Kapilgita
Author:
Ashok Kumar SharmaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Religion-spirituality0 Ratings
Price: ₹ 200
₹
250
Available
अहं ममाभिमानोत्थैः कामलोभादिभिर्मलैः।
वीतं यदा मनः शुद्धं अदुःखं असुखं समम्॥
जब मन अहंकार और काम-लोभ से मुक्त हो जाता है, तब वह दुःख और सुख से मुक्त हो जाता है। इस अवस्था में आत्मा प्रकृति से परे, अखंडित और स्वयं प्रकाशित रूप प्राप्त कर लेती है।
ISBN: 9789349159969
Pages: 232
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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