Photoframe Mein Kaid Hansi
Author:
Suman BajpaiPublisher:
FlyDreams PublicationsLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 127.2
₹
159
Unavailable
मन के भीतर न जाने कितनी परतें होती हैं, जिन्हें स्त्री कभी छीलकर अलग कर देती है तो कभी फिर से कई और परतों में ढककर छिपा देती है। लेकिन इस दौरान वह पीड़ा के सागर में लगातार गोते लगाती रहती है। इसके बावजूद वह हर बार किनारे पर आ खड़ी होती है। स्त्री का संघर्ष ही तो है जो उसे टूटने से बचाता है। परिस्थितियाँ कई बार अवरोध बनकर उसके सामने आ खड़ी होती हैं, तब बेशक पहाड़ों-सी दृढ़ता उसमें न आ पाए, गगनचुंबी चोटियों की तरह वह सतर्क रहती है, हर बाधा को पार करने के लिए। वह हारती नहीं है, वह बस निरंतर एक नदी की तरह प्रवाहमान होती रहती है। यह स्त्री पुरुष विरोधी नहीं है, पर अपने हक़ के लिए लड़ना जानती है। स्त्री से हर रिश्ते में एक अहम भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है क्योंकि पुरुष जानता है कि वही ऐसा कर सकती है और सच में, वह ऐसा करने में सफल होती भी रही है। स्त्री जीवन के विविध पहलुओं पर केंद्रित इन कहानियों में अगर कोई उलझन है तो उसका समाधान भी है। कुछ अछूते विषयों को उजागर और स्त्री की सोच को निरूपित करती हैं इस संग्रह की कहानियाँ।
ISBN: 9788195141371
Pages: 163
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 11-18
Country of Origin: India
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Bhagwati Prasad Dobhal
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- Description: विचार जो कामयाब रहे’ भारत के बीस अग्रणी उद्योगपतियों, राजनेताओं, अधिकारियों और समाजसेवियों के रोचक और ज्ञानवर्द्धक लेखों का संकलन है। इन लेखों में इन प्रबुद्ध हस्तियों ने बताया है कि कैसे उन्होंने अपने सामने आई चुनौतियों का सामना किया और देशी व नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास किया, जिनसे राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में आनेवाली चुनौतियों और उनमें मिली सफलताओं के बारे में बताया है, साथ ही पाँच ऐसे मेगा प्रोजेक्ट्स के बारे में भी बताया है, जो हमारे राष्ट्र को एक विकसित देश बना सकते हैं। एन.आर. नारायण मूर्ति याद करते हैं कि किस तरह उन्होंने अपनी टीम के साथ इंफोसिस टेक्नोलॉजीज को विश्वस्तरीय फॉर्चून 500 कंपनी की सूची में शामिल होने लायक बनाया। रतन टाटा भारत की पहली स्वदेशी कार इंडिका के निर्माण और उसका डिजाइन तैयार करने से जुड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का ब्योरा देते हैं, तो मुकेश अंबानी 2005 तक नॉलेज इकोनॉमी में भारत द्वारा विश्व का नेतृत्व करने के अपने सपने को विस्तार से बताते हैं। आलोक शर्मा ने अपने उन दो सालों के अनुभव का जिक्र किया है, जब उन्होंने प्रतिदिन लगभग दो करोड़ लोगों के जमावड़े वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ के आयोजन की तैयारियाँ की थीं, और विलासराव सालुंखे ने पानी पंचायत के विकास का ब्योरा दिया है, जो जल-संरक्षण के क्षेत्र में एक नायाब प्रयोग है और जिसने सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र के गाँवों में किसानों की जिंदगी बदल दी है। ये अनुभव भारत के विकास की अंदरूनी कहानियाँ बताएँगे और आपको प्रेरित भी करेंगे।
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