The Book Of Life
Author:
J. KrishnamurtiPublisher:
Penguin IndiaLanguage:
EnglishCategory:
Religion-spirituality0 Reviews
Price: ₹ 351
₹
450
Available
'The story of mankind is in you, the vast experience, the deep-rooted fears, anxieties, sorrow, pleasure and all the beliefs that man has accommodated throughout the millennia. You are that book.'
Inspired by Krishnamurti's belief that truth is found through living, The Book of Life presents 365 timeless daily meditations, developed thematically over seven days, illuminating the concepts of freedom, personal transformation, living fully awake and much more.
The Book of Life is a profound collection of insights to treasure every day for those who have come to cherish the wisdom of this extraordinary spiritual sage as well as those who are discovering it for the first time.
ISBN: 9780141004969
Pages: 416
Avg Reading Time: 14 hrs
Age : 18+
Country of Origin: IN
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- Description: मृत्यु जीवन का अटल सत्य है; यह अवश्यंभावी है। काल को जीतना लगभग दुर्लभ एवं असंभव है। इसलिए जीव मृत्यु के भय में रहता है। अनगिनत-अनजाने प्रश्न और शंकाएँ उसके मन-मस्तिष्क को जकड़े रहती हैं। विज्ञान लेखक श्री राजेंद्र तिवारी ने गहन शोध और अध्ययन करके जटिल व दुरूह ‘मृत्यु’ के बारे में विवेचना की है। प्रस्तुत पुस्तक उनकी अब तक के प्रयासों से प्राप्त तथ्यों और उनसे निसृत निष्कर्षों की अभिव्यक्ति है। शरीर के अंदर कुछ रहता अवश्य है, जिसके बाहर जाते ही शरीर मृत हो जाता है। वह कुछ क्या है? प्राणों के निष्क्रमण की प्रकिया कष्टदायी है अथवा वस्त्र बदलने की भाँति एक सहज क्रिया? मृत्यु के उपरांत नया परिवेश प्राप्त होने तक आत्मा कहाँ विचरण करती है? क्या पुनर्जन्म होता है? क्या लोक और परलोक हैं? कर्म का सिद्धांत क्या है? क्या सद्कर्म-दुष्कर्म अर्थात् कर्म के रूप भाग्य और भविष्य की रचना करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं? क्या स्वर्ग और नरक हैं? यदि हैं तो कहीं और हैं अथवा इसी पृथ्वी पर? पुस्तक में मृत्यु के समय एवं मृत्युपर्यंत के अनुभव प्रमाण सहित प्रस्तुत किए गए हैं। संदेश यह है कि ‘सुधर जाओ अन्यथा मृत्यु के समय व पश्चात् कष्ट-ही-कष्ट हैं।’ मृत्यु से भयभीत नहीं होना है, बल्कि जिसने भी मृत्यु के रहस्य को जान लिया, अज्ञात व अंधकारमय प्रश्नों से परदा हटकर ज्ञान के प्रकाश से अवगत हो गया, उसे मृत्यु से कभी भी भय नहीं लगेगा|
Hanumat-Katha
- Author Name:
Krishan Mohan Mishra
- Book Type:

- Description: वाल्मीकि रामायण के अनुशीलन से श्रीराम तथा हनुमान की आध्यात्मिक शक्तियों के दिग्दर्शन होते हैं ।सामान्यतया इतिहास लेखन में आध्यात्मिक शक्तियों पर विचार नहीं किया जाता है, परंतु प्राचीनकाल से ही विश्व के बहुत से समुदायों में कुछ विशिष्ट मानवों में आध्यात्मिक शक्तियों की उपस्थिति के उल्लेख मिलते रहे हैं। अत: आध्यात्मिक तथा अतींद्रिय शक्तियों की अवहेलना उचित नहीं है। इस कृति में श्रीराम तथा हनुमान आदि को ऐतिहासिक समझते हुए उनकी इन शक्तियों का भी कुछ अंश तक परिज्ञान लिया गया है प्रस्तुत उपन्यास मुख्य रूप से वाल्मीकि रामायण तथा सद्गुरुओं के विचारों के आधार पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से लिखा गया है| अस्तु, यदि प्रस्तुत कृति में कुछ अच्छा है, तो वह महान् कवि वाल्मीकि का प्रसाद है और निर्विवाद प्रतीति यह है कि बिना केसरीनंदन हनुमान की कृपा के तो रामकथा अथवा उसका कोई अंश लिखा ही नहीं जासकता। श्री हनुमान के समर्पण, भक्ति, पराक्रम, पौरुष और त्याग का दिग्दर्शन करवाता अत्यंत पठनीय उपन्यास ।
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