उलटी दृष्टि प्राप्त ओझा जी ऐसे दो उदाहरण हैं।<br />‘शब्दों का ख़ाकरोब’ एक लम्बी, पूर्णत: राजनैतिक व नायाब कहानी है। यह एक रचनात्मक रूपक की<br />तरह उद्घाटित होता एक घटना-निबन्ध है। वर्तमान बल्कि ताज़ा राजनीति के नाटकीय मोड़, साझा<br />राजनीति के नए अनुभव, राजनीति की अनिवार्यता व उसकी मजबूरी, राजनैतिक दुराचरण की<br />अभिशप्तता व उसके गहरे, दूसरे अर्थ—इस तरह के बहुत से सवालों, भव्यताओं, अजूबियत व<br />चमत्कारी प्रभावों को समेकित करती है यह लम्बी कहानी। यह एक ऐसी कृति है जो राजनीति की<br />आन्तरिक जटिलता को बड़ी सूक्ष्मता से पकड़ती है।<br />इस संग्रह की हर कहानी सामाजिक यथार्थ का कोई न कोई पक्ष नए तरीक़ों से प्रस्तुत करती है।<br />परन्तु ‘शब्दों का ख़ाकरोब’ एक ऐसी कहानी है जिस पर विशेष रूप से चर्चा होगी व होनी चाहिए।
ISBN: 9788171194087
Pages: 177
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Vishama Bhinnaraashi
- Author Name:
Vasudhendra
- Rating:
- Book Type:

- Description: ಪ್ರಮುಖ ಕತೆಗಾರ ವಸುಧೇಂದ್ರ ಅವರು ಬರೆದಿರುವ ಅಮೃತ ಸೊಪ್ಪು, ವಾಹಿನಿ, ಡೆವಿಲ್ ಡಾಗ್, ವಿಷಮ ಭಿನ್ನರಾಶಿ, ನಿಯಮ ಬಾಹಿರ, ಸೈಕಲ್ ಸವಾರಿ, ಚತುರ್ಮುಖ, ಆಡಬಾರದ ಮಾತುಗಳು ಕಾಡುವಾಗ- ಹೀಗೆ ಎಂಟು ಕಥೆಗಳನ್ನು ಈ ಕೃತಿಯು ಒಳಗೊಂಡಿದೆ. ತಂದೆ ತಾಯಿ, ಸಂಸ್ಕಾರವನ್ನೂ ಮರೆತು ತಂತ್ರಜ್ಞಾನ ಜಗತ್ತಿನಲ್ಲಿ ಹುದ್ದೆಯಲ್ಲಿ ಮೇಲೇರಲು ಹಪಾಹಪಿಸುವ ಯುವ ಜನಾಂಗವನ್ನು ಈ ಕೃತಿಯಲ್ಲಿ ಹಿಡಿದಿಟ್ಟಿದ್ದಾರೆ.
Sakshi Hai Peepal
- Author Name:
Joram Yalam Nabam
- Book Type:

-
Description:
साक्षी है पीपल की कहानियाँ बिना किसी लाग-लपेट या दाब-ढाँक के जीवन के यथार्थ और त्रासदियों को अभिव्यक्त करती हैं। किसी में पापुमपारे नदी क्षेत्र का वातावरण है, किसी में जोराम गाँव, किसी में जीरो नामक जगह। स्त्रियाँ सभी कहानियों के केन्द्र में हैं। भिन्न-भिन्न भूमिकाएँ निभाती हुई, सबसे बड़ी पत्नी के रूप में भारी-भरकम जिम्मेदारी उठाती हुई, अपनी मर्जी दर्शाते हुए पति की एक के बाद एक शादियाँ करवाती हुई, दोनों वक़्त भोजन पकाती हुई, खेत-जंगल में हाड़तोड़ काम करती हुई, समूह-उत्सव में स्थानीय दारू का प्रबन्ध करती हुई, बार-बार छली जाकर टूटती हुई, सबसे छोटी पत्नी के रूप में अपमान सहती हुई और जीती हुई, कभी-कभी किसी सौत के हमउम्र पुत्र की ओर आकृष्ट होती हुई। यही स्त्री अपने होने का अर्थ खोजती हुई भी यालाम की कहानियों में मौजूद है।
इन कहानियों के बच्चे भी विलक्षण हैं। अनेक माँओं, किन्तु एक ही पुरुष की सन्तान होकर साथ-साथ रहते, सोते, खाते, शिकार करते, खेती में सहायता करते, शैतानी और मनोरंजन करते तथा अपनी ज़रूरतें ख़ुद पूरी करने को आतुर।
बाह्य संरचना की दृष्टि से ये कहानियाँ बतकही के काफ़ी क़रीब हैं। रचना के ढाँचे के बारे में कोई ख़ास सावधानी दिखाई नहीं देती–ऐसी तो बिल्कुल नहीं, जो किसी लेखक को आशंका से भरे रखती है कि कहीं कोई उसकी कलात्मकता में कोई कमज़ोरी न खोज ले। यालाम को इसकी चिन्ता नहीं है।
बिना किसी बनाव-सिंगार के जीवन और जीजिविषा के जो विविध चित्र इन कहानियों में उपस्थित हैं वे अविस्मरणीय हैं।
Cheelen
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

-
Description:
भीष्म साहनी ने बहैसियत कथाकार पठनीयता और क़िस्सागोई की कला को इस तरह साधा था कि आलोचक जहाँ उनकी दृष्टि के वैशिष्ट्य से प्रभावित होते थे, वहीं साधारण पाठक कहानी के कहानीपन से। शहरी और क़स्बाई मध्यवर्गीय जीवन में ज़्यादा सहूलियत महसूस करनेवाली उनकी लेखनी ने ज़रूरत पड़ने पर समाज के बीभत्स और भयावह चित्रों को भी अंकित किया। यह वैविध्य इन कहानियों में भी मिलता है। अभी तक असंकलित रही इन कहानियों में ‘सफ़ाई अभियान’ जैसी कहानियाँ भी हैं जो सफ़ेदपोश मध्यवर्ग की वैचारिक दिशाहीनता और सामाजिक निष्क्रियता के दो पहलुओं को एक साथ रेखांकित करती हैं, और 'दुलारी का प्रेमी' जैसी समाज के पिछवाड़े बसी ज़िन्दगी के काले कोनों को उजागर करती कहानियाँ भी। साम्प्रदायिक सद्भाव भीष्म जी के कथाकार की स्थायी
चिन्ताओं में हमेशा रहा। इस संग्रह में शामिल कहानी ‘मैं भी दिया जलाऊँगा, माँ।' गहरे मानवीय बोध के साथ इसी विषय को सम्बोधित कहानी है जिसमे एक मुस्लिम बच्चे के मन
को अत्यन्त करुणा और भावप्रवणता के साथ उकेरा गया है। कहने की आवश्यकता नहीं कि भीष्म साहनी के पाठकों के लिए यहाँ-वहाँ प्रकाशित होती रही इन कहानियों की एकत्र प्रस्तुति पाठकों के लिए एक उपहार साबित होगी।
Chithhi Jo Padhee Nahin Gai
- Author Name:
Krishna Ambashth
- Book Type:

-
Description:
कहानीकार, कवि, व्यंग्यकार और निबन्धों पर भी सफलतापूर्वक हाथ आज़माने वाले कृष्ण अम्बष्ठ का यह कहानी-संग्रह पारिवारिक रिश्तों से लेकर प्रशासनिक दुनिया में फैले लोभ-लालच के बीहड़ तक को खँगालता है।
संग्रह में शामिल इक्कीस कहानियाँ अपने विषय-वैविध्य के अलावा पठनीयता के लिए भी उल्लेखनीय हैं। मध्यवर्गीय और निम्न-मध्यवर्गीय जीवन से लिए गए पात्रों के मन और परिवेश की लेखक को गहरी समझ है जो इन कहानियों की बुनावट में जाहिर होती है। आर्थिक अभाव के चलते अपने मानवीय आग्रहों से बरबस च्युत होते हुए लोग, ऊँचे पदों पर बैठे हुए लोगों की स्वाभाविक हो चली क्रूरता और दूसरी तरफ़ पूजा-पाठ आदि का आडम्बर—यह सब एक पूरी दुनिया की तरह यहाँ प्रकट होता है।
अपने आसपास की वस्तुओं और लोगों का ‘ऑब्जर्वेशन’ कृष्ण अम्बष्ठ की इन कहानियों की पठनीयता को रोचक और सहज बना देता है। ‘माइल स्टोन’ शीर्षक कहानी की ये पंक्तियाँ देखें : “कई घरों में एक से अधिक घडि़यों के रहने पर भी उनकी मिनटवाली सुइयों में आपसी तालमेल का अभाव-सा रहता है।” निजी जीवन में लेखक के बहुरंगी अनुभवों की छटा इन कहानियों के कलेवर को विस्तृत करती है, और विश्वसनीय भी बनाती है।
The Deep Sleep
- Author Name:
Yvan Pommaux
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Epochal Voices
- Author Name:
Murari Madhusudan Thakur
- Rating:
- Book Type:

- Description: A comparison of the lives and writing of Devkota and Nirala by Murari Madhusudan Thakur. Sahitya Akademi Award 2021
Pratinidhi Kahaniyan: Manzoor Ehtesham
- Author Name:
Manzoor Ehtesham
- Book Type:

- Description: बड़े मानवीय विज़न और अपने परिवेश में धड़कते जीवन की सूक्ष्म हरकतों को एक सहज भाषा में पकड़ने वाले कथाकार मंज़ूर एहतेशाम की ये कहानियाँ हमें उनकी कथा-विधियों और विश्व दृष्टि, दोनों से परिचित कराती हैं। अपने यादगार उपन्यासों से जाने जानेवाले मंज़ूर अपनी कहानियों के छोटे फलक में बड़े सवाल उठाते हैं, जिनके दायरे में राजनीति, समाज, मनुष्य निर्मित आपदाओं से लेकर धार्मिक जड़ताओं से उपजी अमानवीयता तक आ जाती है। शिल्प के स्तर पर जोखिम उठाते हुए वे कैसे अपने समय के सत्य के पीछे दूर तक चले जाते हैं, इस संचयन में शामिल कहानियों से हमें यह भी पता चलता है। इस प्रस्तुति की सम्पादक वन्दना राग की यह टिप्पणी ठीक ही है कि ‘अपनी ख़ूबसूरत भाषा और बिम्बों के साथ-साथ मुलायम अहसासों का ऐसा ताना-बाना रचनेवाले’ कथाकार कम ही होंगे।
Aakash Deep
- Author Name:
Jaishankar Prasad
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत कहानी-संग्रह 'आकाश-दीप' में कहानी की संरचना केन्द्रीभूत नहीं है, बल्कि बुनावट की दृष्टि से भावकेन्द्रित है और वह भाव है चम्पा की 'मानसिक स्थिति' का संकेत जो सारे कथ्य को लोककथा की तरह संकेन्द्रित करती है, परन्तु, लोककथाओं की तरह मुक्त नहीं करती है, बल्कि चिन्तित और व्याकुल करती है। यही वह अन्तर है जो प्रसाद के योगदान को महत्त्वपूर्ण बना देता है।
‘आकाश-दीप' संग्रह 'प्रतिध्वनि' की तुलना में न केवल मानव-मन की पर्तों के उद्घाटन और अँधेरों की पहचान में सफल है बल्कि सामाजिक सच्चाई को अधिक सटीक ढंग से संकेतित करने में भी सफल है। इस संग्रह में संकलित ‘आकाश-दीप’, ‘पुरस्कार’, ‘ममता’, ‘अपराधी’, ‘स्वर्ग के खँडहर’, ‘बनजारा' कहानियाँ अपने में निष्कर्षात्मक नहीं है, परन्तु जिस प्रकार की विकल्पहीनता और भावसंघर्ष को व्यक्त करती हैं, वह उस युग के भारतीय मध्यवर्ग की सृजनात्मक अभिव्यक्ति है।
Nahar Mein Bahati Lashen
- Author Name:
Raju Sharma
- Book Type:

- Description: ‘नहर में बहती लाशें’ कथाकार राजू शर्मा का चर्चित कहानी-संग्रह है। अपनी कहानियों से राजू शर्मा ने जो ख्याति अर्जित की है, उसे कई अर्थों में ख़ास कहा जा सकता है। वे एक ऐसे रचनाकार हैं जो प्रचलित परिपाटियों, मुहावरों, आशयों और सुविधाओं से वीतराग दूरी बनाते हुए अभिव्यक्ति के बेपहचाने बीहड़ रास्ते तलाश करते हैं। राजू शर्मा यथार्थ का उत्खनन करते हैं। इस प्रक्रिया में वे धारणाओं, विमर्शों और निष्कर्षों से टकराते हैं। जटिल रचनात्मक जद्दोजेहद के बाद वे किसी वृत्तान्त के बहाने समय का अप्रत्याशित चेहरा प्रकट करते हैं। इन कहानियों को 'निरी साहित्यिक संरचना' कहना, सम्भवत: इनकी अर्थसमृद्धि को सीमित करना है। राजनीति, अर्थशास्त्र, संस्कृति, प्रशासन, परम्परा और आधुनिकता की प्रखर समझ के कारण राजू शर्मा 'सभ्यता के संकटों' पर व्यापक बहस का प्रस्थान बनाते हैं। इस संग्रह की कहानियों में आश्वस्तकारी वैविध्य है। यह विविधता उस एकरूपता-एकरसता का निषेध है जिससे कई बार हिन्दी कहानी आक्रान्त हो उठती है। नेहरूयुगीन संकल्पों-स्वप्नों के मोहभंग से लेकर एकान्त में स्पन्दित आसक्तियों के संगीत तक इन रचनाओं का विस्तार है। इनमें प्रेम और आकर्षण के अद्भुत चित्र हैं। सर्वोपरि यह कि राजू शर्मा भाँति-भाँति से उस सार्थकता का अनुसन्धान करते हैं जो व्यक्ति, समाज और व्यवस्था में विलुप्तप्राय पक्षी हो गई है। भाषा भी राजू शर्मा की रचनात्मक उपलब्धियों का एक आयाम है। इच्छित अर्थ के सर्वाधिक निकट पहुँचती, गद्य की अपूर्व लय से सम्पन्न और सर्जनात्मक दार्शनिकता से युक्त कथाभाषा प्रस्तुत कहानी-संग्रह को अविस्मरणीय बनाती है। एक महत्त्वपूर्ण कहानी-संग्रह।
Gulamon Ka Ganatantra
- Author Name:
Rajendra Chandrakant Rai
- Book Type:

- Description: Collection of Stories
Muhavare Ki Maut
- Author Name:
Anurag Anant
- Book Type:

- Description: अनुराग अनन्त की कहानियों की विशिष्टता यह है कि वह कथा के लिए किसी ‘बाहरी अन्य’ पर निर्भर नहीं हैं। अपनी निर्मिति, अपनी गति, विवरण, अपनी आख्यानात्मकता के स्थापत्य और उसके ‘इंटीरियर’ (आन्तरिकता) को बनाने के लिए सारे जरूरी पदार्थ या सामग्री वह अपने ही भीतर से जुटाती और गढ़ती हैं। ‘मुहावरे की मौत’ की कई कहानियाँ ऐसी हैं, जो कहानी के कहानी होने का ही विध्वंस करती हैं और अपनी मौलिकता के जादुई सम्मोहन से वास्तविक जीवन का सच अर्जित करने का विरल और दुष्कर प्रयत्न एक सतत विरोधाभासी सहजता के साथ करती हैं। ये कहानियाँ आज की और सम्भवतः भविष्य की कहानी को, कहानी से मुक्ति की कहानियाँ होने का आसन्न संकेत देती हैं। इस संग्रह की कोई भी एक कहानी उठाइए, मसलन पहली ही कहानी, जिसका शीर्षक है ‘त्रासदी का सिद्धान्त’ और इसके पाठ (टेक्स्ट) के किसी भी वाक्य या पैराग्राफ के किसी भी एक बिन्दु पर कलम या कर्सर रख दीजिए, फिर देखिए। एक साथ कई-कई संस्तरों, कई परतों में एक अकेले व्यक्ति के जीवन के कई प्रारूप जन्म लेने लगते हैं। स्मृति, अनुभव, सिनेमा, विभ्रम, अवसन्नता, जागृति, मूर्च्छा, नींद, कविता, कैनवास, सैरा, परिवार, समय, समाज, वर्चुअल, रियल, सत्य, असत्य, सूचना, अफवाह आदि आदि...। सब के सब एक दूसरे में घुलते-पिघलते हुए। एक अजब काइनेटिक फर्मेंटेशन। कोई हतप्रभ करता, आँखें खोलता, पीड़ित और सुखद एक साथ करता हुआ निरन्तर बदलता गतिशील विन्यास। किसी भी शहर का नाम लो, हर शहर के एक अकेले जीवन की ऐसी कहानियाँ, जिनके दिल में एक सुराख है, एक गहरा कुआँ, ऐसी कहानियाँ जिन्हें नींद नहीं आती, जो सपनों को खाती हैं और आँसुओं को पीती हैं, जो अचानक अपने गद्य को त्याग कर कविता बन जाती हैं, फिर उसे भी तजते हुए किसी चित्र या फिल्म के गतिमय दृश्य रचने लगती हैं। और यह सारा कुछ किसी ऐसे ‘ग्रांड इवेंट’ की तरह है, जिसे म्युनिसिपेलिटी के सुनसान पार्क का एक गार्ड अचानक अपना डंडा घुमाकर डाँटते हुए, पलक झपकते गायब कर देता है। —उदय प्रकाश
Main Bhi Jaunga
- Author Name:
Ganga Prasad Vimal
- Book Type:

- Description: Collection of Stories
Is Umra Mein
- Author Name:
Shrilal Shukla
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी साहित्य के शिखर रचनाकार श्रीलाल शुक्ल की महत्त्वपूर्ण कहानियों का संग्रह है ‘इस उम्र में’। यह एक अप्रतिम लेखक की अपने सामाजिक यथार्थ पर अचूक पकड़ और उसे बयान करने की उसकी अद् भुत कला का साक्ष्य है। उसकी कहानियाँ हिन्दी कहानी की रूढ़ियों, फ़ार्मूलों, खाद्यानों से दूर खड़ी हैं और रचना के संसार में नई निर्मितियाँ तैयार कर रही हैं। ‘इस उम्र में’ की कहानियाँ तीक्ष्ण अन्वीक्षण क्षमता से सम्पन्न होकर भारतीय समाज की गहन मीमांसा करती हैं। इनमें मौजूदा समय में प्रकट हो रहे नये बदलावों की संवेदनात्मक आहटें हैं। यहाँ तक कि कई समसामयिक घटनाएँ, प्रवृत्तियाँ और रुझान भी दर्ज हैं। न केवल इतना, श्रीलाल शुक्ल ने सामाजिक संरचना में तेज़ी से उभर रहीं नई शक्तियों के प्रतिरोध और परिवर्तन को भी पहचान कर उस प्रकट किया है।
‘इस उम्र में’ की कहानियाँ कई बार चली आ रही वास्तविकता को नई जीवन-दृष्टि से उलट-पुलट जाती हैं तो कई बार इनमें नई पीड़ाओं, दु:खों और क्रूरताओं को पुरानी धारणाओं के प्रहसनात्मक विखंडन के ज़रिए उजागर किया गया है। श्रीलाल शुक्ल यहाँ अभिव्यक्ति के नए-पुराने रूपों में बेमुरौवत तोड़-फोड़ करते हैं, फिर उनका ऐसा अजीब मिलाप कराते हैं कि समाज का चेहरा उजागर हो जाता है और हिन्दी कहानी का चेहरा बदल जाता है।
ये कहानियाँ अपनी कहन-शैली के लिए भी लम्बे समय तक याद की जाएँगी। वातावरण तथा चरित्रों की जैसी सघन पड़ताल और बात कहने के लिए जैसी तिर्यक भाषा ‘इस उम्र में’ की रचनाओं में सतत मौजूद है, वह हिन्दी कहानी में विरल है। ‘इस उम्र में’ की कहानियाँ सुविख्यात कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल की अनेक कृतियों की तरह गहरी हलचल पैदा करने की सामर्थ्य रखती हैं। वे इस बात का सुराग़ भी देती हैं कि क्यों श्रीलाल शुक्ल की रचनाओं के प्रति लोगों में हमेशा एक उत्सुकता, इज़्ज़त और अधीर प्रतीक्षा बनी रहती है।
Shreshtha Bal Kahaniyan part 1
- Author Name:
Prakash Manu
- Rating:
- Book Type:

- Description: Collection of children short stories, compiled abd edited by Prakash Manu.
Kissa Jaam Ka
- Author Name:
Nasera Sharma
- Book Type:

-
Description:
ईरान और भारत की सांस्कृतिक घनिष्ठता और साहित्यिक आदान-प्रदान का क्रम अब भी जीवित है और उसका एक नमूना ये खुरासान की लोककथाएँ हैं जिनका फ़ारसी से हिन्दी में अनुवाद पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। ये केवल अनुवाद मात्र ही नहीं हैं, मौलिक रचनाएँ ही हैं, क्योंकि ये लोककथाएँ खुरासान की बोली में हैं। अनगिनत पीढ़ियों से बहती हुई सरिता की तरह, उस जन समाज की लोककथाएँ, जो कि एक क्षेत्र विशेष में फला और फूला है, उसके आधारभूत विचारधाराओं, सभ्यता तथा संस्कृति की प्रतीक हैं।
खुरासान की प्रस्तुत लोककथाएँ उस क्षेत्र का, जो ईरान की सभ्यता और संस्कृति में बेजोड़ रहा है, एक दर्पण है। इसमें पाठक उस प्राचीन भव्य जन समाज की एक झलक देख सकते हैं। खुरासान एक चौराहे की तरह है जहाँ ईरान की सभ्यता तथा संस्कृति संगठित हुई और जहाँ से अन्य क्षेत्रों में फैली। ‘तूस’, ‘निशापुर’ और ‘मशहद’ के केन्द्र सांस्कृतिक वैभव के प्रतीक रहे और जहाँ पर ‘उमर खैयाम’ और ‘फिरदौसी’ जैसे चिराग़ अब भी जीवित हैं। खुरासान की ये लोककथाएँ, 'निशापुर' और ‘दमगान’ से निकले हुए फ़रोज़ों की तरह भव्य तथा सारगर्भित हैं।
आशा है कि पाठक इन कथाओं को पढ़कर खुरासान के बारे में जो कि ईरान की सभ्यता का स्तम्भ रहा है, ईरान तथा भारत की मैत्री तथा पारस्परिक सांस्कृतिक आधारों का अनुमान कर पाएँगे।
Do Khirkiyan
- Author Name:
Amrita Preetam
- Book Type:

- Description: ‘दो खिड़कियाँ’ में पंजाबी की सुप्रसिद्ध लेखिका अमृता प्रीतम की मर्मस्पर्शी रचनाएँ संग्रहीत हैं। इनमें सात कहानियाँ, एक लघु उपन्यास और सबसे अन्त में एक ऐसा प्रयोग है जिसमें दुनिया के नौ उपन्यासों में से नौ पात्र चुनकर उनकी मनोदशा को समझने की कोशिश की गई है—हर पात्र की आत्मा में पैठकर। ‘दो खिड़कियाँ’ जिसके आधार पर इस संग्रह का नामकरण हुआ है, दुनिया के निज़ाम पर भयानक व्यंग्य करती हुई कहानी है। इसकी नायिका के शब्द उसके कमरे की सामनेवाली खिड़की में से निकलकर बाहर सड़क पर चले गए हैं और अर्थ पिछली खिड़की में से निकलकर जंगल में खो गए हैं। छह अन्य कहानियों में स्त्री और स्त्री के रिश्ते का विश्लेषण है। इन छहों कहानियों का शीर्षक एक ही है—‘दो औरतें’। ‘पक्की हवेली’ शीर्षक लघु उपन्यास में भूत-प्रेतों वाली एक हवेली का दर्द एक छोटी-सी बच्ची की ज़बानी है जो मनुष्य के मन की गुत्थियों को समझने में असमर्थ है पर डरती-काँपती और रोती उसको समझने का प्रयत्न करती है। संग्रह की सारी रचनाएँ अमृता प्रीतम की स्वभावगत भावुकता से ओत-प्रोत हैं और मन पर बड़ा कवित्वमय प्रभाव छोड़ती हैं।
Sankalp Aur Sapne
- Author Name:
Sadashiv Kautuk
- Book Type:

- Description: Book
O Bhairvi
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘ओ भैरवी!’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘ओ भैरवी!’, ‘वर्दी’, ‘नकारा’, ‘सामन्ती कृपा’, ‘देवी की लीला’, ‘गौ माता’, ‘महाराजा का इलाज’, ‘मूर्ख क्रोध’, ‘सब की इज़्ज़त’, ‘न्याय और दंड’, ‘मन की पुकार’ और ‘देखा-सुना आदमी’।
Sampoorna Kahaniyan : Suryakant Tripathi Nirala
- Author Name:
Suryakant Tripathi 'Nirala'
- Book Type:

-
Description:
‘सम्पूर्ण कहानियाँ’—प्रखर जनवादी चेतना के लेखक निराला की 25 कहानियों का महत्त्वपूर्ण संग्रह है। इन कहानियों को रचना-क्रम और प्रकाशन-क्रम से यहाँ प्रस्तुत किया गया है।
निराला ने अपनी इन कहानियों में विषयवस्तु के अनुरूप ही कहानी का नया रूप गढ़ा है। वे कई बार संस्मरणात्मक ढंग से अपनी बात करते हैं, लेकिन अन्त तक आते-आते मामूली-से बदलाव से संस्मरण को कहानी में बदल देते हैं।
निराला के पहले चरण के उपन्यासों में जिस तरह कल्पना और यथार्थ के बीच अन्तर्विरोध दिखाई देता है, वह अन्तर्विरोध उपन्यास की अपेक्षा इन कहानियों में ज़्यादा तीखा है।
इन कहानियों में उनका गद्य हास्य का पुट लिये नई दीप्ति के साथ सामने आया है। जितना उसमें कसाव है, पैनापन भी उतना ही।
सुरुचिपूर्ण साज-सज्जा में प्रकाशित निराला की ये सम्पूर्ण कहानियाँ पाठकों को पहले की तरह ही अपनी ओर आकर्षित करेंगी।
Janane ki Batein (Vol. 8)
- Author Name:
Deviprasad Chattopadhyay
- Book Type:

- Description: Janane ki Batein Vol. 8 about Fiction: Stories
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...