Ghoonghat Ke Pat Khol

Ghoonghat Ke Pat Khol

Language:

Hindi

Category:

Satire

0 Reviews

Price: ₹ 52

65

Unavailable

Format:
This Book is out of stock
About
Book Details

‘घूँघट के पट खोल’ व्यंग्य-रचनाओं का संकलन है जो जीवन तथा समाज के अलग-अलग पहलुओं को विषय बनाकर लिखे गए हैं। हास्य के साथ-साथ विचार के लिए प्रेरित करनेवाले व्यंग्य-निबन्ध मौजूदा समय की वास्तविकताओं को भी एक अलग अन्दाज़ में देखते हैं।</p>
<p>मिसाल के तौर पर पहला ही व्यंग्य प्रेमचन्द के मशहूर पात्रों अलगू चौधरी और जुम्मन शेख को आज के ग्रामीण परिदृश्य में ले आता है, जहाँ आज़ादी के बाद लोकतांत्रिक राजनीति का एक स्थानीय संस्करण पनपा है। इसमें अलगू और जुम्मन की अलग-अलग पार्टियाँ हैं जिनमें एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ चलती रहती है।</p>
<p>नाई की दुकान में ‘विमान अपहरण की योजना’ का हास्य, ‘फ़ाइलें बतर्ज नायिका-भेद’ में सरकारी दफ़्तरों की लाल फीताशाही का व्यंग्यात्मक विश्लेषण, किसी शहरी कान्वेंटी की किशोर द्वारा लिखा गया ‘एक निबन्ध गाँव पर’—ऐसी कई चुटीली रचनाएँ इस पुस्तक में संकलित हैं जो आपको हँसाते-हँसाते सोचने पर मजबूर कर देंगी। इश्क़-मुहब्बत से लेकर संस्कृति, शिक्षा प्रणाली, परीक्षाएँ, साहित्य, सिनेमा तक लगभग हर विषय पर लेखक ने इसमें व्यंग्य-प्रहार किए हैं।</p>
<p>लोककला उत्सवों की विसंगतियों पर ये पंक्तियाँ देखें : ‘जो कलाकार हैं वे अपने उदर-पोषण के लिए सड़क किनारे गिट्टी फोड़ रहे हैं। अफ़सरों से लदी सरकारी जीत उन पर धूल उड़ाती हुई ‘लोक-कला’ खोज रही है।’

ISBN: 9788126703258

Pages: 168

Avg Reading Time: 6 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

Customer Reviews

0 out of 5

Book

Hurry! Limited-Time Coupon Code

WORDPOWER
* Terms and Conditions applied.

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp